नोएडा। कोरोना पॉजिटिव (कोरोना पॉजिटिव) होने पर मरीजों और उनके परिजनों में एक उम्मीद अब योजनाकार से जवाती है। यही कारण है कि डॉ। भी दवाईयों का असर न देख फौरन ही प्लोस (प्लाज्मा) लगाने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन प्लोस के लिए कोरोना पॉजिटिव से ठीक हो चुके इंसान को तलाशना भी कोई आसान काम नहीं है। पहले तो यह देखना की कौन कोरोना पॉजिटिव हुआ था और अब ठीक हो गया है, फिर उसे प्लानिंग देने के लिए राजामंद करना।
लेकिन अब इस परेशानी को आसान कर रही है ग्रेटर नोएडा (ग्रेटर नोएडा) की जिला जेल। एक फोन कॉल पर जेल (जेल) के कैदी (कैदी) और पुलिसकर्मी (पुलिसकर्मी) एक साथ प्लॉनेट करने के लिए तैयार हैं।
ज़िला जेल से इसलिए मिलेगा:
ग्रेटर नोएडा जेल के अधीक्षक विपिन शर्मा के अनुसार जेल में 73 कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। लेकिन अच्छे इलाज के बाद अब 28 कैदी पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। बाकी के कैदी भी धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं। ठीक हो चुके कैदियों ने ही प्लोस देने की इच्छा जताई है। 5 कैदियों ने आज अपना प्लॉनेट भी किया। और भी कैदियों ने प्लॉट डोनेट करने की बात कही है।
संपर्क करने पर जरूरतमंदों को प्लॉट दिया जाएगा। इतना ही नहीं इस मौके पर पुलिस के अफसरों ने यह घोषणा भी की कि जो पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव हुए थे और अब ठीक हो चुके हैं वो भी अपना प्लान डोनेट करेंगे।
कैदियों का हौंसला बढ़ाने पहुंचे पुलिस के आला अफसर:
आज जब ठीक हो चुके कैदियों ने अपना प्लान डोनेट किया तो उनकी हौंसला अफजाई के लिए ग्रेटर नोएडा के कई आला पुलिस अफसर भी पहुंच गए। पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह, एडिशनल पुलिस कमिश्नर लव कुमार और डीआईजी जेल अखिलेश कुमार मीणा रहे इस मौके पर मौजूद रहे। प्लान डोनेट करने वाले एक-एक कैदी की सभी अफसरों ने हौंसला अफजाई की। साथ ही दूसरे कैदियों को इस काम के लिए मोटीवेट भी किया। उन्होंने कहा कि अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन दूसरों के काम आकर उनकी जिंदगी बचाने का मौका ऊपर वाला किसी-किसी को ही देता है।