Solo Polyamory- एक से ज्यादा पार्टनर रखकर भी आजाद रहते हैं ऐसे लोग


 नई दिल्ली। आजकल रिश्तों की परिभाषा और उनका तरीका बदल गया है। जरूरी नहीं कि सिर्फ एक व्यक्ति के साथ ही रोमांटिक रिश्ता रखा जाए। अब लोग अलग-अलग तरीकों से प्यार और रिश्ते बनाते हैं। ऐसा ही एक नया तरीका है सोलो पॉलीमोरी, जो आजकल बहुत चलन में है।

यह अवधारणा पारंपरिक बहुप्रेम (Polyamory) से थोड़ी अलग है, जहां व्यक्ति एक से ज्यादा लोगों के साथ रोमांटिक या सेक्शुअल रिलेशनशिप रखता है, लेकिन सोलो पॉलीमोरी में, व्यक्ति किसी भी पार्टनर के साथ गहराई से जुड़े बिना या उनके साथ रहने या पर्सनल लाइफ शेयर किए बिना अपनी जिंदगी को आजाद रूप से जीता है। आसान भाषा में समझें (What Is Solo Polyamory Trend), तो सोलो पॉलीमोरी में व्यक्ति अपनी फ्रीडम और पर्सनल लाइफ को तवज्जो देता है, जबकि फिर भी एक वक्त पर कई लोगों के साथ रिश्ते बनाए रख सकता है।

सोलो पॉलीमोरी क्या है ?

सोलो पॉलीमोरी एक रिलेशनशिप का तरीका है जिसमें एक व्यक्ति एक से ज्यादा लोगों के साथ रोमांटिक या सेक्शुअल रिश्ता रखता है, लेकिन किसी एक के साथ ज्यादा जुड़ा हुआ महसूस नहीं करता। इसका मतलब है कि आप अपने पार्टनर्स के साथ अच्छा और गहरा रिश्ता रख सकते हैं, लेकिन आपकी आजादी और अपनी लाइफ सबसे जरूरी होती है। सोलो पॉलीमोरी में लोग अपने पार्टनर्स के साथ रहने, शादी करने या एक साथ पैसे संभालने के बजाय अपनी लाइफ़ को अपने हिसाब से जीना पसंद करते हैं।

इस तरह के रिश्ते में आप अपने पार्टनर्स के साथ इमोशनल और फिजिकल कनेक्शन बनाए रखते हैं, लेकिन किसी एक को “सबसे खास” नहीं मानते। इसका मतलब है कि आप अपने सभी पार्टनर्स के साथ बराबर रिश्ता रखते हैं और किसी एक के साथ ज्यादा गहराई से जुड़ने के बजाय, सभी के साथ बैलेंस और अच्छा रिश्ता रखते हैं।

सोलो पॉलीमोरी को ऐसे समझें

सोलो पॉलीमोरी में, एक व्यक्ति अपनी स्वतंत्रता को सबसे ज्यादा महत्व देता है। वह किसी एक साथी पर पूरी तरह से निर्भर नहीं होता और अपने फैसलों के लिए आजाद होता है।एक से ज्यादा साथी एक व्यक्ति एक से ज्यादा लोगों के साथ रोमांटिक या सेक्शुअल रिलेशनशिप रख सकता है। ये रिश्ते गहरे और खास हो सकते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वे किसी एक व्यक्ति के साथ ‘स्पेशल’ रिश्ते की तरह हों। साफ बातचीत और रजामंदी सोलो पॉलीमोरी में बातचीत और रजामंदी बहुत जरूरी है। सभी लोग रिश्ते की सीमाओं और उम्मीदों को समझें, इसके लिए व्यक्ति अपने साथियों के साथ खुली और ईमानदार बातचीत करता है।अपनी जिंदगी सबसे पहले इस रिश्ते में, व्यक्ति अपने पर्सनल लाइफ, नौकरी, शौक और दूसरी एक्टिविटीज को सबसे ज्यादा अहमियत देता है। वह अपने साथियों के साथ वक्त बिताने के साथ-साथ अपने निजी लक्ष्यों और ख्वाहिशों को भी पूरा करता है।

सोलो पॉलीमोरी के फायदे

सोलो पॉलीमोरी एक ऐसा रिश्ता है जिसमें व्यक्ति अकेले रहता है लेकिन उसके एक से ज्यादा लोगों के साथ लव रिलेशनशिप होते हैं। इसके कई फायदे हैं। आइए जानें।

सबसे बड़ा फायदा यह है कि व्यक्ति स्वतंत्र रहता है और अपने फैसले खुद लेता है। उसे किसी एक साथी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।उसे एक से ज्यादा साथियों से प्यार और समर्थन मिलता है जिससे उसकी इमोशनल जरूरतें पूरी होती हैं।वह अलग-अलग लोगों के साथ अलग-अलग तरह के रिश्ते बना सकता है और तरह-तरह के एक्सपीरिएंस का मजा ले सकता है। इस तरह के रिश्ते में बातचीत और सहमति बहुत जरूरी होती है, जिससे सभी साथियों के बीच खुलकर और ईमानदारी से बातचीत होती है।

सोलो पॉलीमोरी की चुनौतियां

सोलो पॉलीमोरी में कई चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती है समय का सही मैनेजमेंट। एक से ज्यादा पार्टनर के साथ रिश्ते निभाने के लिए सबके साथ वक्त बिताना जरूरी है और ये काफी मुश्किल हो सकता है। दूसरी चुनौती है जलन और इनसिक्योरिटी। जब आपका पार्टनर किसी और के साथ भी होता है, तो जलन और इनसिक्योरिटी होना आम बात है, जिससे निपटने के लिए खुलकर बात करना और एक-दूसरे को सहारा देना जरूरी है। आखिरी चुनौती है समाज की सोच। सोलो पॉलीमोरी को अभी भी ज्यादातर लोग नहीं समझ पाते हैं और ऐसे रिश्तों को लेकर लोगों के मन में गलतफहमियां और नेगेटिव विचार हो सकते हैं।


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