नई दिल्ली। डिजिटल लेन-देन बढ़ने से साइबर फ्रॉड के भी मामले तेजी से बढ़े हैं। ताजा मामला डीएचएल इंटरनेशनल कूरियर सर्विसेज से जुड़ा हुआ है। साइबर फ्रॉड इस कूरियर कंपनी के नाम से ठगी करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर आप भी इस कूरियर कंपनी की सर्विस लेते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों में इस घोटाले की रिपोर्ट आयरलैंड, सिंगापुर और भारत तक से सामने आई है। इस घोटाले की सबसे बुरी बात यह है कि धोखेबाजों ने D H L द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली शैली, फॉन्ट, टोन, भाषा और यहां तक कि पीले रंग की सटीक छाया की नकल करने में कामयाबी हासिल कर ली है।
कई लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है कि कि उन्हें डीएचएल कूरियर कंपनी के नाम से उनके सामान के कूरियर संबंधित मैसेज आ चुके हैं। मैसेज में उन्हें QR कोड स्कैन करने को कहा जाता है। क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद यूजर एक फर्जी डीएचएल कूरियर कंपनी की साइट पर पहुंच जाते हैं। फिर उनसे कहा जाता है कि अगर उन्हें सामान की डिलीवरी चाहिए तो उन्हें बिल नंबर आदी कुछ व्यक्तिगत जानकारी देनी होगी। वहीं, कूरियर को रीशेड्यूल करने के लिए कुछ पैसों का भुगतान करना होगा।इतना ही नहीं फ्रॉड करने वाले अपराधी लोगों के फोन पर मैसेज भी भेजते हैं। मैसेज में लिखा होता है कि आपका कूरियर प्रोसेसिंग हो रहा है। फिर एक लिंक होती है, जिसे क्लिक करने को कहा जाता है। लोगों को डर है कि अपराधी उन्हें वित्तीय चोट पहुंचा सकते हैं।
कंपनी ने जारी किए कुछ दिशा-निर्देश
- इन शिकायतों को कंपनी ने गंभीरता से लिया है। कई देशों में कंपनी ने इस मामले को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
- कंपनी ने जानकारी दी कि जो लोग हमारी कंपनी की सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं, अगर उन्हें ऐसे मैसेज आते हैं तो वो जरूर जांच करें कि लिंक में कंपनी की आधिकारिक डोमेन है या नहीं। कभी भी किसी अनजान QR कोड को स्कैन न करें।
- याद रखें कि D H L कभी भी डिलीवरी को फिर से व्यवस्थित करने के लिए पैसे नहीं लेती है, इसलिए यदि आपसे भुगतान करने के लिए कहा जाता है तो आप जान लें कि यह नकली है और असली D H L वेबसाइट नहीं है।
- अगर आपको कभी मिस्ड डिलीवरी नोट मिलती है, तो आधिकारिक कूरियर वेबसाइट पर जाएं और सबसे पहले वेबिल नंबर चेक करें। अगर यह असली डिलीवरी है तो आप इसकी जानकारी देख सकते हैं, हालांकि, अगर यह धोखाधड़ी है तो आपको पता चल जाएगा।