हैदराबाद। हैदराबाद नगर निगम चुनाव में इस समय कांटे की टक्कर चल रही है। अब तक के रुझानों में बड़ा उलटफेर नज़र आ रहा है। शुरूआत में पिछड़ने के बाद टीआरएस ने तेजी बढ़त बना ली है। शुरुआती रुझानों में बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया था, लेकिन धीरे-धीरे टीआरएस हावी हो गई और बीजेपी दूसरे नंबर पर खिसक गई। तीसरे नंबर पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम है।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है। यह नगर निगम 4 जिलों में है, जिनमें हैदराबाद, मेडचल-मलकजगिरी, रंगारेड्डी और संगारेड्डी शामिल हैं। पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं तो तेलंगाना की 5 लोकससभा सीटें आती हैं। यही वजह है कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में केसीआर से लेकर बीजेपी, कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी तक की साख दांव पर लगी हुई है।
वहीं इस बार 46.55% मतदान हुआ। 2009 के हैदराबाद नगर निगम चुनाव में 42.04 फीसदी तो 2016 में हुई नगर निगम चुनाव में 45.29 फीसदी लोगों ने ही वोट डाले थे। हालांकि पिछले 2 चुनाव से ज्यादा इस बार वोटिंग दर्ज की गई।
2016 में हुए ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव की बात करें तो टीआरएस ने 150 वार्डों में से 99 वार्ड में जीत हासिल की थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को 44 वार्ड में जीत मिली थी। जबकि बीजेपी महज तीन नगर निगम वार्ड में जीत दर्ज कर सकी थी और कांग्रेस को महज दो वार्डों में ही जीत मिली थी।