स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर अखिलेश ने भी किया किनारा
Spread the love 2017 से लेकर 2022 तक स्वामी प्रसाद मौर्य सत्ता की मलाई चाट रहे थे-मनोज पाण्डेय ब्यूरो लखनऊ।

2017 से लेकर 2022 तक स्वामी प्रसाद मौर्य सत्ता की मलाई चाट रहे थे-मनोज पाण्डेय
ब्यूरो लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा देवी-देवताओं पर लगातार की जा रही अपमानजनक टिप्पणी पर पार्टी के भीतर ही उठ रहे विरोध के स्वर के बीच गुरुवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी स्वामी के बयानों से किनारा किया। उन्होंने कहा, सपा का धर्म को लेकर साफ मानना है कि पार्टी को किसी भी धर्म को लेकर कोई बात नहीं रखनी है। जो धर्म जैसा है उसको हम स्वीकार करते हैं। उन्होंने मीडियाकर्मियों से भी कहा कि यदि कोई धर्म को लेकर ऐसे बयान दे रहा है तो आप मत दिखाओ व छापो। आपकी भी जिम्मेदारी है, आप सवाल धर्म को लेकर न पूछो न ऐसे बयान की खबर दिखाओ।

दरअसल, दीपावली के दिन स्वामी प्रसाद मौर्य ने मां लक्ष्मी को लेकर सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट की थी। इसको लेकर उनकी पार्टी में ही विरोध के स्वर उठने लगे। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने इसे उनका निजी विचार बताया था। सपा सभी धर्मों को मानती है। वहीं, सपा के विधानसभा में मुख्य सचेतक मनोज पाण्डेय ने भी स्वामी प्रसाद के बयान को बकवास बताया था। उन्होंने कहा कि जब 2017 से लेकर 2022 तक वह सत्ता की मलाई चाट रहे थे, केसरिया पहन कर उचक-उचक के जो नारे लगा रहे थे, उसे प्रदेश के लोगों ने देखा है। सपा का उनके बयानों से कोई लेना देना नहीं है।
स्वामी प्रसाद पर कार्रवाई करने की चौतरफा उठ रही मांग के बीच गुरुवार को अखिलेश यादव ने कहा कि सपा का पक्ष एकदम स्पष्ट है कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। किसी भी धर्म को लेकर पार्टी को टिप्पणी नहीं करनी है। सपा मुखिया ने इससे पहले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी कहा था कि कोई किसी का एजेंट नहीं होता है, यह उनके विचार हैं, इससे हमारी पार्टी सहमत नहीं है।