पटना(कैमुर)। अजीत कुमार गुप्ता। कैमूर जिले के भभुआ विधानसभा क्षेत्र से कुल 14 प्रत्याशी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। पहले जदयू के जिलाध्यक्ष रहे डॉ प्रमोद सिंह पटेल भभुआ विधानसभा से निर्दल प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पर्चा दाखिल करने के बाद चुनावी मैदान में उतर गए हैं। भभूआ विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के प्रत्याशी रिंकी रानी पांडे यहां पर है विधायक। कैमूर जिले के चारों विधानसभा सीटों पर बीजेपी के कब्जा होने के कारण जदयू के जिलाध्यक्ष डॉक्टर प्रमोद सिंह पटेल भी उम्मीदवारी की रेस में थे लेकिन जदयू को टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर अब यह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं।
प्रमोद पटेल पहले साल 2000 में राजद के टिकट से विधायक बने थे। फिर 2005 के चुनाव में राजद से प्रमोद पटेल की जीत हुई। लेकिन रामविलास के पास चाभी रहने से सरकार नहीं बन पाई। 2005 में बिहार में उपचुनाव हुआ प्रमोद पटेल हार गये। फिर एलजेपी के टिकट पर 2010 में चुनाव लड़े जीत हासिल हुआ, 2012 में जदयू में शामिल हो गए और 2015 के चुनाव में बीजेपी के मंटू पांडे से कम अंतराल से चुनाव हार गए थे।
अब निर्दल प्रत्यासी के रुप में प्रतिदिन दर्जनों गांव का दौरा कर लोगों से कह रहे हैं कि चुनावी मैदान में कुल 14 उम्मीदवार हैं लेकिन इस बार आप को विकास को वोट करना है। जो भी व्यक्ति आप लोगों के लिए विकास किया है आप वैसे ही लोगों को वोट दें। अगर आपको लगता है कि मैंने अपने 10 साल के विधायक बनने के दौरे मैं आपके क्षेत्र में विकास किया हूं, मेरी छवि ईमानदार है, सभी धर्म मजहब के लोगों को लेकर चल सकता हूं, जात-पात से ऊपर उठकर आप लोगों का सेवा कर रहा हूं तो आप मुझे जरूर मौका दें। जनता मालिक है किसके भाग्य का फैसला कर सदन में बैठाएगी। मैं तो सिर्फ उन से निवेदन करने आया हूं कि आपने मेरे विधायक बनने के बाद 10 सालों के कार्यकाल को देखा है। एक बार फिर आप मुझ पर विश्वास करें। यही निवेदन सबसे कर रहा हूं। प्रतिदिन दर्जनों गांव के लोगों से मैं मिल रहा हूं और मुझे विश्वास है जनता विकास के नाम पर इस बार वोट करेगी।