‘मन्मथ जब उत्पात मचाता है, मानव उन्मत्त हो जाता है’
संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। बसंती बयार जोरों पर है…। क्या छोरा और क्या बुढ़ऊ,सब पर बसंती रंग चरमरा रही है…। फागुन भी करीब है लेकिन एक ऐसा सरकारी विभाग जहां अफसरों पर बसंती बयार इस कदर उफान पर है कि दिन में ही,अधिकारियों और कर्मचारियों की मौजूदगी में एक महिला कर्मचारी को आफिसर्स मेस में बुलाकर एक घंटे तक पत्रावलियां खंगाल रहे थे। भरोसेमंद अधिकारियों की मानें तो बंद कमरे में एक घंटे तक पत्रावली नहीं खंगाली जा रही थी बल्कि बसंती बयार उफान पर है, इसलिये साहेब लोग…। मामला होमगार्ड विभाग के आफिसर्स मेस के कमरा नंबर 4 में दिन के करीब 4 बजे का मामला है। सब कुछ चार अंक पर ही टिका है। हालांकि ‘द संडे व्यूज़’ इस खबर की पुष्टि नहीं करता है लेकिन यदि ऐसा घृणित कृत्य आफिसर्स मेस में हो रहा है तो नि: संदेह इस पर मुखिया को कार्रवाई करनी चाहिये ।
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क्योंकि एक तरफ होमगार्ड मुख्यालय के आफिसर्स मेस के कमरा नंबर 2 में तीन मंडलीय कमांडेंट बाबुओं के कैडर का सही करने में माथा खपाये हुये हैं। दूसरी तरफ , उसी मेस के कमरा नंबर 4 में दो मंडलीय कमांडेंट प्यार की पींगे मार रहे हैं। ये तो सरासर नाइंसाफी है भाई…। खैर मामला गंभीर है क्योंकि इस बात की जानकारी आईजी विवेक सिंह को भी है लेकिन उन्होंने उक्त महिला कर्मचारी से ये जानना गवारा नहीं समझा कि आखिर कमरा नंबर 4 में वो क्या करने जा रही है ? ‘द संडे व्यूज़’ को तो 4 नंबर कमरे के अधिकारियों के मुरादाबाद कांड की भी खबर है लेकिन बाहर का मामला होने के चलते उसे नहीं उठाया।
बुधवार को ‘द संडे व्यूज़’ भी होमगार्ड मुख्यालय डीजी से मुलाकात करने पहुंचा लेकिन मुलाकात नहीं हो पायी। विभाग के भरोसेमंद अफसरों ने बताया कि कमरा नंबर 4 में खेला चल रहा है। इस कमरे में एक मंडलीय कमांडेंट है, जो अपने कमांडेंट के साथ अभद्रता कर चुके है लेकिन ऊंची पहुंच के चलते विभाग ने उसे शायद खुली छूट दे रखी है। इनमें से दूसरा वो अधिकारी है, जो हमेशा लखनऊ में तैनात होने के लिये मरता रहता है। अभी पिछले महीने ही डी.जी. का स्टाफ अधिकारी बनने के लिये कई नेताओं और अधिकारियों से सोर्स लगवाया था। ‘द संडे व्यूज़’ को यह भी पता चला कि आईजी विवेक सिंह के सामने ही वह महिला उस कमरे में गयी लेकिन कमरा नंबर 4 में जाते देख, साहेब की हिम्मत नहीं हुयी कि कुछ पूछ ले…।
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‘द संडे व्यूज़’ को विश्वस्त सूत्रों से पता चला कि उस महिला अधिकारी और कमरा नंबर 4 नम्बर के अधिकारियों का टांका कई सालों से भिड़ा हुआ है, लोगों ने बताया कि यह तब से चल रहा है जब से कमरा नंबर 4 नम्बर वाला अधिकारी मुख्यालय लखनऊ पर तैनात रहा। ताजा मामला 5 फ रवरी का है। शाम के 4 बजे एक महिला आफिसर्स मेस के कमरा नंबर 4 में आती है और 5 बजे जाती है…। यह वाक्या दिन के उजाले में तब होता है जब 10-15 लोग बाहर खड़े रहते हैं या गाडिय़ों में बैठे रहते हैं। आखिर पूछेंगे कैसे ? आखिर आईजी साहब ने क्या इन दोनों मंडलीय कमांडेंट को खुली छूट दे रखी है कि जो मन करे करो…। किसी विभाग की कुछ गरिमा भी होती है या नहीं ? लेकिन डीजी साहब की नाक के नीचे ही, उनकी शुचिता की नीति को ठेंगा दिखते हुये आफिसर्स मेस में सरेआम बसंती बयार चल रही है। द संडे व्यूज़ इस बात की पुष्टि नहीं करता लेकिन सवाल उठना लाजिमी है।हर सवाल का जवाब आईजी साहेब के सीने में दफन है,यदि प्रतिष्ठा बचाने के लिये कोई सवालों का जवाब जानकर कुछ सख्त कार्रवाई की जहमत उठाना चाहता है तो साहेब बता सकते हैं… कि कमरा नंबर चार में कौन-कौन था और कौन-कौैन सभी पत्रावलियां खंगाली जा रही थी।