साउथ अफ्रीकी कप्तान ने रोक दी थी सांसें
मुंबई: आंसू आज भी थे और साल 2017 में भी। बस फर्क उनके पीछे के कारण का था। 8 साल पहले जहां भारतीय क्रिकेट प्रेमी महिला विश्व कप फाइनल हारने का गम मना रहे थे, वहीं रविवार (2 नवंबर) को उनकी आंखों से खुशी के आंसू बहते दिखाई दिए। भारतीय महिला क्रिकेट टीम अब दुनिया की नई चैंपियन है।

भारतीय क्रिकेट प्रेमी जिस पल का इंतजार साल 1973 में पहले महिला विश्व कप से कर रहे थे, वो आखिरकार साल 2025 में हरमनप्रीत कौर की टीम इंडिया ने उन्हें वो पल दिला दिया है। महिला विश्व कप के उतार-चढ़ाव से भरपूर और सांसें रोक देने वाले फाइनल मुकाबले में भारतीय महिला टीम ने साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराकर खिताब पर कब्जा कर लिया है। नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में भारतीय क्रिकेट टीम ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 7 विकेट पर 298 रन का स्कोर खड़ा किया था। इसके बाद साउथ अफ्रीकी टीम को 246 रन पर ऑलआउट करके मैच और ट्रॉफी अपने नाम कर ली।
साउथ अफ्रीका की टीम ने जब टारगेट का पीछा करना शुरू किया तो क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद थी कि मुकाबला जल्द ही खत्म हो जाएगा। लेकिन अफ्रीकी कप्तान लौरा वाल्वार्डट ने एक बार फिर वहीं से पारी शुरू की, जहां सेमीफाइनल में शतक बनाकर इंग्लैंड के शिकंजे से अपनी टीम के लिए फाइनल का टिकट छीना था। लौरा 42वें ओवर तक विकेट पर रहीं और एक बार फिर शतक ठोक दिया। इससे भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की सांसें रुक गई थीं, लेकिन बल्ले से भारतीय पारी के दौरान बेहतरीन फिफ्टी बनाने वाली दीप्ति शर्मा ने गेंद से मैजिकल हैंड दिखा दिया।
दीप्ति ने वाल्वार्डट को अमनजोत कौर के हाथों कैच कराकर मैच पलट दिया। वाल्वार्डट ने 98 गेंद में 101 रन की पारी खेली। इसी ओवर में दीप्ति ने चौथी गेंद पर कोले ट्रायॉन को भी एलबीडब्ल्यू कर दिया। इससे पहले 40वें ओवर में भी दीप्ति ने एनारी डिकरसन को बोल्ड कर दिया था।