उत्तर प्रदेश। कानपुर में संजीत यादव के अपहरण के बाद हुई हत्या के मामले में अब पुलिस सवालों के घेरे में है। लैब असिस्टेंट के तौर पर काम करने वाले संजीत की हत्या के बाद उनकी बहन का आरोप है कि पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपए की फिरौती दिलवा दी लेकिन संजीत जिंदा नहीं लौटे। इस मामले में हिरासत में ली गई कल्याणपुर की महिला, उसके रिश्तेदार और सचेंडी कैंधा के दो युवकों से पूछताछ जारी है।
हालांकि कानपुर रेंज के आईजी, मोहित अग्रवाल ने कहा कि परिवार के लोगों के दावा है कि उन्होंने 30 लाख रुपए की फिरौती थी। हालांकि जांच में अब तक यह सामने आया है कि फिरौती की रकम नहीं दी गई थी। हम मामले की अलग-अलग एंगल से जांच कर रहे हैं।
कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 23 जून को संजीत यादव के लापता होने की रिपोर्ट बर्रा थाने में लिखवाई गई थी। 26 जून को इस मामले मे एफआईआर दर्ज हुआ है। उनके परिवार को 29 तारीख को फिरौती के लिए फोन आया था। इस मामले में जांच के दौरान कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।