पूर्वी लद्दाख के गलवान वैली में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद भारतीय नौसेना ने बड़ा कदम उठाते हुए दक्षिण चीन सागर में युद्धपोत तैनात किया है। हालांकि चीन ने दोनों देशों के बीच हुई बातचीत में इस कदम पर आपत्ति जताई थी। चीन लगातार इस क्षेत्र में भारतीय नौसेना के जहाजों की उपस्थिति पर आपत्ति जताता रहा है। इस इलाके में चीन ने 2009 से मिलिटरी और आर्टिफिशल आइलैंड्स का इस्तेमाल करके काफी विस्तार किया है।
सरकार से जुड़े सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि गालवान वैली में हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद भारत ने दक्षिण चीन सागर में एक युद्धपोत तैनात किया है। इस युद्धपोत को उस इलाके में तैनात किया गया है, जहां पीपल्स लिबरेशन आर्मी की नौसेना ने किसी भी अन्य फोर्स की मौजूदगी पर ऐतराज जताया था। चीनी नेवी का दावा था कि दक्षिणी चीनी सागर का अधिकांश हिस्सा उसके क्षेत्र में आता है।
चीन ने की थी शिकायत
सूत्रों ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना के युद्धपोत की तत्काल तैनाती से चीनी नौसेना में बेचैनी का माहौल है। क्योंकि उन्होंने भारतीय पक्ष के साथ डिप्लोमैटिक लेवल की बातचीत में भारतीय युद्धपोत की उपस्थिति के बारे में शिकायत की थी।
बेहद गोपनीय रहा नौसेना का मिशन
सूत्रों ने बताया कि दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना ने भी अपने विध्वंसक और फ्रिगेट तैनात किए थे। यहां अपने युद्धपोत की तैनाती के दौरान भारतीय युद्धपोत लगातार अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ संपर्क बनाए हुए थे। उन्होंने कहा कि रूटीन ड्रिल के हिस्से के रूप में, भारतीय युद्धपोत को लगातार अन्य देशों के सैन्य जहाजों की आवाजाही की स्थिति के बारे में अपडेट किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि किसी भी सार्वजनिक चकाचौंध से बचने के लिए पूरे मिशन को बहुत ही गोपनीय तरीके से किया गया।
मलक्का स्ट्रेट्स में भी नेवी ने तैनात किए फ्रंटलाइन जहाज
इसी दौरान, भारतीय नौसेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास मलक्का स्ट्रेट्स में चीनी नौसेना की गतिविधि पर नजर रखने के लिए अपने फ्रंटलाइन जहाजों को तैनात किया। चीनी नौसेना इसी रास्ते से हिंद महासागर में प्रवेश करती है। इसके अलावा कई चीनी जहाज भी तेल या मर्चेंट शिपमेंट्स के साथ अन्य महाद्वीपों से आकर इसी रास्ते से गुजरते हैं।
सूत्रों ने कहा कि भारतीय नौसेना पूर्वी या पश्चिमी मोर्चे पर विरोधियों द्वारा किसी भी दुस्साहस का जवाब देने में पूरी तरह से सक्षम है और मिशन-बेस्ड तैनाती ने हिंद महासागर क्षेत्र और इसके आसपास लगातार उभर रही स्थितियों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में मदद की है।
चीनी नौसेना पर भारत की कड़ी नजर
सूत्रों ने कहा कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी की नौसेना के जहाजों की मलक्का स्ट्रेट्स से लेकर हिंद महासागर में होने वाली मूवमेंट पर नजर रखने के लिए भारतीय नौसेना अंडरवाटर जहाजों, अन्य मानवरहित सिस्टमों और सेंसरों को तुरंत हासिल कर तैनात करने की योजना बना रही है। इसके अलावा भारतीय नौसेना जिबूती इलाके के आसपास मौजूद चीनी जहाजों पर भी नजर बनाए रखे हुए है। नौसेना ने राष्ट्रीय हितों के लिए आसपास के इलाके में अपने असेट्स तैनात किए हैं।
एयर फोर्स के बेस पर नेवी ने तैनात किए मिग-29 K लड़ाकू विमान
सूत्रों के मुताबिक, नौसेना ने वायुसेना के एक महत्वपूर्ण बेस पर अपने मिग-29 K लड़ाकू विमानों को भी तैनात किया है। नौसेना 10 नेवल शिपबॉर्न मानव रहित हवाई वाहनों की खरीद पर भी काम कर रही है। इनके लिए 1,245 करोड़ रुपये से अधिक का सौदा होने की उम्मीद है।