कैमूर: दिल्ली से कोलकाता तक जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो पर इन दिनों भीषण जाम लगा हुआ है। लग्न का समय है बारातियों और दूल्हों की गाड़ियां जाम में घंटों फंसी रह रही है। शाम में अगर जाम में लगते हैं तो 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में सुबह भी हो जाती है। यहां तक कि एंबुलेंस, मर्चरी वाहन के साथ कई छोटे गाड़ियां जाम में फंसे हुए हैं। एनएचआई जाम छुड़ाने का प्रयास तो करता है लेकिन जाम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 15 दिनों से जाम की त्रासदी झेल रहा है कैमूर जिले में एनएच 2, यह जाम बिहार यूपी बॉर्डर कर्मनाशा से दुर्गावती तक कुल 15 किलो मीटर लगा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ मोहनिया टोल प्लाजा से मोहनिया तक सात किलोमिटर लम्बा जाम लगा हुआ है।
कर्मनाशा बॉर्डर पर भीषण जाम होने के कारण टोल प्लाजा पर सभी बड़े वाहनों को रोक दिया गया है क्योंकि सभी गाड़ियां एक ही साथ बॉर्डर पर करमनासा नदी के ऊपर बने स्टील ब्रिज के ऊपर ना पहुंचे।
बॉर्डर पर जाम कम होने पर फिर टोल प्लाजा से गाड़ियों को छोड़ा जाएगा। पहले जीटी रोड के नाम से यह सड़क विख्यात था अब यह नेशनल हाईवे 2 है, जहां गाड़ियों की रफ्तार देने के लिए इसे सिक्स लेन बनाया जा रहा है। काम भी तेजी से चल रहा है, लेकिन बालू लदे ओवरलोड वाहनों के बेतरतीब परिचालन के कारण और कर्मनाशा नदी का पुलिया टूटने के बाद टेंपरेरी बने स्टील ब्रिज से एक-एक गाड़ियों का परिचालन छोड़ा जा रहा है जिससे जाम विकराल रूप ले लिया है।
इस जाम के कारण दुर्घटनाओं में भी वृद्धि हुई है। पिछले 2 दिनों में कुल 3 लोगों ने इस जाम के कारण अपनी जिंदगी खो दी है। वहीं आधा दर्जन से अधिक लोग जख्मी भी हो चुके हैं। जाम में फंसे लोगों का बुरा हाल है ना खाने के साधन मिल रहे हैं ना पीने के पानी की व्यवस्था है। वाहन चालक तो पिछले 8 घंटे में मात्र 3 किलोमीटर की दूरी तय कर पाते हैं। एनएचआई प्रशासन का सहयोग नहीं मिलने का बात बताता है।
बिहार और यूपी को जोड़ने के लिए कैमूर जिला में स्थित कर्मनाशा नदी पर एनएचआई ने करोड़ों रुपए की लागत से पुल बनाया था। लेकिन बालू लदे ओवरलोड वाहनों के परिचालन से पुलिया पिछले साल दिसंबर में टूट गया था जिसके बाद 14 दिनों तक पूरी तरह परिचालन ठप रहा। फिर 14 दिनों में लेफ्ट साइड में डायवर्सन बनाया गया लेकिन 6 महीने बाद बारिश के मौसम में पानी के बढ़ते दबाव के कारण डायवर्सन को तोड़कर स्टील ब्रिज बनाया गया। जिस पर एक-एक वाहनों को धीरे-धीरे पार कराया जाता है जिससे बॉर्डर से लेकर 15 से 20 किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। जाम से निकलने के लिए दूसरे लेन में गाड़ियां जल्दी निकलने की होड़ में जाकर जाम कर दे रहे हैं, जिससे दोनों लेन पूरी तरह जाम हो गया है। एनएचएआई टोल प्लाजा मैनेजर के अनुसार 24 एनएचआई के कर्मी जाम हटाने में लगे हैं लेकिन प्रशासन के सहयोग नहीं मिलने से जाम हटाने में सफलता नहीं मिल पा रही है।
रिपोर्ट: अजीत कुमार गुप्ता