जालौन। पवन याज्ञिक: बिजली विभाग इन दिनों जोर शोर से बिजली चोरी और बकाए के खिलाफ अभियान चला रही है विभाग की कार्यशैली अपनों पर करम गैरों पर सितम की है कर्मचारी सरकारी विभागों और रसूलदार लोगों की बिजली काटने से कतरा रहे है जबकि कमजोर तबके का कनेक्शन काटकर पीठ थपथपा रहे है ।
विभागीय सूत्रों की मानें तो माधौगढ़, रामपुरा में तकरीबन लाखों रुपये बिजली का बकाया है। इसमें से अधिकांश बड़े बकाएदार, सरकारी विभाग है, हालांकि यदि कहा जाये तो ढोल में पोल की जैसी कहानी है। बिजली विभाग के जेई व एसडीओ, कर्मचारियों द्वारा चैकिंग पर निकलते है और सख्त बिजली विभाग का चैकिंग अभियान चलाया जाता है। जिसमें गरीब, मजदूर, निम्न कोटी के उपभोक्ताओं का जो बकायदार है उनका कनेक्शन काट दिया जाता है।
जिसमें अहम भूमिका लाईटमैन की है जो करीब 20 साल से जमा हुए है। इसमें जेई व एसडीओ लाइन मैनों व मीटर रीडरों की सहभागिता से पूरी कर वसूली की जाती है। अभी कुछ दिन पूर्व ही ग्रामीणों ने मायूस होकर बताया था कि जितना हमारा राशन पानी घर खर्च नही है, उससे अधिक हमें बिजली बिल थमा दिया गया।
तो वही विधुत विभाग को ना जाने ही कितने शिकायती दिये जाते है कुछ की सुनवाई व अन्य को अजर अंदाज़ कर दिया जाता है। यदि विभागीय सूत्रों की मानें तो स्थानांतरण से पूर्व जेई आलोचनाओं का शिकार भी रह चकें है। हालांकि वहीं अगर देखा जाये तो विधुत विभाग में राजस्व को भरी पूरी चोट पहुँचायी जा रही है। आखिर विभाग उदासीन क्यों है??