जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी ने जनपद के समस्त दिव्यांगजनों को सूचित किया है कि निदेशालय विकलांग कल्याण उत्तर प्रदेश लखनऊ के शासनादेश में संशोधनोपरान्त दिव्यांग व्यक्तियों से विवाह सम्बन्धित नियमावली प्रख्यापित की गई है जिसके अनुसार दिव्यांग व्यक्ति से विवाह करने पर दम्पत्ति व युवती को संयुक्त रूप में प्रोत्साहन पुरस्कार अनुदान प्रदान किया जायेगा।
जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी ने बताया है कि नियमावली में दी गई शर्तों के अधीन किसी दम्पत्ति को अनुदान देने के लिए पात्रता शर्तों पर निर्भर होगी जिसके अनुसार दम्पत्ति भारत के नागरिक हों, दम्पत्ति उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी या कम से कम पांच वर्ष से उसका अधिवासी हो, दम्पत्ति में से कोई सदस्य किसी आपराधिक मामले में दण्डित न किया गया हो। इसके साथ ही शादी के समय युवक की आयु 21 वर्ष से कम तथा 45 वर्ष से अधिक न हो। युवती की उम्र 18 वर्ष से कम व 45 वर्ष से अधिक न हो तथा दम्पत्ति का विवाह सामान्य युवक, युवती अथवा दिव्यांग में प्रचलित समाज की रीति-रिवाज के अनुसार हुआ हो या सक्षम न्यायालय द्वारा कानूनी विवाह किया गया हो। दम्पत्ति में से कोई सदस्य आयकरदाता की श्रेणी में न हो। इसके साथ ही ऐसे लोग जिनके पास पूर्व से कोई जीवित पति या पत्नी न हो और उनके ऊपर महिला उत्पीड़न या अन्य आपराधिक वाद न चल रहा हो।
जिला दिव्यांग जन कल्याण अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि चालू वित्तीय वर्ष एवं विगत वित्तीय वर्ष में सम्पन्न विवाह के ही आवेदन पत्र नियमानुसार अनुदान हेतु मान्य होगें तथा दिव्यांग व्यक्तियों से विवाह करने पर शासन द्वारा अनुदान की धनराशि दम्पत्ति में युवक के दिव्यांग होने पर सामान्य युवती द्वारा विवाह करने पर पन्द्रह हजार रूपये होगी। अनुदान की धनराशि दम्पत्ति में युवती के दिव्यांग होने पर सामान्य युवक द्वारा विवाह करने पर बीस हजार रूपये होगी तथा अनुदान की धनराशि दम्पत्ति के दिव्यांग होने की दशा में विवाह करने पर 35 हजार रूपये होगी। उन्होंने इस योजनान्तर्गत शादी विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार अनुदान प्राप्त करने हेतु इच्छुक दिव्यांग व्यक्तियों से अपील की है कि वे विभागीय वेबसाइट http://divyangjan.upsdc.gov.in पर आॅनलाइन आवेदन कराकर हार्ड कापी विकास भवन, गोण्डा में स्थित जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, गोण्डा के कार्यालय में आवेदन जमा कर सकते हैं