संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। मैं विधानसभा हूं…। बेहद खुश हूं कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मानसून सत्र में नॉनस्टाप 36 घंटे की कार्यवाही कर केन्द्र में विजन डॉक्यूमेंंट 2047 का ऐसा खाका खिंचा जो आने वाले 22 सालों में सूबे को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने का सपना दिखायेगा। इस बार का मानसून सत्र आम नहीं है। ये सत्र इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाला है। मुख्यमंत्री योगी की ये सोच सिर्फ कागजी घोषणाओं का पुलिंदा नहीं है बल्कि समय से कहीं आगे तक की सोच रखने का साहसिक प्रयास है। मुख्यमंत्री और उनकी टीम की सोच पर मैं आल्हादित हूं कि उत्तर प्रदेश में उपलब्धिों के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था इतनी मजबूत होगी जो आने वाली पीढिय़ों को सुरक्षा और विश्वास दोनों देने का दम भरेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समय से आगे की सोचने का साहसिक प्रयास ही है कि मानसून सत्र में 2047 के विजन का लक्ष्य रखकर सभी माननीयों से विचार रखने की हिम्मत दिखायी। 2047 में जब देश आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब यूपी को ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाना, शिक्षा और स्वास्थ्य में वैश्विक मानक हासिल करना, और कानून-व्यवस्था में ऐसा ढांचा खड़ा करना, जो आने वाली पीढिय़ों को सुरक्षा और विश्वास दोनों दे। यह सब इस डॉक्यूमेंट में साफ़ तौर पर दर्ज है। भविष्य की तैयारीए आज से मुख्यमंत्री की सोच की सबसे बड़ी ताकत है दीर्घकालिक योजना को वर्तमान की ज़मीन पर उतारना। इंफ्रस्ट्रक्चर, एक्सप्रेस वे, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, एयरपोर्ट और मेट्रो नेटवर्क को अगले दो दशकों में देश के सर्वश्रेष्ठ स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य। कृषि एवं ग्रामीण विकास, किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को स्मार्ट एग्रीकल्चर और एग्री-टेक से जोडऩा। स्वास्थ्य एवं शिक्षा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों तक, और प्राथमिक विद्यालय से लेकर तकनीकी विश्वविद्यालयों तक, हर स्तर पर सुधार की स्पष्ट रूपरेखा। राजनीति से ऊपर उठकर सोच अक्सर चुनावी राजनीति में 5 साल से आगे की सोच धुंधली हो जाती है। लेकिन योगी आदित्यनाथ का यह विजऩ दर्शाता है कि वे सिर्फ अगले चुनाव के लिये नहीं, बल्कि आने वाली पीढिय़ों के लिये योजना बना रहे हैं। यही दूरदर्शिता किसी राज्य को पॉलिटिकल टर्म से निकालकर डेवलपमेंट टर्म में बदलती है।
इस विजऩ की एक और विशेषता है कि जन भागीदारी पर जोर। मुख्यमंत्री का मानना है कि विकास की असली रफ़्तार तब आयेगी, जब जनता सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि भागीदार बने। 2047 का रोडमैप हर विभाग, हर पंचायत, हर नागरिक के योगदान से ही सफ ल होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2047 का जो सपना पेश किया है, वह न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। भविष्य की यह योजना आने वाली पीढिय़ों के लिये एक मजबूत नींव रखने का प्रयास है। आज की राजनीति में ऐसी सोच दुर्लभ है, और इसीलिये यह विजऩ तारीफ़ के साथ- साथ पूरे राज्य के सहयोग का हक़दार है।