नई दिल्ली। कोरोना संकट के चलते ईद-उल-अजहा का त्यौहार यानी बकरीद देश भर मनाया जा रहा है। दिल्ली स्थित जामा मस्जिद में लोगों ने शनिवार सुबह 6 बजकर 5 मिनट पर नमाज अदा की।
कोरोना संकट के चलते जामा मस्जिद में नमाज अदा करने आए लोगों से बार बार मस्जिद प्रसाशन ने दूरी बना कर नमाज अदा करने की दरख्वास्त की। जामा मस्जिद में तैनात पुलिसकर्मियों ने थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद ही लोगों को मस्जिद में प्रवेश दिया।
मस्जिद में आगे बैठे लोग तो दूरी बना कर नमाज अदा कर रहे थे। लेकिन पीछे बैठे लोग बेहद नजदीक बैठकर नमाज अदा करते दिखे। हालांकि जामा मस्जिद में नमाज के दौरान मिलीजुली तस्वीरें देखने को मिलीं। कोरोना संकट में कुछ नमाजी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर आए तो वहीं कुछ इसका उल्लंघन करते भी नजर आए।
कुछ लोगों ने मस्जिद की सीढ़ियों पर बैठकर भी नमाज अदा की। नमाज के बाद लोग जल्दबाजी में एक दूसरे से सटकर बाहर निकलते दिखे। कई बिना मास्क के मस्जिद में घूमते नजर आए। हालांकि लोगों ने माना कि कहीं न कहीं कुछ लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किया है। उनका ये भी कहना था कि ज्यादातर लोगों ने नियमों का पालन साथ ही साथ देरी से पहुंचने पर कुछ से नियमों का उल्लंघन भी हुआ।
ईद की तारीख चांद के दीदार से तय होती है। ईद-उल-अजहा इस्लाम मजहब का एक प्रमुख त्योहार है। कुरान में भी इस त्योहार का जिक्र आता है। बकरीद कुर्बानी का त्योहार है।इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार हर साल बकरीद 12वें महीने की 10 तारीख को मनाई जाती है। यह रमजान माह के खत्म होने के लगभग 70 दिनों के बाद मनाई जाती है। बकरीद पर कुर्बानी देने की प्रथा है। यह इस्लाम मजहब के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ईद-उल फितर पर सेवइयां बनाने का रिवाज है, जबकि ईद-उल जुहा पर बकरे या दूसरे जानवरों की कुर्बानी दी जाती है।