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कभी मूछों पर देता था ताव, अब असहाय…

Spread the love      साधु के वेश में हुआ था गिरफ्तार 2014 में दुष्कर्म, 2020 में दर्ज हुआ मुकदमा, 2023 में

कभी मूछों पर देता था ताव, अब असहाय…
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साधु के वेश में हुआ था गिरफ्तार

2014 में दुष्कर्म, 2020 में दर्ज हुआ मुकदमा, 2023 में सजा

भदोही। पूर्व विधायक विजय मिश्रा को 12 महीने के अंदर तीसरी बार सजा मिली है। इससे पहले आर्म्स एक्ट में ढाई साल और चुनावी सभा में फायरिंग के मुकदमे में पांच साल की सजा हो चुकी है। सजा के साथ ही पूर्व विधायक का साम्राज्य ढहता चला जा रहा है। करोड़ों की संपत्तियां जब्त हो चुकी हैं। भदोही के डीघ ब्लॉक से सियासी पारी शुरू की थी, फिर विधानसभा चुनाव के मैदान में उतर गया। चार बार चुनाव जीता और विधायक बन गया। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद विजय मिश्रा की परेशानी शुरू हुई। रिश्तेदार की संपत्ति हड़पने के मुकदमे में शासन सख्त हुआ तो वह फरार हो गया। 

इसके बाद एसटीएफ और पुलिस ने मध्य प्रदेश से उसे गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद धमकी, जालसाजी, दुष्कर्म सहित कुल 83 मुकदमे दर्ज किए गए। 21 मामले अदालत के विचाराधीन हैं। अदालत में सुनवाई चल रही है।अक्तूबर 2022 में करीब 13 साल पुराने आर्म्स एक्ट के मुकदमे में भदोही की एमपी/एमएलए कोर्ट ने ढाई साल की सजा सुनाई तो मार्च 2023 में प्रयागराज की एमपी/एमएलए कोर्ट ने चुनावी सभा में फायरिंग करने के मुकदमे में पांच साल की सजा सुना दी। 

अब शनिवार को दुष्कर्म के मामले में 15 साल के सश्रम कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा मिली है। जिला शासकीय अधिवक्ता दिनेश पांडेय ने बताया कि कई मुकदमों में सुनवाई पूरी होने वाली है। इनमें भी जल्द ही फैसला आ सकता है। अभियोजन की प्रभावी पैरवी और साक्ष्यों को प्रस्तुत करने से सजा की राह आसान हो रही है।
वाराणसी की एक गायिका ने पूर्व विधायक, उसके बेटे विष्णु मिश्रा, नाती विकास मिश्रा के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। आरोप लगाया था कि पूर्व विधायक ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। वाराणसी के जैतपुरा थानाक्षेत्र की रहने वाली महिला ने इस मामले में वर्ष 2020 में मुकदमा दर्ज कराया था।

पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल किया था। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद गत शुक्रवार (3 नवंबर 2023) को पूर्व विधायक को दोषी करार दिया था, जबकि उसके बेटे विष्णु मिश्रा और नाती विकास मिश्रा को दोषमुक्त कर दिया। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विनय बिंद और दिनेश पांडेय ने बताया कि पूर्व विधायक को अपने किए की सजा मिली है।

पूर्व विधायक की 2020 में गिरफ्तारी के बाद जिला न्यायालय ज्ञानपुर में पेशी हुई थी। तब वह मूछों पर ताव देता था, लेकिन शनिवार को दुष्कर्म के मुकदमे फैसला आने पर चेहरा उतर गया। असहाय दिख रहा था। सजा के बाद उसे वज्र वाहन में बैठाया गया, फिर आगरा जेल भेज दिया गया


ज्ञानपुर विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहा है। विजय मिश्रा पहले भी कई बार जेल जा चुका है। वर्ष 2009 में बसपा सरकार में भदोही विधानसभा के उपचुनाव में सत्ता को सीधे चुनौती दी। इसके बाद करीब दो साल तक फरारी काटी। 2012 में एसटीएफ ने दिल्ली से उसे साधु के वेश में गिरफ्तार कर लिया था। उस दौरान बड़ी-बड़ी दाढ़ी के कारण पूर्व विधायक चर्चा में आया था।

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