वाल्मीकि नगर: वन प्रशासन और डब्लू आई आई के सौजन्य से गंडक नदी के गंडक बराज से पटना तक जल क्षेत्र में निवास कर रहे विभिन्न प्रजाति के जलचर के विकास और उनके संरक्षण के उद्देश्य से भारतीय वन्यजीव संस्थान डब्ल्यू आई आई के द्वारा आज से सात दिवसीय सर्वे का कार्य शुरू किया गया है।
इस बाबत डब्लू आई आई के टीम मैनेजर शौरभ ने बताया कि गंडक नदी से सटे क्षेत्रों का भी डब्ल्यू आई आई की टीम सर्वे कर रही है। इसके अलावा पानी की जांच को भी प्रमुखता से किया जा रहा है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को सुपुर्द की जाएगी ।
किंतु इस बार कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण गर्मी के मौसम में सर्वे का कार्य संपन्न नहीं हो सका है। गंडक नदी और उसके सहायक 8 नदियों में भी इस सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया गया है।
मोटर बोट के द्वारा नदी में वास कर रहे विभिन्न प्रजाति के जलीय जीव जंतु जैसे मगरमच्छ, कछुआ, घड़ियाल, डॉल्फिन समेत विभिन्न प्रजाति के प्रवासी पक्षी के संरक्षण और उनके विकास को लेकर बिहार कि सबसे संकटग्रस्त जीव घड़ियाल ही है।
बिहार सरकार द्वारा जल जीव संरक्षण हेतु सर्वे किया जा रहा है। गंडक बराज से लगभग 350 किलोमीटर नदी मार्ग में पटना तक यह सर्वे किया जाना है। साथ ही साथ गंडक नदी के तटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले ग्रामीणों के सहयोग से जलीय जीवो के संरक्षण के प्रति उनको जागरूक किया जाएगा। ताकि इनके विकास से संबंधित चुनौतियों के बाबत रणनीति तय की जा सके।
इस मौके पर डब्ल्यू आई आई के शौरभ, आशिष और आकाश रावत समेत टीम के अन्य सदस्य मौजूद रहे।
रिपोर्ट: विजय कुमार शर्मा