लखनऊ। उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चल रही महिला हेल्पलाइन 181 का संचालन भी अब यूपी पुलिस की 112 सेवा की टीम ही करेगी। यूपी कैबिनेट की बैठक में इस बारे में फैसला लेते हुए सरकार ने महिला हेल्पलाइन को 112 के साथ संबद्ध कर दिया है। अब तक 181 महिला हेल्पलाइन का संचालन एक निजी कंपनी GVKRI कर रही थी, लेकिन अब महिला हेल्पलाइन 181 का काम भी यूपी पुलिस 112 सेवा ही देखेगी।
यूपी में महिला सुरक्षा के लिए बनी ‘181’ हेल्पलाइन सेवा में कार्यरत महिलाकर्मियों को एक साल से वेतन नहीं मिला था। इससे नाराज महिलाकर्मी कई दिन से अलग-अलग तरीके से धरना प्रदर्शन कर रही थीं। गुरुवार को भी महिला कर्मियों ने लखनऊ के ईको गार्डन में धरना प्रदर्शन किया, जो आधी रात तक चला। लखनऊ के आशियाना स्थित हेल्पलाइन के मुख्यालय में काम करने वाली महिला कर्मियों का आरोप था कि कंपनी ने उनका वेतन देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही करीब 300 महिलाकर्मियों की सेवा को भी खत्म कर दिया है।
यूपी 112 की तरफ से अब चलाई जाने वाली इस हेल्पलाइन का प्रारूप पहले जैसा ही होगा। इस हेल्पलाइन के तहत घरेलू हिंसा, बलात्कार, यौन शोषण जैसी घटनाओं की पीड़िताओं के अलावा बेसहारा बुजुर्ग महिलाओं, निराश्रित छोटे बच्चों और मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं की मदद की जाती है। 6 सीटर कॉल सेंटर की उपयोगिता देख योगी सरकार ने इस सेवा का विस्तार कर कॉल सेंटर को 30 सीटर कर दिया था। सभी 75 जिलों में इसकी रेस्क्यू वैन सेवा शुरू की थी।
अखिलेश सरकार ने शुरू की थी महिला हेल्पलाइन
यूपी में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को देखते हुए अखिलेश सरकार ने महिलाओं की मदद के लिए 8 मार्च 2016 को ‘181’ महिला हेल्पलाइन सेवा शुरू की थी। इसे बाद में योगी सरकार ने भी जारी रखा। योजना के संचालन की जिम्मेदारी निजी क्षेत्र की कंपनी ‘GVK MRI’ को 5 साल के लिए दी गई थी। फिलहाल सरकार ने निजी कंपनी को महीने भर में भुगतान देकर उनकी सेवा समाप्त कर दी है।