परिषद 18 को सप्लाई कोड रिव्यू पैनल की बैठक में उठाएगा मुद्दा
Smart prepaid meter fraud: राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने पावर कारपोरेशन प्रबंधन द्वारा विद्युत नियामक आयोग की अनुमति लिए बगैर स्मार्ट प्रीपेड मीटर की मनमानी कीमत वसूले जाने पर आपत्ति दर्ज की है। कहा कि नियामक आयोग ने कह दिया है कि नए कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर को अनिवार्य करने और उपभोक्ताओं से वसूली जा रही कीमत अनुमोदित नहीं है।

इस मामले में कारपोरेशन को अपनी गलती मान लेनी चाहिए। यह मुद्दा 18 दिसंबर को सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक में उठेगा।परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि कारपोरेशन को आयोग की अनुमति के बगैर नए कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर अनिवार्य करते हुए 6016 रुपये की वसूली पर रोक लगा देनी चाहिए।
परिषद ने इस वसूली के खिलाफ नियामक आयोग में अवमानना याचिका दायर कर रखा है। नियामक आयोग द्वारा सभी विद्युत वितरण कंपनियों को प्रस्तावित कास्ट डाटा बुक का जो मसौदा भेजा गया है, उसमें स्पष्ट लिखा है कि सिंगल फेज स्मार्ट प्रीपेड मीटर की लागत 2800 तथा थ्री फेज स्मार्ट प्रीपेड मीटर की लागत 4100 रुपये है। इसके बावजूद कारपोरेशन सिंगल फेज मीटर के लिए 6016 तथा थ्री फेज स्मार्ट मीटर के लिए 11,341 रुपये की वसूली करा रहा है।