नौतन: नौतन में मार्च से ही प्राइवेट विद्यालय बंद है। इस विद्यालय के बंद रहने से इनके संचालकों व निजी विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों एवं अन्य कर्मियों की स्थिति बद से बदतर हो गई है। यह शिक्षक ऐसे पेशे से जुड़े हैं कि दूसरा कार्य भी नहीं कर सकते हैं।
अधिकांश शिक्षक ऐसे भी हैं जो दूसरा रोजगार नहीं कर सकते हैं। जो अब कर्ज का बोझ झेलते झेलते थक हार कर दूसरा रोजगार करने को विवश है। इस समय इन शिक्षकों की एवं इनके बाल बच्चों की स्थिती काफी चिंताजनक हो गई है। लगातार आठ महीनों से विधालय का बंद रहने से इनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है।
वही एक नीजी विधालय इंद्रासन बाल विकास अकैडमी शिवराजपुर के शिक्षक मनू पांडे ने बताया कि शिक्षकों की स्थिति अत्यंत जर्जर हो गई है। यदि सरकार ने अब ध्यान नहीं दिया तो स्थिति और भयावह हो जाएगी। सैकड़ों शिक्षकों को कलम छोड़कर कुदाल उठाना पड़ेगा। वही प्राइवेट विद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष नवल किशोर पांडे ने बताया कि मार्च का महीना विद्यालय के लिए शिक्षण शुल्क वसूलने का समय होता है। उस समय विद्यालय बंद हो जाने से हर विद्यालय का लाखों रुपया अभी बाबा के पास रह गए हैं। अब अभिभावक वह शिक्षण शुल्क जमा नहीं कर पा रहे हैं।
रिपोर्ट: विजय कुमार शर्मा