अजब-गजब: डी.जी. के स्मार्ट स्टेनो ने मोटी रकम लेकर  दिलाया कमांडेंट हरि चौधरी को हमीरपुर का ‘अतिरिक्त चार्ज’!


डी.जी. बी.के.मौर्य के नाम पर स्टेनो के.सी.गौतम ने दिलाया झांसी कमांडेंट को हमीरपुर का अतिरिक्त चार्ज

हमीरपुर से हरि चौधरी का झांसी हुआ तबादला,अतिरिक्त चार्ज में ले लिया हमीरपुर, क्यों?

हमीरपुर की वसूली का बड़ा हिस्सा पहुंचायेगा मुख्यालय,स्टेनो डीजी के नाम पर काट रहा गदर

डीजी कौ पैसा चाहिये, बताकर स्टेनो के सी गौतम ने मचा रखी है लूट : रामेन्द्र यादव

संजय श्रीवास्तव

झांसी। मुख्यमंत्री जी, कुछ ऐसा अवार्ड भी बनवाने का फरमान जारी कीजिये,जिसे सरकारी नियमावली की धज्जियां उड़ाने वाले विभाग के अधिकारियों को दिया जाये। ऐसा इसलिये जरुरी है कि उनकी आने वाली पीढिय़ां याद करे कि उनके रिश्तेदार कितने छटे हुये सरकारी मुलाजिम थे। यदि ऐसा अवार्ड बना तो नि: संदेह,ये यूपी के सिर्फ और सिर्फ होमगार्ड विभाग के खाते में ही जायेगा। जी हां,एक नहीं अनगिनत मामले हैं,जिसमें अफसर बेखौफ होकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ताजा मामला झांसी कमांडेंट हरी चौधरी का है। चौधरी साहेब तीन वर्ष से हमीरपुर में कमांडेंट थे,फिर इनका तबादला झांसी कर दिया गया। उसके बाद हाल ही में इन्हें हमीरपुर का अतिरिक्त चार्ज थमा दिया गया। दो सवाल है-क्या विभाग में अन्य काबिल कमांडेंट नहीं हैं,जो हमीरपुर का अतिरिक्त चार्ज की जिम्मेदारी उठा सके ? असल सवाल अब बताता हूं… चौधरी साहेब का हमीरपुर से इस कदर मोहब्बत हो गयी कि उन्होंने इसे पाने के लिये कुछ भी करने की लल्ला की तरह हठ ठान ली। बस इसी ठक को डीजी बी.के.मौर्य के शातिर स्टेनो के.सी. गौतम ने लपक लिया और 1 लाख रुपये लपक कर मुख्यालय के अफसर से दिलवा दिया हमीरपुर का अतिरिक्त चार्ज। भईया ‘द संडे व्यूज़’ रुपये-ऊपय्ये की पुष्टि नहीं करता लेकिन मुख्यालय से लेकर जिले में इस बात की चकल्लस जोरों पर है कि स्टेनो ने चौधरी साहेब से पैसे लेकर अपने साहेब को थमा दिया। सीधी बात करें तो डीजी के नाक के नीचे उनका स्टेनो सभी प्रकरण को दबाने या बचाने के नाम पर खूब लूट रहा है। यही वो स्टेनो है जिसने आगरा के मस्टर रोल घोटाले के सभी आरोपियों को बचा लिया है लेकिन ‘द संडे व्यूज़’ खबर लिखने के बजाये अब मुख्यमंत्री स्तर तक बात पहुंचायेगा ताकि सीएम के जीरो टॉलरेंस की नीतियों की धज्जियां उड़ाने वाले बड़े अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।

बता दें कि डीजी बी.के.मौर्य 30 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं और मुख्यालय के कई अफसर बदहवासी में जैसे-तैसे कर्मचारियों और अफसरों का काम कराकर रुपये लूटने में जुटे हुये हैं। सीधी बात करें डीजी के नाम पर फर्जी तरीके से चाहें आगरा का मस्टर रोल घोटाला में घोटालेबाज कमांडेंट और पीसी को जेल भेजने के बजाये चेतावनी ‘शब्द’ का प्रशस्ति पत्र देकर बचाने का काम हो,या फिर मृतक आश्रित भर्ती में 197.7 से.मी. से कम लंबाई के आश्रितों से लाखों रुपये लेकर भर्ती करने का का मामला हो…सब में लूट मची है। बात करते हैं झंासी के नये कमंाडेंट हरि चौधरी की। अधिकारियों ने बताया कि श्री चौधरी 3 साल तक हमीरपुर में तैनात रहें। ट्रांसफर सीजन में इसका ट्रांसफर झाँसी कर दिया गया। उसके बाद श्री चौधरी को ही अतिरिक्त चार्ज के रुप में हमीरपुर का चार्ज दे दिया गया। सीधी बात करें तो स्थानांतरण नीति की धज्जियाँ उड़ा दी गयी, क्योंकि मुख्यमंत्री का आदेश है कि किसी भी कमांडेंट को एक जिले में 3 वर्ष से अधिक न रखा जाये लेकिन श्री चौधरी का ट्रांसफर भी कर दिया गया और अतिरिक्त चार्ज के रुप में उसे ही हमीरपुर दे दिया गया? सवाल ये भी है कि श्री चौधरी की तैनाती झाँसी मंडल में है, जबकि हमीरपुर चित्रकूट मंडल में है। क्या चित्रकूट मंडल में कोई काबिल कमांडेंट नहीं है, जिसे हमीरपुर का चार्ज दिया जा सके? फि र से चार्ज हमीरपुर के कमांडेंट श्री चौधरी को दे दिया गया है तो ट्रांसफर कहां हुआ ? क्या अवैध कमाई के लिये चौधरी को हमीरपुर भी दे दिया गया है ?

ये क्या बात हुयी गुरुजी,श्री चौधरी का ट्रांसफर हुआ या नहीं कर्मचारी यही तय नहीं कर पा रहे हैं। सीधी बात करें तो डीजी के नाम पर उनके चहेते स्टेनो के .सी.गौतम ने सौदेबाजी कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्रांसफर पालिसी की धज्जियां उड़ा कर रख दी है। यही काम गौतम ने आगरा मस्टर रोल घोटाले में भी किया है,जो अब मुख्यमंत्री दरबार में जाने वाला है। खैर,अफसरों की मानें तो अतिरिक्त जिले दिलाने के नाम पर डीजी के नाम पर मुख्यालय के अफसर जमकर अवैध वसूली करते चले आ रहे हैं। बताया जाता है कि इस केस में भी स्टनो ने डीजी बी.के.मौर्य के नाम पर एक लाख रुपये की वसूली कर लिया है। हालांकि ‘द संडे व्यूज़’ इस बात की पुष्टि नहीं करता लेकिन स्टेनो के .सी.गौतम के भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही है। ट्रांसफर पालिसी में है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी जनपद में 3 वर्ष से अधिक नहीं रह सकता। किसी भी कर्मचारी को एक पटल का कार्य 3 वर्ष बाद बदल दिया जायेगा लेकिन ये होमगार्ड विभाग है। मुख्यालय पर बैठे कई तो ऐसे अधिकारी हैं, जिनका नाम घोटालेबाजों के पितामह के नाम पर लिखा जा चुका है। देखना है कि डीजी के नाम को बदनाम कर चौधरी साहेब को दिया गया अतिरिक्त चार्ज लिया जायेगा या फिर यहां भी बंध जायेगा दक्षिणा…।

उ.प्र.अवैतनिक अधिकारी व कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष रामेन्द्र यादव का कहना है कि भ्रष्टाचार मुख्यालय से शुरू होता है। स्टेनो के.सी.गौतम सभी प्रकरण में डीजी का रेट बताकर वसूली कर रहा है। इसने अतिरिक्त चार्ज दिलाने के लिये डीजी के नाम पर एक लाख रुपये मांगा। पैसा किसके जेब में गया मालूम नहीं लेकिन वसूली हुयी है। आप ही बताये कि झांसी मंडल अलग है और हमीरपुर अलग मंडल में आता है। क्या इस विभाग के पास चौधरी के अलावा कोई काबिल कमांडेंट नहीं है। इसी से साबित होता है कि खेल हुआ है। बताया कि के सी गौतम में आगरा मस्टर रोल घोटाले में भी कमंाडेंट और पीसी को बचाने के लिये मामला खत्म करवा दिया। कायदे से पूर्व कमांडेंट श्री प्रसाद और पीसी गीतम सिंह को लाखों रुपये का मस्टर रोल घोटाला करने पर जेल भेज देना चाहिये लेकिन स्टेनो के कहने पर डीजी ने दोनों को बचा लिया।


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