इलाज के नाम पर की धोखाधड़ी, करा ली जमीन रजिस्ट्री


पटना । विजय कुमार शर्मा । हमारे जान माल का खतरा हमेशा बना हुआ है जिसका जवाब देह मुफस्सिल थाना अध्यक्ष उग्रनाथ झा होंगे। जमीनी मामला कानून अनुसार सिविल कोर्ट का अधिकार है जब जमीन पर टाइटल सूट चल रहा है तो जो भी उस पर निर्णय होगा न्यायालय करेगा उसको सब को मानना है इसलिए जमीनी विवाद में पुलिस को जाने की क्या जरूरत पड़ी। जब उसका मालिक स्वयं सिविल कोर्ट है पुलिस का काम दोनों पक्षों को समझा कर शांति व्यवस्था बनाए रखना लेकिन मुफस्सिल थाना अध्यक्ष ने ऐसा नहीं किया एवं थाना अध्यक्ष के बल पर मेरे ही गांव के भोला महतो पिता विशुन दयाल महतो साकिन बरवत सेना धमकी दे रहा है कि आप के पुत्रों के मकान व दुकान में चरस व गाजा रखकर गलत मुकदमे में फंसा कर तबाह व बर्बाद कर देंगे। इस प्रकार मेरा सारा परिवार डरा व सहमा हुआ है कि भोला महतो, चितरंजन कुमार, मुफस्सिल थाना अध्यक्ष हमारे तीनों पुत्रों के साथ कभी ना कभी अप्रिय घटना कर सकते हैं। जिससे हमारे जान माल का खतरा हमेशा बना हुआ है।

थानाध्यक्ष बोलकर गए हैं कि झूठे मुकदमों में फंसा कर बर्बाद कर देंगे। उक्त संदर्भ में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरवात सेना निवासी प्रयाग महतो पिता स्वर्गीय बुधन महतो ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक ,डीआईजी चंपारण रेंज को आवेदन भेज कर अपने साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए दिया।

दिए गए आवेदन में आवेदक ने बताया है कि मैं एक लकवा ग्रस्त गरीब व्यक्ति हूं। 27 मई 2020 को हमारे पड़ोसी भोला महतो, उम्र 35 पिता विशनूदयाल महतो ,साकिन बरवात सेना, मुफस्सिल थाना के रहने वाले हैं। जो मुझे सुबह आकर बोले कि आपका तीनों बेटा सुरेश ,रमेश ,लाल बिहारी सही इलाज नहीं करा रहे हैं। जबकि उस समय मेरे तीनों पुत्र खेती बारी करने वास्ते घर से बाहर चले गए थे।

चुकी उसी का फायदा उठाकर भोला महतो ने कहा कि मेरे साथ चलिए अच्छे डॉक्टर से दिखा देते हैं आप जल्दी ठीक हो जाएंगे। बहकावे में आकर भोला महतो के साथ दवा कराने हेतु बेतिया चले आए। भोला महतो इलाज कराने के बजाय रजिस्ट्री कार्यालय लेकर चला गया। वहां सब कुछ पहले से कागजात बनवा कर रखा हुआ था।

भोला महतो बोला इस पर निशान दे दीजिए जिस पर मैं निशान दे दिया तथा कुछ देर बाद भोला महतो बोला कि आप माथा का फोटो हो जाता है तो बीमारी का पता चल जाएगा, तो मेरे माथा का फोटो करवा दिया। उसके बाद बोला कि डॉक्टर साहब देख लिए चलिए दवा खरीद देते हैं और मेरे पुराने पुरजी की दवा खरीद दिया और घर पर लाकर छोड़ दिया।

29 जून 2020 को गांव के लोगों से हल्ला करने लगा कि रोड वाला जमीन जिसका खाता नंबर 227 खेसरा 276 ,रकबा एक कट्ठा यह जमीन मैं चितरंजन को बैनामा लिखवा दिया हूं। तब मुझे पता चला कि मेरे साथ मेरे पड़ोसी भोला महतो धोखाधड़ी करके मेरे जमीन को साजिश के तहत जमीन लिखवा दिया। अगर मुझे ऐसी घटना की सूचना होती तो मैं अपने पड़ोसी के साथ बेतिया नहीं जाता।

जबकि उस जमीन को मैं अपने तीनों पुत्रों को मुंह जबानी 2012 में बांट दिया और 2017 में ग्राम कचहरी में बटवारा भी कर दिया। जिस पर आज भी मेरे तीनों पुत्रों का घर, दुकान, मकान उनके दखल कब्जा में है।जब मेरे तीनों पुत्रों को मालूम हुआ कि मेरे पिताजी को बहला-फुसलाकर दलाल चितरंजन कुमार से मिलकर पैसे के लालच में घर दुकान मकान लिखवा दिया है तो मेरे पुत्र जाकर रजिस्ट्री कार्यालय से नकल प्राप्त किया तथा उस दस्तावेज को तोड़ने के लिए सब जज फर्स्ट बेतिया के न्यायालय में टाईटेड सूट फाइल किया। बाद संख्या १११/२० टाइटल सूट पंजीकृत होकर सब जज ६ के न्यायालय में निर्गत नोटिस निर्गत करने हेतु ट्रांसफर हो गया और वहां से मेरे ऊपर चितरंजन कुमार और मुझ पर न्यायालय द्वारा नोटिस भेजा गया। जिसको मैंने रिसीव किया उसके बाद भोला महतो ने जालसाजी करके मेरे पुत्रों पर धारा 107 का मुकदमा थानाध्यक्ष से करवा दिया। उसमें मेरे तीनों पुत्रों को फसा दिया जिसका नंबर ११७७/२० है। उसका अगला तारीख 5 नवंबर 2020 को तथा टाइटल सूट का अगला तिथि २१-१०-२० को पड़ा है। इसके बावजूद 16 अक्टूबर को समय लगभग 9:00 बजे थानाध्यक्ष दल बल के साथ भोला महतो तथा चितरंजन कुमार के मेल में आकर तीनों पुत्रों के मकान व दुकान पर आकर अज्ञात लोगों के साथ आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए। पुलिस बल सहित अज्ञात अपराधी सहित अचानक मेरे तीनों पुत्रों पर हमला बोल दिए जबकि थाना प्रभारी को ज्ञात है कि इसमें स्वयं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 107 का मुकदमा चल रहा है तो फिर थाना प्रभारी को इस भीड़ के साथ आने की क्या जरूरत थी। जबकि भोला महतो पर एवं चितरंजन कुमार पर सरकारी नियमानुसार उचित कार्रवाई होनी चाहिए जिससे मेरा बचाव हो सकता था।


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