होमगार्ड दिवस पर आये महिला-पुरुष होमगार्डों को घर रवानगी के नाम पर ली गयी खूब सुविधा शुल्क
परेड इंचार्ज सुनील कुमार,शैलेन्द्र सिंह ने रैतिक परेड के लिये बुलाये 500 पुरुष,400 महिला होमगार्ड
जांच करायी जाये कि मौजूदा समय परेड के लिये कितने होमगार्ड हैं ?
तनाव बर्दाश्त ना करने पर आईजी संतोष सुचारी हुये बेहोश…

Lucknow news: लखनऊ में 6 दिसंबर को होने वाले होमगार्ड दिवस पर महिला-पुरूष होमगार्डों को किसी ना किसी बहाने से परेड से गायब हो जाने के लिये परेड इंचार्ज और उनके साथ खास लोगों ने अपनी जेबें गरम कर ली। डीजी एम के बशाल के निर्देश पर सुनील कुमार और शैलेन्द्र सिंह को परेड इंचार्ज बनाया गया है। सुनील कुमार ने रैतिक परेड के लिये 900 होमगार्ड बुलाये,जिसमें 500 पुरुष और 400 महिलाएं आयी थीं। सूत्रों ने बताया कि 150 जवानों का ही यदि सुविधा शुल्क 15 से 20 हजार रुपये के हिसाब से जोड़ लिया जाये तो लगभग 20 से 30 लाख रुपये का खेला खेल लिया गया है। यदि जांच करना है तो देख लिया जाये कि कागजों पर कितने महिला-पुरुष होमगार्ड आये थे और फिलवक्त कितने मौजूद हैं ? हालांकि ‘द संडे व्यूज़’ वसूली गयी सुविधा शुल्क की पुष्टि नहीं करता है। लेकिन,आग वहीं लगती,जहां चिंगारी सुलगती है।

यानि,सुविधा शुल्क देकर जवान भाई और बहिनी महिनों के लिये गायब हो गये। बता दें कि इस बार डीजी एम. के. बशाल ने सुनील कुमार, शैलेन्द्र सिंह को रैतिक परेड का इंचार्ज बना दिया। सुनील कुमार द्वारा परेड के लिए 900 होमगार्ड बुलाए गए जिसमें से लगभग 500 पुरुष और 400 महिलाएं रहीं। होमगार्ड के स्थापना दिवस को मनाने के लिए हर वर्ष लगभग 400 महिलाएं- पुरुष होमगार्ड और कर्मचारी बुलाए जाते रहे हैं। इस काम में मुख्यालय और सीटीआई के अधिकारियों ने भी सुनील का साथ दिया और उसके कहने पर फटाफट, खटाखट छोडऩे का आदेश करते रहें। मुख्यालय के अफसरों ने तो बाकायदा अपना हिस्सा बटोर लिया। इस प्रकार यदि 150 आदमी का ही सुविधा शुल्क जोड़ें तो कहा जाएगा कि 20 से 30 लाख बटोर कर बंदरबांट किया गया है। कुछ महिला- पुरुष जो वाकई परेशान थे, उनको छोड़कर अन्यों से लंबा गेम किया गया और छोडऩे के लिए 15 से 20 हजार वसूला गया। हालांकि ‘द संडे व्यूज़’ लेन-देन की पुष्टि नहीं करता है।
आईजी संतोष सुचारी को आया चक्कर
विश्वस्त सूत्रों से पता चला कि आज विभाग के आईजी संतोष सुचारी को चक्कर आ गया। यह भी पता चला कि चक्कर के समय उनके पास मंडलीय कमांडेंट सुनील कुमार और मंडलीय कमांडेंट शैलेन्द्र सिंह, जिला कमांडेंट मनोज शुक्ल मौजूद थे। द संडे व्यूज़ ने अपने स्रोतों से पता करने का प्रयास किया तो रैतिक परेड के गार्डों को छोडऩे के एवज में बटोरे गए मॉल के बंटवारे का मामला सामने आया, जो सुचारी साहब को शायद सही नहीं लगा। इस पर उन्होंने सुनील कुमार और शैलेन्द्र कुमार की कमरे जमकर क्लास ली। उसके बाद उठकर बाहर निकले, तभी उन्हें चक्कर आ गया। द संडे व्यूज़ को यह भी पता चला है कि सुचारी साहब को मूर्छा आने के आधा घंटे पहले सभी अधिकारी, आईजी पुलिस साहब के सामने सुनील एंड संस के क्रिया – कलाप पर विस्तृत चर्चा कर रहे थे। जिसमें आईजी पुलिस ने सुचारी साहब को समझाया था कि तुम विभाग के सबसे बड़े अधिकारी हो और छोटे- छोटे लोगों से डरकर काम करते हो। सुचारी साहब की बेहोशी का कारण आईजी साहब द्वारा उन्हें टाइट करना और सुनील एंड कंपनी द्वारा उन्हें हड़काना रहा होगा…।