भारत के लिये ‘फुटबाल’ खेलना और ‘गोल्ड’ लाना मेरा लक्ष्य : कर्तव्य पाण्डेय
संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। फुटबाल के एक ‘कीक’ से देश का ‘तिरंगा’ लहराने लगता है…। जीत की भूख और देश के लिये मैच जीतने का जज्बा जब लेकर खिलाड़ी मैदान में उतरता है तो पूरे देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। सभी जानते हैं कि वर्ष 1995 से अब तक भारत ने आखिरी बार फीफा खेलों के लिये फुटबाल में क्वालीफाई किया था लेकिन उसके बाद से फुटबाल प्रेमियों की उम्मीदें सपना बनकर रह गयी…। लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के युवा फुटबाल खिलाड़ी जिस गोली की रफ्तार से गोल पर गोल मारकर विरोधी टीम के जबड़े से जीत निकाल कर अपनी टीम को जीत का स्वाद चखा रहा है,उसे देखकर एक बार फिर उम्मीद फीफा गेम में फुटबाल मैच का शामिल होने और जीत की उम्मीदें जगने लगी है। इतना ही नहीं,युवा फुटबालर कीक के साथ-साथ हवा से भी बातें करता है। 100 मीटर की दौड़ में हमेशा अव्वल आने वाले खिलाड़ी के घर में दर्जनों गोल्ड मेडल सजा है, जो ये बताता है कि यारों, जिंदगी में जिस काम को शिद्दत से करने का मन करे, उसे हर हाल में करो…एक ना एक दिन सफलता कदम चूमने पर मजबूर हो जायेगी…। हम बात कर रहे हैं लखनऊ के कृष्णानगर में रहने वाले कर्तव्य पाण्डेय की…।

युवा फुटबाल खिलाड़ी कर्तव्य पाण्डेय, जो बचपन में स्कूल तो जाता था लेकिन अक्सर क्लास से गोल हो जाता था। जब उसकी ढूंढाई होती तो मालूम चलता मैदान में गोल मार रहा है…। फिर क्या, स्कूल प्रिंसिपल की शिकायत पर अक्सर उस खिलाड़ी के माता-पिता हाजिर होते और फुटबाल प्रेमी का आये दिन स्कूल बदल जाता था…। पैरेंटस भी सोचते कि आखिर बेटा बड़ा होकर क्या करेगा…पढ़ाई में मन लगता नहीं, जब देखो फुटबाल…फुटबाल और फुटबाल… लेकिन आज वही माता-पिता अपने लाल द्वारा एक के बाद एक कर नेशनल लेबल टीम में चयन होने पर गर्वान्वित होकर कहते हैं इसका भविष्य, सपना सिर्फ और सिर्फ फुटबाल है और एक दिन ये देश का नाम जरूर रौशन करेगा…। जी हां, युवा फुटबाल खिलाड़ी कर्तव्य पाण्डेय हैं, जो लखनऊ के आशुतोष नगर, कृष्णानगर के रहने वाले हैं। कर्तव्य पाण्डेय के खेल को देखते हुये यूथ गेम डेवलपमेंट फेडरेशन, इंडिया ने कर्तव्य का चयन 10 दिसंबर 2024 को इंडो नेपाल युवा सीरीज 2024 के इंटरनेशनल फुटबाल टीम और 100 मीटर रनिंग में कर दिया। कहना सही होगा कि पोखरा, नेपाल में आयोजित इंडो नेपाल युवा सीरीज में कर्तव्य के एक ‘कीक’ से इंडिया ने जीत दर्ज की और यूपी वालों के साथ-साथ उन्होंने अपने शुभचिंतकों को नव वर्ष का शानदार गिफ्ट भेंट किया। पेश है कर्तव्य पाण्डेय के स्कूल से लेकर फुटबाल और रनिंग के मैदान के बीच होने वाले सफरनामे की खट्टी-मिठी बातें…
कर्तव्य पाण्डेय के पिता सुभाष पाण्डेय सहकारिता विभाग में अधिकारी पद पर गोरखपुर में तैनात हैं और मां पेशे से सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। बात पिता की जुबानी से करते हैं…।
सुभाष पाण्डेय ने बताया कि कर्तव्य का जन्म 27 जनवरी 2007 को लखनऊ में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा स्टेला मेरी इण्टर कालेज, कानपुर रोड लखनऊ और हाई स्कूल,एल.पी.एस., सेक्टर आई से हुयी। बचपन से हमलोग देख रहे थे कि कर्तव्य बच्चों के साथ खेलते समय किसी ना किसी बहाने घर में रखे सामान को फुटबाल बना देते थे। यदि गोल साइज का सामान उन्हें दिख गया तो समझ लें वो उनके कीक से घर के बाहर ही दिखता था। डांट-फटकार का उन पर कोई असर नहीं पड़ता था। इसी तरह, स्कूल में भी बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं और कर्तव्य मैदान में दौड़ लगा रहे होते या ईट को फुटबाल समझ कर कीक मार रहे होते…। परिणाम ये रहा कि आये दिन प्रिंसिपल के सामने हमलोगों को पेश होना पड़ता और वही शिकायत कि अपने बच्चे को संभालिये,इसका पढ़ाई में मन नहीं लगता है… जब देखो क्लास गोल कर मैदान में भाग जाता है। एक स्कूल से नाम कटाकर दूसरे में दाखिला कराते लेकिन वहां भी इनकी यही शिकायत मिलती थी। जब पूछो मुस्करा कर चुप्पी साध लेते। आखिरकार इंटरमीडिएट में कर्तव्य का एडमीशन श्री राम सेंटेनियल स्कूल, देहरादून में कराना पड़ा। यहां से पास आउट हुये लेकिन सही मायने में देहरादून से ही इनके सपनों को पंख लगना शुरु हुआ। श्री पाण्डेय ने बताया कि कर्तव्य को फुटबॉल खेलने का पूरा मौका देहरादून स्कूल बोर्डिंग में मिला। वहां पर पढ़ाई के साथ- साथ फुटबॉल, एथलेटिक्स में स्टेट लेबल पर खेला, जिसमें कई गोल्ड मेडल और ट्रॉफ़ी जीते। इसी तरह 5 जी एस. पी. सिन्हा मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट द इंडियन पब्लिक स्कूल, देहरादून 2023 में कर्तव्य टॉप स्कोरर रहें, जिसमें इनको 10 हजार रुपये नगद ईनाम व गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। इसी तरह, वर्ष 2024 में डी.कैथलॉन प्ले फुटबॉल टूर्नामेंट में भी कर्तव्य टॉप स्कोरर रहें और मैंन ऑफ द मैच व ट्रॉफ़ी से नवाजा गया।

अब मां श्रीमती संतोष पाण्डेय की जुबानी भी सुनिये…
बेटा तो सभी मां-बाप के दुलारे होते हैं…कर्तव्य भी ऐसा ही बच्चा है लेकिन इसकी पढ़ाई में शुरु से मन नहीं लगता था। जब देखो घर का सामान उछालता रहता,कई बार डांट पड़ी लेकिन असर नहीं पड़ा। कर्तव्य बचपन से फुटबॉल खेल में अव्वल रहें। क्लास छोड़कर मैदान में दिखायी पड़ते थे जिसकी शिकायत स्कूल की डायरी में प्राय: दर्ज होती रहती थी। आज खुशी हो रही है कि घरेलू सामान को कीक मारते-मारते इंटरनेशनल लेबर पर फुटबाल का खिलाड़ी बन गया। मुझे पूरी उम्मीद हे कि कर्तव्य इंडिया के लिये खेलेगा।

फुटबाल प्लेयर और एथलेटिक्स में स्टेट लेबर खेल चुके कर्तव्य पाण्डेय ने बताया कि
खेलो भारत यूथ फेडरेशन नेशनल टूर्नामेंट महामाया स्टेडियम,बुलंदशहर,गाजियाबाद में आयोजित मैच में प्रथम स्थान पर रहे ,जिसमें मुझे गोल्ड मेडल से सम्मानित करते हुये इंटरनेशनल मैच में चयनित किया गया। 10 दिसंबर 2024 को इंडिया का प्रतिनिधित्व करने यानि भारत की तरफ़ से इंडो- नेपाल युवा सीरीज 2024 इंटरनेशनल मैच में चयन किया गया। इसी के तहत पुुटबाल खेलने व एथलेटिक्स के लिये पोखरा, नेपाल गया जो 31 दिसंबर से 3 जनवरी 2025 तक चला। मैच के पहले हॉफ के10वें मिनट में दोनों टीम दो-दो गोल दागकर बराबर पर थे लेकिन आखिर के आठवें मिनट में इंडिया को फ्री कीक मिला और मैंने गोल कर इंडिया को जीत दिला दी। इसी तरह 100 मीटर की रेस में गोल्ड मेडल हासिल किया। कर्तव्य पाण्डेय का कहना है कि मैं हमेशा फ़िफ़ा वल्र्ड कप तक भारत का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखता हूं। भारत के लिये जीत का मौका बनाना चाहता हूं, क्योंकि 1995 से अब तक भारत ने आखिरी बार आखिरी बार फ़िफ़ा वल्र्ड कप खेलों के लिये क्वालीफाई किया था।