ब्यूरो, लखनऊ। सचिवालय में तैनात कंप्यूटर सहायक निधि सिंह को नौकरी दिलाने के नाम पर धनउगाही करने, अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में सेवा से पदच्युत कर दिया गया है। भ्रष्टाचार के इन आरोपों में निधि सिंह निलंबित चल रही थीं। शुक्रवार को इन्हें सेवा से पदच्युत करने का आदेश जारी किया गया।

सचिवालय प्रशासन विभाग के विशेष सचिव फूल चंद्र ने निधि सिंह को सेवा से पदच्युत किए जाने का आदेश जारी किया है। निधि सिंह पर नौकरी दिलाने के नाम पर धनउगाही करने, शासन स्तर पर मिलीं कई अन्य शिकायतों तथा अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने का गंभीर आरोप लगा था। इन गंभीर आरोपों में दोषी पाई गई हैं।इस मामले में वर्ष 2022 से विभागीय कार्यवाही शुरू की गई थी। नोटिस तामील कराने, समाचार पत्रों में सूचना प्रकाशित कराने और जिलाधिकारी लखनऊ के माध्यम से पता लगाने के बावजूद निधि सिंह न तो जांच में सम्मिलित हुईं और न ही किसी प्रकार का उत्तर या स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया।
जिसके बाद इस मामले में जांच अधिकारी ने एकपक्षीय जांच के माध्यम से आरोपों की पुष्टि की। विभागीय अभिलेखों के परीक्षण के बाद शासन द्वारा निर्णय लिया गया कि निधि सिंह का कृत्य सरकारी सेवा के आचरण के विपरीत है, अतः उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवा से पदच्युत किया जाता है।