योगी सरकार में ‘बलात्कारी’,’भ्रस्टाचार’ के आरोपियों पर मंत्री मेहरबान, मुख्यालय के अफसरों ने कर दी मनचाही तैनाती !


होमगार्ड विभाग के भ्रष्ट अफसरों ने बलात्कार और भ्रस्टाचार के आरोपी इंस्पेक्टरों का तबादला कर मंत्री, डीजी की कर दी…

यूपी: भाड़ में जाये मंत्री और डीजी,अफसरों ने बलात्कारी, भ्रस्टाचार के आरोपी इंस्पेक्टरों की मनचाही जगह करा ली पोस्टिंग

षडय़ंत्र की आ रही बू: ईमानदार डीजी बी के मौर्य पर रिटायरमेंट से पहले भ्रस्टाचार का दाग लगाने की योजना तो नहीं ?

संजय श्रीवास्तव

लखनऊ। यूपी में योगी राज है लेकिन तथाकथित मंत्री और अफसर भ्रस्टाचार की चासनी में डूब-डूब कर हरियाली का मजा ले रहे हैं। होमगार्ड विभाग में 9 और 11 जून को इंस्पेक्टर का तबादला किया गया। तबादला सूची में दो ऐसे इंस्पेक्टर हैं,जिन पर बलात्कार करने और (एससी,एसटी) का मुकदमा दर्ज हुआ। एक प्लाटून कमांडर (जब बीओ के पद पर था) तो अपने सगी भांजी के साथ महीनों रेप करता रहा,जब घरवालों को पता चला तो उनलोगों ने मुकदमा दर्ज कराया, जिस पर उस पापी इंस्पेक्टर को सजा हुयी और दो वर्ष तक जेल की सलाखों में रहा। रिहा होते ही महाभ्रष्ट अफसरों ने उसे घर भदोही के करीब जौनपुर में तबादला कर दिया। पदोन्नति देकर उसे दुबारा जौनपुर में ही तैनात कर दिया गया। इसी तरह बलात्कार और एससी,एसटी एक्ट के आरोपी इंस्पेक्टर को क्रीम तैनाती बरेली पहुंचा दिया गया। इतना ही नहीं ट्रेनिंग सेंटर, मुख्यालय पर जवानों के खाने में चोरी कर अपना जेब गरम करने वालों को खुद मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने पकड़ा और तत्काल हटाने का निर्देश दिया था, छह माह भी नहीं गुजरा अफसरों ने दुबारा लखनऊ के ट्रेनिंग सेंटर पर बुला लिया। अब ‘द संडे व्यूज़’ होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति से सवाल करता है कि क्या इस विभाग में बलात्कार,पॉस्को और भ्रस्टाचार के आकंठ में डूबे इंस्पेक्टरों को ही मनचाही जगह तैनाती मिलेगी? आखिर बलात्कारी और भ्रष्ट इंस्पेक्टरों ने क्या थमा दिया कि आपलोग धृतराष्ट बनकर उन ईमानदार इंस्पेक्टरों का हक मार रहे हैं,जिनके पास ना तो दो नंबर का पैसा है और ना ही मजबूत पैरवी? मंत्री जी आखिर आप क्या संदेश देना चाहते हैं कि येागी राज में सिर्फ और सिर्फ पॉस्को, बलात्कारी और भ्रस्टाचारियों पर ही मेहरबानी होगी ? ‘द संडे व्यूज़’ मुख्यमंत्री येागी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस की नीतियों पर ही चलेगा और इसके खिलाफ चलने वालों के खिलाफ जमकर हल्ला बोल जारी रखेगा। खैर, तबादला सूची देखकर विभाग में सभी बोल रहे हैं कि मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरों टॉलरेंस की धज्जियां उड़ा दी है और इसमें उनका साथ मुख्यालय पर तैनात तथाकथित भ्रष्ट अफसर दे रहे हैं। इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है कि कमांडेंट के ट्रांसफर की जो सूची जारी होगी, उसमें भी महा भ्रस्टाचार की बू दिखायी देगी।

पॉस्को केस के आरोपी केस 1 : राम बली सिंह

होमगार्ड मुख्यालय से 9 जून 2025 को बीओ से पदोन्नति पाकर प्लाटून कमांडर बनने वाले इंस्पेक्टरों की लिस्ट जारी की गयी। लिस्ट में पहला नाम रामबली सिंंह वर्तमान तैनाती जौनपुर और नवीन तैनाती जौनपुर लिखा है। नियमावली की बात करें तो जब किसी कर्मचारी का पदोन्नति किया जाता है तो उसका तबादला किसी अन्य जनपद में होना चाहिये ना कि उसी जनपद में…। रामबली सिंह को जौनपुर में नई तैनाती दे दी गयी। बता दें कि रामबली सिंह जौनपुर के बगल में भदोही जिले का रहने वाला है। ये वही रामबली सिंह हैं,जो लखनऊ मुख्यालय पर बीओ के पद पर तैनात रहते हुये अपने घर पर सगी भांजी को लेकर आये थे और उसके साथ लंबे समय तक शारीरिक शोषण करते रहें। इस बात की जानकारी जब लड़की के घर वालों को हुयी तो उनलोगों ने आलमबाग थाने में मुकदमा दर्ज कराया,जिस पर रामबली सिंह को पॉस्को एक्ट धारा के साथ जेल भेजा गया। लगभग दो वर्ष तक जेल में रहने के बाद जब रामबली सिंह रिहा हुये तो उन्हें बीओ पर ही जौनपुर में बहाल कर दिया गया। आप समझ सकते हैं कि रामबली सिंह ने इस विभाग के भ्रष्ट अफसरों की कितनी सेवा की होगी। अब उन्हें पदोन्नति देकर प्लाटून कमांडर बनाकर जौनपुर में ही नई तैनाती दे दी गयी है। प्रमोशन पाने वाले कर्मचारी, अधिकारी का ट्रांसफ र किया जाना जरूरी होता है, लेकिन राम बली सिंह के मामले में गड्डी की मोटाई शायद और ज्यादा बढ़ गयी। होमगार्ड विभाग में जो तराजू पर पूरा वजन रख दे, उसे मुख्यालय के अफसर सर आंखों पर बैठा लेते हैं।

बलात्कार,एससी,एसटी एक्ट के आरोपी केस 2: सुनील यादव अब बात करते हैं बलात्कार और एससी,एसटी एक्ट के आरोपी सुनील यादव की। बताया जाता है कि सुनील यादव का तबादला लगभग 6 माह पूर्व वाराणसी से प्रयागराज किया गया था। प्रयागराज में एक महिला ने सुनील यादव पर बलात्कार करने और एससी,एसटी एक्ट के तहत प्रयागराज के थाने में मुकदमा दर्ज करायी है। मामला हाईकोर्ट में लंबित है। आखिर सुनील यादव में मुख्यालय के अफसरों को ऐसी कौन सी खास बात नजर आयी कि उसे भी क्रीम जगह बरेली में तैनाती दे दी ? सभी जानते हैं कि सुनील यादव बरेली के कमांडेंट राजमणि का खास चेला रहा है और बनारस में राजमणि को तौलता रहा है। अब बरेली में दोनों की जुगलबंदी नया कीर्तिमान गढ़ेगी।

जवानों का निवाली डकारने वाला भ्रस्टाचारी केस नंबर 3 : अंशुल कुमार

होमगार्ड मुख्यालय पर (सीटीआई) केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान पर लगभग छह माह पूर्व होमगार्ड राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने छापेमारी की। इस दौरान प्रशिक्षण पर आये जवानों को घटिया खाना खिलाने,अधपकी रोटियां और पनियल्ला दाल खिलाने के आरोप में एक इंस्पेक्टर अंशुल कुमार और एक प्लाटून कमांडर शैलेन्द्र वर्मा का तत्काल प्रभाव से यहां से हटाने का निर्देश दिया। इस पर डीजी बी. के. मौर्य ने दोनेां को हटाकर केन्द्रीय प्रशिक्षण केन्द्र ,आजमगढ़ तैनात कर दिया था। अंशुल कुमार प्रशिक्षण पर आने वाले जवानों को घटिया खाना खिलाते थे। यहां पर आने वाले खाद्य पदार्थों में गुणवत्ता पर ध्यान देने के बजाये घटिया सामान मंगाकर कमीशन खाते थे। यही वजह है कि जवानों को घटिया खाना परोसा जाता है। इस खेल में मेस की देख-रेख करने वाले बड़े अधिकारी भी शामिल थे। सीधी बात करें तो कमीशन खोरी की भूख ने जवानों के निवाले पर डाका रखा था। छापे में हेर-फेर के गंभीर दोषी थे और आजमगढ़ फेंके गये थे, लेकिन अब थोक की गड्डी ने उन्हें भी पाक- साफ और सफेद बना दिया और मुख्यालय के अफसरों ने डीजी की आंख में धूल झोंककर उसे होमगार्ड मुख्यालय तैनात कर दिया।

जवानों का निवाला डकारने वाला भ्रष्टïाचारी केस नंबर 4: शैलेन्द्र वर्मा

होमगार्ड राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति के छापेमारी में अंशुल कुुमार के साथ प्लाटून कमांडर शैलेन्द्र वर्मा भी जवानों को कच्ची रोटी,पनियल्ला दाल खिलाने में दोषी पाये गये थे। कमीशनखोरी में अंशुल कुमार के साथ शैलेन्द्र वर्मा भी बराबर के दोषी पाये गये थे,इसीलिये डीजी ने इनका भी तबादला केन्द्रीय प्रशिक्षण केन्द्र, आजमगढ़ कर दिया था।

आत्महत्या के लिये उकसाने वाला केस नंबर 5 : लक्ष्मी शंकर यादव

मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र,झांसी में तैनात इंस्पेक्टर लक्ष्मी शंकर यादव पर एक कुक को आत्महत्या के लिये उकसाने का मुकदमा दर्ज है। इस मामले में लक्ष्मी शंकर यादव 6 माह तक जेल की सजा भी काट चुके हैं। मामला अभी न्यायालय में लंबित है लेकिन मुख्यालय के अफसरों ने याचना के आधार पर इनका तबादला मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र, प्रयागराज कर दिया है। चौंकाने वाली बात ये है कि इस विभाग में 10-10 साल से एक ही जगह तैनात निरीक्षकों को नहीं छुआ गया, लेकिन 1 साल, 2 साल से तैनात बलात्कार,पॉस्को,आत्महत्या को उकसाने और भ्रस्टाचार करने के आरोपी सुनील यादव,लक्ष्मी शंकर यादव, अंशुल कुमार और शैलेन्द्र वर्मा को मनचाही पोस्टिंग दे दी गयी। क्यों ? होमगार्ड मुख्यालय ने इन लोगों की पीठ थपथपा कर इन्हें अच्छी पोस्टिंग देकर शाबाशी दी है, शायद मुख्यालय के जाबांज अफसरों की नजर में आत्महत्या के लिये उकसाना, बलात्कार करना, नाबालिक को छेडऩा गंभीर अपराध न होकर प्रोत्साहन का बिंदु है।  कहीं ऐसा ना हो कि नोटो की गड्डी देखकर मुख्यालय के अति उत्साहित अधिकारी बलात्कारी के दोषी, ट्रेनिंग सेंटर पर जवानों के हक का निवाला डकारने वाले दोनों इंस्पेक्टरों का नाम राष्ट्रपति अवार्ड के लिये ना भेज दें। वैसे ही हाल ही में मुख्यालय पर तैनात एक चाटुकार अधिकारी ने लोकसभवन में तेल लगाकर अपना नाम राष्ट्रपति अवार्ड के लिये पक्का करा लिया है।

बात जो भी हो, मुख्यमंत्री येागी आदित्यनाथ की सरकार में यदि ऐसे लोगों को डंके की चोट पर प्रमोशन और मनचाही जगह पोस्टिंग दी जा रही है तो एक बात तय है कि भ्रस्टाचार के आकंठ में डूबे होमगार्ड मुख्यालय के अधिकारियों ने विभागीय मंत्री धर्मवीर प्रजापति और डीजी बी. के .मौर्य की साख पर बट्टा लगाने में कोई कोर कसन नहीं छोड़ा है। अधिकारियेां के बीच चर्चा जोरों पर है कि कहीं डीजी जुलाई में रिटायर हो रहे हैं। उनका दामन पाक-साफ है लेकिन कहीं तबादला एक्सपे्रेस में बलात्कार, भ्रस्टाचार के आरोपियों को मनचाही जगह तैनाती देकर डीजी के दामन को दागदार करने की योजना तो नहीं ?

क्रमश: क्या जिस तरह इंस्पेक्टर की सूची में भ्रष्ट, बलात्कारियों को दी गयी तवज्जो तो कमांडेंट की लिस्ट में भी भ्रष्टï को मनचाही तैनाती मिलेगी ?


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