नई दिल्ली। आठ महिने के लंबे इंतजार के बाद नए कलेवर और नए माहौल में विराट एंड कंपनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रंग जमाने को तैयार है। नई जर्सी और कोरोना वायरस के बीच टीम इंडिया शुक्रवार को जब ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ उतरेगी तो उसका लक्ष्य जीत के साथ नई शुरुआत करने का होगा। तीन वनडे मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले के साथ दोनों टीमों के बीच क्रिकेट का रोमांच शुरू होगा। कोहली की टीम ने आखिरी मुकाबला मार्च की शुरुआत में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था। कोरोना के कारण लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रही टीम का सामना अब ऑस्ट्रेलिया जैसे धुरंधर से है जिसे उसकी धरती पर हराना आसान नहीं होगा।
भारतीय टीम 1992 विश्व कप की नेवी ब्लू जर्सी में नजर आएगी। अंधविश्वासों को मानने वाले इसे अच्छा संकेत नहीं कहेंगे क्योंकि उस टूर्नामेंट में भारत नौ टीमों में सातवें स्थान पर रहा था। वैसे क्रिकेट में अतीत का प्रदर्शन मायने नहीं रखता।
रोहित की गैरमौजूदगी में बल्लेबाजी क्रम पर पड सकता है असर : भारत को अपने ‘हिटमैन’ रोहित शर्मा की कमी खलेगी। चोटिल रोहित की गैर मौजूदगी से बल्लेबाजी क्रम पर असर जरूर पड़ेगा। ऑस्ट्रेलिया में फोकस इस पर रहेगा कि रोहित की अनुपस्थिति में टीम संयोजन सही कैसे बन पाता है। शिखर धवन के साथ मयंक अग्रवाल पारी का आगाज करेंगे या शुभमन गिल। मिशेल स्टार्क या पैट कमिंस की गेंदों को झेलना आसान नहीं रहेगा। भारतीय बल्लेबाजों का सामना सर्वश्रेष्ठ तेज आक्रमण से होने जा रहा है।
राहुल की होगी परीक्षा : लोकेश राहुल के लिए भी यह दौरा अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा। उपकप्तान राहुल आईपीएल में शानदार फॉर्म में थे जिसे वह बरकरार रखना चाहेंगे। हालांकि असल चुनौती विकेट के पीछे धोनी की जगह लेने की है, जहां उन्हें युजवेंद्र चहल की गुगली को भांपना होगा। खुद राहुल मानते हैं कि धोनी की जगह लेना तो किसी के लिए संभव नहीं है। माही ने विकेटकीपिंग के इतने ऊंचे मानदंड कायम किए हैं कि उन पर खरे उतरना भी किसी के लिए आसान नहीं है।
दो स्पिनरों के साथ उतर सकता है भारत : भारतीय एकादश में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी दोनों शामिल हो सकते हैं या टीम प्रबंधन टेस्ट सीरीज को ध्यान में रखकर एक मैच में एक को ही उतार सकता है। ऐसे में शार्दुल और सैनी को मौका दिया जा सकता है। हार्दिक छठे या सातवें नंबर पर आक्रामक बल्लेबाजी में माहिर हैं जिससे कोहली दो स्पिनर लेकर उतर सकते हैं। चौथे नंबर पर अय्यर ने पिछले दौरे पर अच्छा प्रदर्शन किया था। ऑस्ट्रेलियाई मध्यक्रम के लिए चहल चिंता का सबब होंगे। वहीं भुवनेश्वर जैसे डेथ ओवरों के विशेषज्ञ गेंदबाज की गैर मौजूदगी में बुमराह पर अतिरिक्त जिम्मेदारी रहेगी। वनडे के बाद तीन टी20 मैच खेले जाने हैं। टेस्ट सीरीज 17 दिसंबर से शुरू होगी ।