होमगार्ड विभाग में अंधेर नगरी चौपट राजा…
होमगार्ड विभाग में दर्जनों कमांडेंट अपनी वर्दी पर फर्जी तरीके से 1 स्टार लगाकर मार रहें भौकाल
क्या शासनादेश की धज्जियां उड़ाने वाले इन कमांडेंटस के खिलाफ कोई करेगा कार्रवाई !
संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के होमगार्ड विभाग में दर्जनों ऐसे कमांडेंट हैं,जो अपनी वर्दी पर शासनादेश की धज्जियां उड़ाकर फर्जी तरीके से 2 की जगह 3 स्टार लगाकर रहे हैं। इसमेंं सीधी भर्ती व प्रोन्नति वाले कमांडेंट शामिल हैं। शासनादेश में स्पष्ट है कि कमांडेंट 2 वर्ष के कार्यकाल में 1 स्टार लगा सकता है, 2 से 5 वर्ष तक के कार्यकाल के बीच 2 स्टार एवं 5 वर्ष से के बाद 3 स्टार लगा सकता है लेकिन यूपी के होमगार्ड विभाग में स्टार का फर्जीवाड़ा देखने को मिल रहा है ? फर्जी स्टार लगाकर दर्जनों कमांडेंट शासन से लेकर विभागीय मंत्री के सामने जाते हैं और उनलोगों का यही पता नहीं कि उनके सामने जो कमांडेंट खड़ा है, उसने वर्दी पर फर्जी स्टार लगा रखा है। बात जो भी हो, शासनादेश का उल्लंघन करने वाले ऐसे कमांडेंट के खिलाफ सरकार क्या कार्रवाई करेगी, ‘सोचने’ और ‘देखने’ की बात होगी, क्योंकि यूपी में योगी राज है, जहां सिस्टम तोडऩे वालों के खिलाफ सरकार सख्ती का रुख अख्तियार करती है।

योगी राज में यूपी में एक ऐसा विभाग है जहां सब कुछ राम भरोसे चल रहा है। विभागीय मंत्री को विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली से कोई वास्ता नहीं। क्या अच्छा और क्या बुरा, इससे उन्हें लेना-देना नहीं, इसी का भरपूर फायदा उठाते हुये अधिकारी सरकार की नियमावली की धज्जियां उड़ाते चले आ रहे हैं। यदि कोई एक्शन लेने वाला है तो वो सिर्फ और सिर्फ डी.जी. बी.के. मौर्या हैं…। जिनकी जानकारी में जब बात आती है तो वे सख्त रुख अख्तियार करते हैं। बड़ा सवाल ये है कि आखिर डीजी से मुख्यालय पर बैठे अधिकारी कौन-कौन सा राज छिपाकर रखते हैं ? ‘द संडे व्यूज़’ कब तक खुलासा कर बताता रहेगा कि डीजी सर, देखिये आपके अधिकारी किस तरह आपकी आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं ? देखिये, आपके सामने ही कमांडेंट अपनी खाकी पर 3 स्टार लगाकर आते हैं और आप ये तक नही जान पाते कि शासनादेश को तार-तार कर अपने कंधों पर 3-3 स्टार लगाकर जो कमांडेंट सामने खड़े हैं, वे फर्जी स्टार वाले हैं ? जी हां, हम बात कर रहे हैं होमगार्ड विभाग की। यहां पर सीधी भर्ती और प्रोन्नति वाले एक नहीं दर्जनों (राजपत्रित अधिकारी) कमांडेंट हैं, जिनका कार्यकाल 5 वर्ष पूरा हुआ नहीं लेकिन अपनी वर्दी पर 3 स्टार लगा कर चल रहे हैं। वर्ष 2020-21 के शासनादेश की बात करें तो कमांडेंट 2 वर्ष के कार्यकाल में 1 स्टार, 2 से 5 वर्ष तक के कार्यकाल के बीच 2 स्टार एवं 5 वर्ष से के बाद 3 स्टार लगा सकता है लेकिन यूपी के होमगार्ड विभाग में ? अब आप भी गुनगुना सकते हैं यूपी में का बा…।

शासनादेश के विपरित फर्जी तरीके से 2 की जगह 3 स्टार लगाकर भौकाल काटने वाले दर्जनों कमांडेंट शासन से लेकर विभागीय मंत्री और मुख्यालय के अफसरों को गुमराह कर रहे हैं। शासन के भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि सीधी भर्ती से आये नीरज कुमार शर्मा 11-6-2020 को होमगार्ड विभाग में कमांडेंट के पद पर तैनात हुये। शासनादेश की बात करें तो इन्हें अपनी वर्दी पर 2 स्टार लगाना चाहिये लेकिन साहेब 3 स्टार लगा रखे हैं। ठीक इसी तरह, सीधी भर्ती से आये हरिशंकर चौधरी 11-6-2020 को कमांडेंट बने, सीधी भर्ती से आयीं शैलजा एन.सिंह ने 11-6-2020 को कमांडेंट बनी। इसी तरह सीधी भर्ती से आयीं नमरा जिया खान, शिवेन्द्र प्रताप सिंह, आयुष सिंह, अनुराग सिंह, प्रेम प्रशांत, राहुल आदि सीधी भर्ती से आये हैं और इनलोगों के कार्यकाल का अभी 3 वर्ष भी पूरा नहीं हुआ, लेकिन वर्दी पर लगा रहे हैं 3-3 स्टार…।

इसी तरह, 31-3- 2021 को प्रोन्नति से कमांडेंट, संभल बनें ज्ञान प्रकाश 3 स्टार लगाकर चल रहे हैं। इसी तरह, 31-3-2021 को प्रोन्नति से कमांडेंट ,बस्ती बने अंतिम कुमार सिंह, 31-3-2021 को प्रोन्नति से कमांडेंट,बरेली बने राजमणि सिंह, 31-3-2021 को प्रोन्नति से कमांडेंंट,लखीमपुरखीरी बने दिनेश कुमार पाण्डेय, 31-3-2021 को प्रोन्नति से कमांडेंट,महाराजगंज बने विंध्याचल पाठक, 31-3-2021, प्रोन्नति से कमांडेंट,मिरजापुर बने बिनोद कुमार सिंह भी 2 स्टार की जगह अपनी वर्दी पर 3-3 स्टार लगाकर कर्मचारियों को धौंस दिखा रहे हैं।

शासन के भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि शासनादेश के विपरित होमगार्ड विभाग में राजपत्रित अधिकारी मनमाने तरीके से रैंक बैजेज लगाने के आदी हैं। 3 स्टार लगाकर लोग सबसे सीनियर बनने का प्रयास करते हैं। इसी तरह नये कमांडेंट में बलिया, हाथरस, बलरामपुर, श्रावस्ती, अमरोहा, हमीरपुर, कुशीनगर में जूनियर स्टाफ अफ सर आदि 3-3 स्टार लगाकर फर्जी भौकाल काट रहे हैं। बताया जाता है कि जो कमांडेंट 1 साल, 2 साल के हुये हैं, वे भी 3-3 स्टार लगाकर रौब झाड़ते हैं।

सीधी बात करें तो यही निष्कर्ष निकलता है कि इस विभाग में अंधेर नगरी चौपट राजा कहावत पूरी तरह से चरितार्थ हो रही है। जूनियर अपने को जूनियर मानने को तैयार नहीं है। सिस्टम को किस तरह से तोड़कर सीनियर के सामने उसके स्तर का स्टार लगाकर बेहयाई करने वाले ऐसे राजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ तो कायदे से अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिये। सवाल यह है कि आखिर कार्रवाई करेगा कौन ? राज्य मंत्री, होमगार्ड धर्मवीर प्रजापति को इस बात का रत्तीभर भान नहीं कि उन्हें ‘बुके’ भेंट करने वाले कमांडेंट कितने स्टार वाले हैं।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्री की आंखों में धूल झोंककर उनके आसपास मंडराने वाले कमांडेंट ही दो की जगह तीन स्टार लगाकर जाते हैं। हास्यापद बात तो ये है कि जब कमांडेंट ही फर्जी स्टार लगा रहा है तो वो अपने मातहत बीओ को किस हैसियत से निर्देश देगा कि आपलोग वर्र्दी पर एक स्टार लगाओ। सिस्टम को सुधारने की बात इस विभाग में सिर्फ एक ही अधिकारी से की जा सकती है,वो हैं डीजी बी. के. मौर्या…। शायद उन्हें इस बात की जानकारी नहीं कि होमगार्ड विभाग में कितने वर्ष तक काम करने वाले कमांडेंट को कितने स्टार लगाना चाहिये, लेकिन ‘द संडे व्यूज़’ के मिशन के बाद शायद डीजी एक्शन मोड में आये और…।