हादसे की पूरी कहानी- लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे थे छात्र, बारिश हुई और चंद मिनट में बेसमेंट हुआ लबालब


दिल्ली।  दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित सिविल सर्विस की तैयारी कराने वाले राव आईएएस स्टडी सेंटर के बेसमेंट की लाइब्रेरी में पानी भरने से दो छात्राओं व एक छात्र की मौत हो गई। मूसलाधार बारिश के चलते मुख्य रोड पर पानी भर गया और तल नीचे होने से ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित सेंटर के बेसमेंट में भी पानी भरने लगा। इस दौरान पढ़ाई कर रहे प्रतियोगी छात्र-छात्राएं जान बचाने के लिए सीढ़ी के रास्ते भागने लगे।  इस बीच कई छात्र-छात्राएं वहां फंस गए। इनमें से तीन की मौत हो गई। एक छात्रा की पहचान तेलंगाना की तान्या के रूप में हुई है। दो अन्य की भी पहचान हो गई है। इनमें नेविन डालविन और श्रेया यादव हैं। नेविन केरल का रहने वाला था। वह जेएनयू से पीएचडी भी कर रहा था। करीब आठ महीने से वह सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने उनके परिवारों को सूचित कर दिया गया है। 

दरअसल, शनिवार शाम को छात्र स्टडी सेंटर के बेसमेंट की लाइब्रेरी में मौजूद थे। इसी दौरान जोरदार बारिश हुई। बारिश का पानी बेसमेंट में भरने लगा। रोजाना शाम सात बजे कोचिंग सेंटर की लाइब्रेरी बंद होती थी, लेकिन शनिवार शाम बारिश होने लगी तो सभी छात्र बाहर निकलने की जगह पढ़ाई में व्यस्त हो गए। इस दौरान सड़क पर कई फीट पानी भर गया और कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में नीचे आने वाली सीढ़ियों से अचानक पानी आने लगा। पानी नीचे आता देखकर अफरा-तफरी मच गई। एकाएक पानी की रफ्तार कई गुना बढ़ गई। इससे पहले की कोई कुछ समझ पाता करीब तीन मिनट में 12 फीट तक बेसमेंट में काफी पानी भर चुका था। 

सभी छात्र सीढ़ियों के पास इकट्ठा होने लगे, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि ऊपर चढ़ पाना भी बेहद मुश्किल था। किसी तरह कुछ छात्र बाहर निकल गए, लेकिन कई छात्र फंस गए। पानी लगातार बढ़ता जा रहा था। शोर-शराबे के बीच वहां कुछ लोगों ने रस्सियां डालीं, जिसे पकड़कर कुछ छात्र निकल गए। इसके बावजूद तीन से चार छात्र-छात्राएं फंस गए। पानी बेसमेंट में भरकर छत से मिल चुका था। 

चश्मदीद छात्र नकुल ने बताया कि करीब 35 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे थे। अचानक बारिश के बाद पानी आया तो सब घबरा गए। शुरुआत में धीरे-धीरे पानी आया, लेकिन इसके बाद फौरन सीढ़ियों से पानी का तेज बहाव आने लगा। देखते ही देखते पूरा बेसमेंट फुल हो गया। कोचिंग सेंटर के बाहर अक्सर बारिश के बाद पानी भर जाता है। पिछले सप्ताह भी ऐसे ही हुआ था। बारिश के बाद मुख्य सड़क पर पानी भर गया था। दो दिन कोचिंग सेंटर भी बंद रहा था। कारें पानी में तैर रही थीं। वह तो किसी तरह निकल आया, लेकिन तीन से चार छात्राएं और छात्र वहां फंस गए।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शनिवार शाम करीब 6:30 बजे हुए हादसे के वक्त बेसमेंट में करीब 35 छात्र-छात्राएं थे। सेंटर प्रबंधन ने शुरुआत में खुद ही बचाव के प्रयास किए, मगर पानी तेजी से भरने लगा तो पुलिस व दमकल विभाग को सूचना दी गई। करीब सात बजे बचाव दल पहुंच गया। अंधेरा होने के चलते बचाव कार्य में खासी परेशनी हुई। हालात बिगड़ने पर एनडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई। पंप के सहारे पानी निकालने के साथ एनडीआरएफ के गोताखोरों ने तलाश शुरू की, तो तीन शव मिले। देर रात तक दमकल की सात गाड़ियां पानी निकालने में लगी हुई थीं। 

स्टडी सेंटर के छात्रों का कहना था कि यहां पानी भरने का मामला कोई नया नहीं है। इससे पहले हुई बारिश के दौरान पार्किंग में कई बार पानी भर चुका था। कई बार थोड़ा पानी बेसमेंट में भी आ गया था। इसके बावजूद स्टडी सेंटर प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

स्टडी सेंटर में पढ़ाई करने वाले छात्र शिवम ने बताया कि बेसमेंट में लाइब्रेरी के अलावा एक छोटा सा क्लासरूम बना हुआ है। यहां टीचर छात्रों की समस्यों को दूर करते हैं। बेसमेंट में आने और जाने के लिए एक ही रास्ता है। यहां पर बायोमैट्रिक सिस्टम भी लगा हुआ है। करीब 400 गज की इमारत में बेसमेंट के अलावा ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग और ऊपर चार मंजिल इमारत बनी हुई है। यहां क्लास के अलावा बाकी स्टूडियो और दूसरे कमरे बने हुए हैं।

शिवम ने बताया कि शनिवार को एकदम हुई बारिश के बाद सड़क पर करीब साढ़े तीन से चार फीट पानी भर गया। हादसे से कुछ देर पहले ही वह निकला था। रात को शिवम को पता चला तो भागा हुआ स्टडी सेंटर पहुंचा। यहां पहुंचकर पता चला कि अंदर कई छात्र फंसे हुए हैं। शिवम ने आरोप लगाया कि स्टडी सेंटर प्रशासन की लापरवाही की वजह से हादसा हुआ है। बाकी बिल्डिंग वालों ने पानी को इमारत में न आने के इंतजाम किए हुए हैं, लेकिन यहां हर बारिश में पानी भर रहा था।

ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना पर डीसीपी सेंट्रल एम हर्षवर्धन ने कहा कि हमने आपराधिक मामला दर्ज किया है। हमारी फोरेंसिक टीमें यहां हैं। फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया चल रही है। हम इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमें उचित जांच करनी चाहिए। हम एक मजबूत मामला दर्ज करने और सच्चाई का पता लगाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अब तक दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।

उन्होंने आगे बताया कि तलाशी अभियान का एक अंतिम दौर चल रहा है। एनडीआरएफ ने तीन शव बरामद किए हैं। इन्हें आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए भेज दिया गया है। पानी को लगातार पंप से निकाला जा रहा है। तलाशी अभियान का अंतिम दौर चल रहा है। फंसे हुए कुछ छात्रों को बचा लिया गया है, उनमें से तीन को अस्पताल भेज दिया गया है। 

दिल्ली सरकार ने दिए मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश
ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सेंटर में छात्राओं की मौत मामले की मजिस्ट्रेट से जांच होगी। दिल्ली सरकार ने मुख्य सचिव को आदेश देकर 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है। राजस्व मंत्री आतिशी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और तत्काल जांच की जानी चाहिए। सभी संबंधित अधिकारियों को तुरंत मौके पर पहुंचने और सभी आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव मामले की तुरंत मजिस्ट्रेट जांच शुरू करें और 24 घंटे में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। साथ ही, जिन लोगों की लापरवाही के कारण यह घटना हुई है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। दोषियों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाए।ओल्ड राजेंद्र नगर घटना पर दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि खोज और बचाव अभियान के समापन पर तीन शव बरामद किए गए। उनके परिजनों को सूचित कर दिया गया है। मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।

ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना पर डीसीपी सेंट्रल एम हर्षवर्धन ने कहा कि हमने आपराधिक मामला दर्ज किया है। हमारी फोरेंसिक टीमें यहां हैं। फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया चल रही है। हम इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमें उचित जांच करनी चाहिए। हम एक मजबूत मामला दर्ज करने और सच्चाई का पता लगाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अब तक दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।

उन्होंने आगे बताया कि तलाशी अभियान का एक अंतिम दौर चल रहा है। एनडीआरएफ ने तीन शव बरामद किए हैं। इन्हें आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए भेज दिया गया है। पानी को लगातार पंप से निकाला जा रहा है। तलाशी अभियान का अंतिम दौर चल रहा है। फंसे हुए कुछ छात्रों को बचा लिया गया है, उनमें से तीन को अस्पताल भेज दिया गया है। 

तीन शवों के अलावा, 13 से 14 अन्य लोगों को बचाया गया है वो सभी ठीक हैं। डीसीपी हर्षवर्धन ने कहा कि शव बरामद होने के बाद छात्रों के एक समूह ने घटनास्थल पर एमसीडी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया। डीसीपी सेंट्रल एम हर्षवर्धन ने सभी छात्रों से विरोध प्रदर्शन न करने का आग्रह किया क्योंकि इससे बचाव कार्य में बाधा आएगी। 

 आपको बता दें कि ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण तीन छात्रों की मृत्यु पर छात्रों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।एक यूपीएससी अभ्यर्थी ने कहा कि हमारी मांग है कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। यहां बेसमेंट में खुली ये सभी चीजें अवैध रूप से संचालित की जा रही हैं और सुरक्षा के भी कोई उपाय नहीं हैं इसलिए इन सभी चीजों को रोका जाना चाहिए और कार्रवाई की जानी चाहिए।

क्षमता से अधिक कोचिंग सेंटर में पढ़ते हैं छात्र
राजधानी में कोचिंग संस्थानों के संचालक  छात्रों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। वह नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से कोचिंग सेंटर का संचालन कर रहे हैं। इन कोचिंग संस्थाओं में न तो ठीक से निकासी द्वार हैं और न ही प्रवेश द्वार। सीढ़ियों पर ही बिजली के मीटर लगे हुए हैं। यही नहीं तंग सीढ़ियों से एक बारी में केवल एक छात्र ही आ जा सकता है। 

भवन मालिकों से किराए पर जगह लेने के वक्त न तो सुरक्षा से संबंधित पहलुओं का ध्यान दिया जाता है और न ही इसके लिए कोई फिक्रमंद है। संचालकों की कोशिश रहती है कि कम से कम खर्च में अधिक से अधिक कमाई कैसे की जाए। इस चक्कर में अपना भविष्य संवारने के लिए संस्थानों पर पहुंचने वाले छात्र-छात्राओं पर लगातार हादसों का खतरा बना है।


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