महाकुम्भ में महा ‘पुण्य’ कमा रहे हैं होमगार्ड विभाग के अफसर


महाकुम्भ में महा पुण्य कमा रहे हैं होमगार्ड विभाग के अफसर

भक्तों के संग लड्डू गोपाल ने भी संगम में लगायी डुबकी

गुरु,लोगों को महाकुम्भ में स्नान कराने के बाद जो खुशी मिलती है,उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते : सुधाकराचार्य पाण्डेय

ब्यूरो, प्रयागराज। महाकुंभ संपूर्ण विश्व के लिये अगर आश्चर्य का विषय बना है तो यह स्वाभाविक है। इतिहास के किसी भी दौर में विश्व समुदाय नदी या नदियों के संगम में डुबकी लगाने के लिये इस तरह से जन समूह उमडऩे के दृश्य का साक्षी नहीं बना। पुलिस-प्रशासन जहां पूरी मुश्तैदी के साथ डटे हुये हैं वहीं होमगार्ड विभाग के अधिकारी व जवान गंगा घाट तक स्नानार्थियों को लेकर जाते दिख रहे हैं। कुछ अधिकारी तो ऐसे हैं जो अपनी ड्यूटी प्रयागराज में सिर्फ इसलिये लगवा लिये कि वे अधिक से अधिक संख्या में लोगों को स्नान करा सके। प्रयागराज परिक्षेत्र, होमगार्ड विभाग के डीआईजी संतोष सुचारी और मिर्जापुर के मंडलीय कमंाडेंट सुधाकराचार्य पाण्डेय तो सुबह से लेकर देर रात तक यहीं पर डेरा डाले हुये हैं। सुधाकराचार्य पाण्डेय का कहना है कि अपने जानने वालों को या उनके पास जिसका कॉल आ रहा है कि गंगा स्नान करना है, तो मैं तुरंत बुला रहा हूं। अपने जवानों को स्नानार्थियों के साथ घाट तक भेजता हूं ताकि वहां जाकर सभी लोग मां गंगा का आशीर्वाद ले और स्नान कर सकें। कहा कि जब स्नानार्थी स्नान कर वापस लौटते हैं और अपनी बेइंतहा खुशी जाहिर करते हैं तो उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। अरे गुरु ,यही तो महाकुंभ का असली महा पुण्य है…।

यह विचार का विषय है कि वह कौन सा भाव है जिससे संपूर्ण भारत और विश्व भर में फैले हुये सनातनी, हिंदू प्रयागराज पहुंचने के लिये लगातार निकल रहे हैं और उनका कारवां समाप्त ही नहीं हो रहा। कोई यह सोचे कि इतना बड़ा जनसमूह निकलकर यूं ही आ गया, डुबकी लगाकर अपने घर लौट गया और इसका कोई परिणाम तात्कालिक और दूरगामी दृष्टि से नहीं होगा तो यह सही सोच नहीं होगी। सूक्ष्म रूप से ऐसी बड़ी घटनाएं होती हैं तो उनके परिणाम लंबे समय तक आते रहते हैं। भले ही तुरंत उन्हें समझना संभव नहीं होता। महाकुंभ आखिरी चरण में है और स्नानार्थियों के आने का सिलसिला अनवरत जारी है। स्नान करने की लालसा और उसके बाद बोलो गंगा मईया की जयकारे के साथ सेल्फी लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का जोश व जुनून खूब देखने को मिल रहा है।

सुधाकराचार्य पाण्डेय का कहना है कि अपने जानने वालों को या उनके पास जिसका कॉल आ रहा है कि गंगा स्नान करना है,तो मैं तुरंत बुला रहा हूं। अपने जवानों को स्नानार्थियों के साथ घाट तक भेजता हूं ताकि वहां जाकर सभी लोग मां गंगा का आशीर्वाद ले और स्नान कर सकें। कहा कि जब स्नानार्थी स्नान कर वापस लौटते हैं और अपनी बेइंतहा खुशी जाहिर करते हैं तो उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। अरे गुरु ,यही तो महाकुंभ का असली महा पुण्य है…।

पुणे से गंगा स्नान करने आये स्वतंत्र कुमार, वीपी,आईएसएस (बार्कलेज) कंपनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्ग दर्शन और सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महाकुम्भ 2025 का आयोजन न केवल सनातन परंपरा को सुदृढ़ कर रहा है, बल्कि वसुधैव कुटुम्बकम के भाव को भी सशक्त कर रहा है। प्रयागराज में जुटे संत, श्रद्धालु और साधकों के माध्यम से यह आयोजन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना को विश्व भर में एक नई ऊंचाई प्रदान कर रहा है।

इसी तरह रेलवे से सेवानिवृत्त अधिकारी पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि महाकुम्भ में आना हिन्दू सोच वालों के लिये गौरव का क्षण है,इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।

लखनऊ की दिव्या श्री. ने कहा कि महाकुम्भ में स्नान करना सभी के लिये ऐतिहासिक पल है। मेरा परिवार इसका साक्षी बना,इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। हमारे परिवार पर परमात्मा की इच्छा व अनुकंपा है कि उन्होंने हमे भी इस अमृत बेला में गंगा मईया की गोद में आस्था की डुबकी लगाने का सौभाग्य दिया। कहा कि हमलोगों के साथ हमारे लड्डू गोपाल ने भी कुंभ में डुबकी लगायी।

इसी तरह मीरा श्रीवास्तव,श्वेता श्रीवास्तव ने कहा कि हर दिन करोड़ों लोग गंगा मईया में डुबकी लगा रहे हैं,इससे साबित होता है कि हमारे भारत में धर्म और आस्था के प्रति लोग कितने आस्थावान हैं।


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