संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में बैठे शिक्षा मंत्री या तो अपने विभाग से ऊबिया गये हैं या फिर शिक्षा विभाग के महाभ्रष्ट अफसरों द्वारा गलत राह से कमाये जा रहे करोड़ों की संपत्ति,परिवारीजनों या बाबूओं के संतानों को फर्जी करने की करतूतों को जानने के बाद उन पर आशीर्वाद दे रहे हैं ? आखिर क्या बात है कि सरकार की नीतियों की धज्जियां उड़ाकर अपने बेटे शिद्धार्थ पाण्डेय को एडेड स्कूल में शिक्षक बनाने वाले क्लर्क अजय पाण्डेय के खिलाफ अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कराया ? क्या वजह है कि कूटरचित तरीके से भर्ती होने वाले शिद्धार्थ पाण्डेय के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी ?
इसी तरह, बीएसए राकेश सिंह ने भी (सपा नेता) अपने भाई धर्मेन्द्र प्रताप सिंह को ऐडेढ विद्यालय में प्रधानाचार्य बना दिया। खुलासा करेंगे कि धर्मेन्द्र जी ऐडेड विद्यालय के प्रधानाचार्य होने के साथ ही निजी विद्यालय के प्रबंधक भी हैं ? बड़ा सवाल ये है कि सरकारी कर्मचारी एक साथ दो जगह पर नौकरी कैसे कर सकता है ? चौंकिये मत,ये सब भाजपा सरकार में हो रहा है और शिक्षा मंत्री की जानकारी में है।
चर्चा है कि मंत्री जी की विशेष कृपा बीएसए और उसके भाई सपा नेता, पर है। सवाल ये है कि भाजपा राज में शिक्षा मंत्री सपा के साथ हैं या भाजपा के, इसका जवाब तो मुख्यमंत्री योगी जी ही मांगे तो सही रहेगा…।
देखते रहिये राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र द संडे व्यूज़…