सहारा शहर अब लखनऊ नगर निगम का…


संवाददाता, लखनऊ। लंबी कवायद और कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार नगर निगम ने गोमतीनगर स्थित सहारा शहर को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया। सोमवार को नगर निगम के अफसरों ने पुलिस की मदद से सहारा शहर के सभी गेटों पर ताले डालकर कर्मचारियों को बाहर कर दिया।

सहारा शहर पर अब नगर निगम के कर्मचारी तैनात हैं, जिनकी अनुमति से ही किसी को प्रवेश मिल पाएगा। करीब तीस वर्षों से सहारा का यहां पर कब्जा था। सहारा इंडिया के प्रबंध निदेशक स्व. सुब्रत राय की पत्नी स्वप्ना राय व अन्य परिवारजन के मुंबई शिफ्ट होने की बात कही जा रही है।

नगर निगम ने 1995 में 173 एकड़ जमीन सहारा इंडिया को आवासीय प्रोविजन के लिए दी थी, लेकिन कंपनी की तरफ से ना तो लीज डीड के 150 करोड़ रुपये जमा किए गए और ना ही वहां अनुबंध के तहत आवासीय योजनाएं बनाई गईं।नगर निगम ने डीड लीज का उल्लंघन करने पर सहारा शहर पर कार्रवाई करते हुए जमीन अपने कब्जे में ले ली। लीज अनुबंध को दरकिनार करते हुए सहारा शहर में कारपोरेट कार्यालय के अलावा गेस्ट हाउस और अन्य कई तरह के अस्थाई निर्माण कराए गए थे।

देश-विदेश से आने वाले विशिष्ट मेहमान जब आते थे तो सहारा शहर में ही ठहरते थे। एक तरह से पूरी सहारा इंडिया कंपनी यहीं से चलती थी, क्योंकि सहारा के प्रबंध निदेशक सुब्रत राय अधिकतर यहीं पर लोगों से मुलाकात करते थे। नगर निगम ने सहारा शहर के गेटों पर अपने ताले जड़ने के साथ ही वहां के करीब चालीस मवेशियों को सरोजनीनगर स्थित कांहा उपवन छोड़ दिया। नगर निगम के जोनल अधिकारी चार संजय यादव, संपत्ति प्रभारी रामेश्वर और तहसीलदार अरविंद पांडे पुलिस बल के साथ शाम पांच बजे के करीब सहारा शहर पहुंचे और गेट पर ताला लगाना शुरू कर दिया।

सहारा शहर में कुल चार गेट हैं, जिन पर पहले से ही पुलिस तैनात था। कर्मचारियों ने विरोध तो किया लेकिन नगर निगम के अफसरों ने उनको बाहर कर दिया। कर्मचारियों का कहना था कि उन लोगों को महीनों से वेतन नहीं मिला है और सभी लोग यहां से भाग गए हैं। अब हम लोगों का क्या होगा।

नगर निगम के कब्जे के बाद माना जा रहा है कि सहारा शहर में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल विहारी वाजपेई का स्मारक बनाए जाने की तैयारी तेज होगी। अटल स्मारक के अलावा यहां पर मंत्री आवास भी बनाए जाने की चर्चा है। चूंकि अब सहारा शहर पर नगर निगम का पूरी तरह से कब्जा है, इसलिए जल्द ही इस बारे में निर्णय लिया जा सकता है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *