खुशखबरी: सिटी हॉस्पिटल एण्ड ट्रामा सेंटर में खुल गया ‘जनता क्लिनिक’
मरीज कहते हैं – ‘मुस्कराइये कि आप सिटी हॅास्पिटल एण्ड ट्रामा सेंटर में भर्ती हैं ‘
संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। हॉस्पिटल ये वो ‘शब्द’ है,जहां कोई जाता है तो उसे और उसके परिवार को दो बातें बेचैन करती है ‘वो जहां भर्ती है, उसकी जिंदगी कुशल डॅाक्टर के हवाले है या नहीं ? हॅास्पिटल के डॉक्टर की फीस कितनी भारी-भरकम होगी…। से सवालात चाहें अमीर हो या फिर गरीब,सभी के परिजनों को तब तक बेचैन करती है, जब तक कि उनका तीमारदार स्वस्थ होकर अपने घर वापस ना आ जाये…। लेकिन…राजधानी में एक ऐेसा भी हॅास्पिटल है,जहां भर्ती होने पर मरीज कहता है कि ‘मुस्कराइये कि आप सिटी हॅास्पिटल एण्ड ट्रामा सेंटर में भर्ती हैं।’ जी हां, ये सच है। इस हॅास्पिटल के चेयरमैन डॉ. राजेश मेहता हैं…। ये वही राजेश मेहता हैं, जो देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई के पैर के जोड़ों का भी इलाज कर चुके हैं।
डॉ. मेहता अपने पिता इंदरलाल मेहता के सपनों को हकीकत में बदल रहे हैं। पिता का ख्वाब था ‘ऐसा हास्पिटल बनाओ जो इतनी सुविधाओं से लैस हो कि हर अमीर आदमी वहां इलाज कराने के लिये तरसे…और इतना किफायती हो कि गरीब आदमी भी आसानी से इलाज करा सके…क्योंकि गरीबों के पास पैसा नहीं होता और बेहतर इलाज के अभाव में वे दुनिया छोड़ जाते हैं…।’ पिता के सपने को पूरा करने के तहत ही हड्डी रोग विशेषज्ञ डॅा. राजेश मेहता ने सिटी हॅास्पिटल एण्ड ट्रामा सेंटर में ‘जनता क्लिनिक’ की शुरुआत कर दी है।
सिटी हॅास्पिटल एण्ड ट्रामा सेंटर के चेयरमैन डॅा. राजेश मेहता ने बताया ‘ जनता ओपीडी चलाने का मेरा सिर्फ और सिर्फ एक ही मकसद है…मदद करना, ऐसे मरीजों की जो, आर्थिक अभाव में बेहतर इलाज नहीं करा पाते। मेरे पास हर दिन तमाम ऐसे मरीजों के परिजन आते हैं जो हाथ जोड़कर कहते हैं डॅा. साहेब कै से इलाज कराये, मेरे पास तो पैसा ही नहीं है…। मैंने उनसे सिर्फ दवा का ही पैसा लिया और बेहतर इलाज किया। जनता क्लिनिक खोलने का मकसद ही यही है कि यहां पर एक्सपर्ट डॉक्टर की टीम की मौजूदगी में आप को सही जानकारी और सही समय पर इलाज की सलाह मिलेगी। सबसे बड़ी बात ये है कि आपको सभी बीमारियों की फीस इतनी कम होगी कि आपको जांच कराने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।’श्री मेहता ने बताया
‘जनता क्लिनिक में दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक जनता ओपीडी चल रही है,जिसकी फीस मात्र 100 रुपये है और इसे वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम चला रही है। इसमें हड्डी रोग विशेषज्ञ, हृदय रोग विशेषज्ञ, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, महिला रोग, फेफड़े की बीमारियों सहित सामान्य चिकित्सा देने वाले ऐसे एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम हैं, जो 20 वर्ष से अधिक समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यानि, मौके पर जब एक्सपर्ट डॉक्टर की टीम रहेगी तो सभी बीमारियों के इलाज की टिप्स तुरंत मिल जायेगी।
उन्होंने कहा कि स्पेशलिस्ट, सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर हफ्ते में एक या दो दिन जनता ओपीडी से निकले मरीजों को देख रहे हैं, जिनकी फीस मात्र 300 रुपये है। देखा जाये तो जनता ओपीडी में भर्ती मरीजों का प्रतिदिन का नर्सिंग और बेड चार्ज 1750 रूपये होता है लेकिन जनता क्लिनिक में मात्र 800 रुपये चार्ज लिया जा रहा है। इसके अलावा जिस डॉक्टर के अंडर में मरीज भर्ती होगा उसकी फीस 1000-1500 रुपये के बजाये 500 रुपये ही ले रहे हैं। साथ ही जो डॅा. देखेंगे, उनकी फीस में भी 50 प्रतिशत का छूट दी गयी है। इसके अलावा मरीजों की अन्य बीमारियों में जो बिल आयेगा, उसमें भी 50 प्रतिाशत की छूट दी जा रही है।’
उन्होंने बताया ‘तमाम इंश्योरेंश कंपनियां, आयुष्मान कार्डधारकों का सिर्फ आईपीडी कवर होता है और मरीजों को जब ओपीडी कराना होता है तो उसके लिये डॉक्टर को पूरी फीस देते हैं लेकिन जनता ओपीडी में उसी फीस (100 रुपये)में ओपीडी भी देखा जाता है। मैंने अधिक से अधिक लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिये गुरुद्वारा, मंदिर, मस्जिद, रेलवे सहित तमाम निजी संस्था वालों से भी बात की और जनता क्लिनिक में आकर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं लेने की बात रखी, जिसका सभी ने स्वागत किया है।’ श्री मेहता ने बताया ‘डॉ. एक विश्वास,भरोसे का नाम है। पैसा तो सभी कमाते हैं लेकिन मरीजों की खुशियां और दुवाएं कम लोग हासिल कर पाते हैं और मुझे सिर्फ विश्वास रुपी कुंजी और दुवाएं ही कमानी है। आज सिटी हास्पिटल में मेरे जितने पुराने मरीज आते हैं,वे स्वयं अपने परिचितों को बताते हैं कि इलाज कराना है तो सिटी हास्पिटल एण्ड ट्रामा सेंटर जाओ…क्यों? ये अपनों का विश्वास,भरोसा ही तो है…।’