महोबा। वहीद अहमद: जिले में विद्यालय पढ़ने आयी 15 साल की दो किशोरियों को दिल्ली नोयडा ले जाकर ज़बरन विवाह कराने और दुष्कर्म के मामले में एक महिला सहित पाँच में से चार आरोपियों को पॉक्सो अदालत ने कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया है। जबकि एक आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य न मिलने पर बरी कर दिया गया नाबालिग छात्राओं से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो अदालत के विद्वान न्यायाधीश सन्तोष कुमार यादव की कोर्ट ने फैसला सुनाया। पुलिस ने सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।
विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो कोर्ट पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि 15 अगस्त 2017 को महोबा कोतवाली क्षेत्र के टिकामऊ गाँव से दो छात्रायें राजकीय बालिका इंटर कॉलेज आयी थी। विद्यालय के बाहर से अनिल, नरेंद्र उर्फ़ नंदू और ग्राम प्रधान सन्तोष दोनों छात्राओं को दिल्ली और नोयडा ले गए। जहां तीनों ने दोनों किशोरियों के साथ दुष्कर्म किया और बाद में जबरन विवाह किया। विवाह करने पर मोहनी नामक महिला द्वारा जबरन शादी कराने में फर्जी जन्मतिथि बनाकर शादी करायी गयी जिसमे मोहनी के गवाह के रूप में हस्ताक्षर थे।
जिससे इस मामले में मोहनी पर भी दोष सिद्ध हुआ है। जिस पर विद्वान न्यायाधीश ने आरोपी अनिल, नरेन्द्र उर्फ़ नंन्दू पर और ग्राम प्रधान संतोष पर आईपीसी की धारा 363, 366, 367 व चार पॉक्सो एक्ट के तहत व मोहनी पर आईपीसी की धारा 368, 467, 467 तहत के मुक़दमा दर्ज किया गया है। इसके साथ नरेंद्र पर अन्य गंभीर धारायें भी लगायी गयी। सभी आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया जबकि एक अन्य आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत न होने पर उसे बरी कर दिया गया।