उत्तर प्रदेश। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों का खूनी खेल जारी है। सत्ता संरक्षित अवांछित समाज विरोधी तत्वों को किसी का डर नहीं है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों से हत्या, लूट, अपहरण, दुष्कर्म की घटनाओं की सूचनाएं न आती हों। प्रदेश में कानून का राज नहीं रह गया है। राज्य में संवैधानिक संकट के कारण राष्ट्रपति षासन लगना आवश्यक है।
हाल ही में घटित कानपुर में 22 जून 2020 को अपहृत युवक संजीत यादव की हत्या समूची कानून व्यवस्था की हत्या है अभी तक उसकी लाश का बरामद न हो पाना पुलिस की अकर्मण्यता और घोर लापरवाही का नतीजा है। अपने इकलौते पुत्र को खोने वाले पीड़ित परिवार में संजीत की मां श्रीमती सुषमा को समाजवादी पार्टी की ओर से 5 लाख रूपए की आर्थिक मदद दी गई।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर कानपुर थानान्तर्गत बर्रा- स्थित संजीत यादव के घर जाकर 5 लाख रूपए का चेक दिया। इस मौके पर संजीत के पिता श्री चमन सिंह यादव और बहन सुश्री रूचि भी मौजूद थी। समाजवादी पार्टी की मांग है कि राज्य सरकार को पीड़ित परिवार को 50 लाख रूपए की मदद करनी चाहिए।
इस अवसर पर विधायकगण सर्वश्री अमिताभ बाजपेयी, इरफान सोलंकी, गोविन्दनगर क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी सम्राट यादव, किदवईनगर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी ओम प्रकाश मिश्रा, पार्षद अर्पित यादव, छावनी कानपुर के पूर्व प्रत्याशी रूमी हसन ने भी पीड़ित परिवार से भेंट की और अपनी संवेदना व्यक्त की।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में प्रदेश में अपराधों की बढ़ोत्तरी ही भाजपा शासन की एक मात्र उपलब्धि रही है। माफियाओं, गुंडो की साठगांठ सत्तारूढ़ दल के नेताओं से है, पुलिस भी उनसे अपनी भागीदारी निभाती है। अभी कानपुर नगर के बिकरू गांव में जो भयानक काण्ड हुआ उससे तो इसी तथ्य की पुष्टि होती है। संजीत यादव के अपहरण के बाद फिरौती की रकम 30 लाख रूपए भी बदमाश पुलिस के सामने से ही लेकर फरार हो गए। खाकी के लिए क्या यह शर्म की बात नहीं?
पुलिस मुख्यालय और यूपी डायल 100 पुलिस व्यवस्था समाजवादी सरकार में की गई थी। भाजपा सरकार ने इस सबको चौपट कर दिया है। भाजपा सरकार में किसी का भी जीवन सुरक्षित नहीं है। मुख्यमंत्री जी के नियंत्रण में अब प्रशासन नहीं रह गया है। खाकी पर अपराधी हावी हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह तहस नहस है। अराजकता की स्थिति के कारण राज्य में संवैधानिक संकट है। समाजवादी पार्टी की मांग है कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाये।