होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति की महिमा ‘अपरंपार’…


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सभी माननीय, अधिकारियों और कर्मचारियों के लिये सिर्फ और सिर्फ एक संदेश है…जीरो टॉलरेंस…लेकिन क्या इस पर लोग अमल कर रहे हैं ? सवाल बड़ा है लेकिन कर्मयोगियों के लिये बेहद आसान राह…। सबसे टॉप पर बैठा इंसान यदि इसी संदेश पर अमल करे तो मजाल है,निचले स्तर का अधिकारी या कर्मचारी भ्रष्टाचार करे…। जब विभाग का मुखिया यानि माननीय ही नियमों को तोड़े तो आप क्या कहेंगे ? वरिष्ठ अधिकारियों की जगह कनिष्ठ अधिकारियों की तैनाती कर दे, कर्मयोगियों के बजाये चाटुकारों, चरण वंदना करने वाले अधिकारियों को बड़े जिलों की कमान दे, खुली छूट दे तो इसका सीधा मतलब है कि सिस्टम में मिलावट है। या तो माननीय की आंखों में धूल झोंक कर चालबाज अधिकारी अपने मंसूबों में कामयाब हो रहे हैं या फिर मंत्री धृतराष्ट की तरह आंखों पर पटटी बांधकर तमाशा देखते हुये पत्रावलियों का निस्तारण कर रहे हैं। होमगार्ड विभाग में भी मंत्री धर्मवीर प्रजापति द्वारा इस सरकार में नियमों के विपरित ऐसे फैसले लिये गये जो ये दर्शाता है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के विपरित काम किया जा रहा है। इसकी वजह से सरकार के प्रति अधिकारियों और कर्मचारियों में आक्रोश का भाव पनप रहा है जो आगामी चुनाव में घातक साबित हो सकता है।

पेश है संवाददाता धनीष श्रीवास्तव की स्पेशल रिपोर्ट… होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति की महिमा अपरंपार…

1- जिला कमांडेंट और मंडल कमांडेंट की पोस्टिंग में वरीयता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।

2- कमाऊ पूतों को बड़े- बड़े मंडल और जिलों में तैनात कर शासनादेश की धज्ज्यिां उड़ायी जा रही है।

3- जिला कमांडेंट और मंडल कमांडेंट चाहें चार दिन पहले ही प्रमोशन पाये हो, यदि वह मंत्री को खुश कर दिये तो जांबाज माना जाता है। फि र तो उसका सात खून माफ समझा जाता है।

4- मंडल कमांडेंट और जिला कमांडेंट, चाहे ंअंगूठा टेक ही क्यों न हो, अगर मंत्री जी को …खुश करने में समर्थ है तो मंत्री उसे जिले के साथ ही डीआईजी और आईजी का भी चार्ज दे देते हैं।

5- विभाग के सबसे वरिष्ठ अधिकारी डीआईजी संजीव शुक्ला को केवल डीआईजी, पश्चिम परिक्षेत्र का चार्ज दिया गया है जबकि उनसे जूनियर विवेक सिंह, जो मंत्री जी की जाति वर्ग के हैं, उन्हें आईजी बनाया गया है। इतना ही नहीं, डीआईजी मुख्यालय ,डीआईजी लखनऊ परिक्षेत्र का चार्ज भी दे दिया गया। विवेक सिंह का रिटायरमेंट 31 मई 2025 को है। मंत्री जी का बस चले तो मई के बाद भी उन्हें मानदेय पर रख दें। आखिर कमाऊ पूत जो ठहरे। अधिकारियों ने बताया कि डीआईजी, मुख्यालय के पास प्रदेश के सभी अधिकारियों का बही-खाता होता है,इसलिये इनके पास बिना कहे दक्षिणा पहुंच जाता है।

6- सुनील कुमार जैसे वरिष्ठ मंडल कमांडेंट ग्रेड -2 को डीटीसी, अयोध्या पर पटका गया है, जबकि उनसे जूनियर अमित मिश्रा को अयोध्या मंडल में तैनात किया गया है।

7- 6 वरिष्ठ मंडल कमांडेंट ग्रेड – 2 के हैं। जैसे- आर. के. वर्मा को आजमगढ़ जैसे छोटे मंडल में तैनात किया गया है, इसके पहले भी बस्ती जैसे छोटे मंडल में फेंका गया था, जबकि सबसे जूनियर मंडलीय कमांडेंट तेज प्रकाश को गोरखपुर में तैनात किया गया है। वजह, मंत्री जी को लंबा-चौड़ा भु…बुझ रहे हैं ना…।

8- डीजी के स्टाफ अफ सर विनय मिश्रा को स्टाफ अफ सर के साथ डीआईजी, सीटीआई का भी चार्ज दिया गया है ।

9- धर्म देव मौर्य को प्रयागराज में स्थापित किया गया है। अनिल सिंह को कानपुर नगर में सजाया गया है, क्योंकि सब के सब लेन-देन में माहिर हैं ।

10- अजय कुमार पाण्डेय, वरिष्ठ मंडल कमांडेंट ग्रेड – 2 को डीटीसी, लखनऊ पर फेंका गया है और उनसे काफ ी जूनियर संजय सिंह को लखनऊ मंडल पर बिठाया गया है।

11- जूनियर और प्रमोटी कमांडेंट बृजेश मिश्र को वाराणसी में , मनोज बघेल को आजमगढ़ में, मार्कण्डेय सिंह को गोरखपुर में, सिद्धार्थ चौधरी को मेरठ में,ए.एन. सिंह को मुरादाबाद में, अमरेश वर्मा को लखनऊ में, प्रमोटी रंजीत सिंह को प्रयागराज में बिठाया गया है। उक्त अधिकारियों ने ही बताया कि माननीय को हर माह … का भुगतान करना पड़ता है।

12– अत्यन्त जूनियर कमांडेंट राजमणि को वाराणसी के बाद बरेली में तैनात किया गया है, क्योंकि राजमणि इन लोगों को मासिक भुगतान करते हैं।

13- एक साल के कमांडेंट राजेश सिंह को जालौन के साथ कानपुर देहात का भी अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।

14- मनोज कुमार को हरदोई के साथ उन्नाव तोहफा में दिया गया है, माहिर खिलाड़ी बृजेश मिश्र को बनारस के साथ चंदौली, अंतिम सिंह को बस्ती के साथ अम्बेडकर नगर का चार्ज दिया गया है। बताया जाता है कि इसमें भी मोटी कमाई की गयी है।

15- वरिष्ठ कमांडेंट रविशंकर त्रिवेदी, चंदन सिंह, संजय शर्मा, ओ. पी. सिंह, राजेंद्र सिंह, दिनेश ढींगरा, विनोद द्विवेदी, अर्जुन प्रसाद शैलेंद्र मिश्र, शैलेंद्र प्रताप, अंकिता श्रीवास्तव, नीता भारतीया आदि छोटे- छोटे जिलों में फेंके गये हैं।

16– वरिष्ठ कमांडेंट कृष्णानंद राय को मऊ जैसे छोटे जिले में कई साल से पटका गया है। 17- वरिष्ठ कमांडेंट विनोद झा, संतोष कुमार, विनोद शाक्य, मनोज शुक्ल, डी. एन. सिंह,दीपक श्रीवास्तव,कमलेश यादव आदि को छोटे -छोटे जिलों में फेंका गया है।


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