बलिया के बीएसए कार्यालय का फ्राड : एक बाबू कैसे बन गया करोड़ों का मालिक ?
द संडे व्यूज़ की खोजी खबर में शीघ्र होगा खुलासा
संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। बलिया में ‘बेसिक शिक्षा कार्यालय’ का विवादों से पुराना नाता है। बैठते तो यहां पर बीएसए हैं लेकिन शायद उन्हें नहीं मालूम की एक ऐसा ‘क्लर्क’ है जो बेखौफ होकर मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाता चला आ रहा है। क्लर्क इतना ‘घाघ’ है कि पहले अपने मोहपाश में बीएसए से लेकर मुख्यालय स्तर के अफसरों को फंसाता है, उसके बाद कुछ ऐसा काम करवा लेता है, जो शासनादेश के विपरित हो…। खुलासा करेंगे कि वो कौन क्लर्क है … उसने अपने लडऩे को फर्जी तरीके से कहां पर तैनात कराया है और कहां पर कितने करोड़ की कोठी है। उसके हिम्मत की दाद देनी चाहिये कि योगी राज में बिना डरे उसने खुद ही ‘अपने कलम’ से, ‘अपने हस्ताक्षर’ से ‘अपने बेटे’ को ‘शिक्षा विभाग’ में ‘नौकरी’ दे दी…।चर्चा तो ये भी है कि क्लर्क दम भरता है कि भाजपा सरकार में उसका कोई बाल- बांका नहीं कर सकता…।
अफसरों को बाद में इस बात का अहसास होता है कि उनसे गलत काम करवा लिया गया लेकिन ‘नोटों की गड्डी’ के आगे बेबस बेचारे अफसर बाद में उस क्लर्क का बाल बांका भी नहीं कर पाते…। कहने को तो वो बीएसए कार्र्यालय,बलिया में अदना सा क्लर्क है लेकिन हैसियत करोड़ों की है। ये बताने की जरुरत नहीं कि आखिर उस क्लर्क के पास करोड़ों की जमीन-कोठी कहां से आयी ?
उसका खेल इतना शातिराना होता है कि पैसा फेंक तमाशा देख वाली कहावत उस पर सौ फीसदी सच लागू होती है…तभी तो उसने अपने लड़के की नौकरी भी शिक्षा विभाग में अवैध तरीके से लगवा ली। जी हां,चौंकिये मत,ये सच है और इसका खुलासा शीघ्र द संडे व्यूज़ करेगा क्योंकि योगी राज में जीरो टॉलरेंस की धज्जियां ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री की तौहीन करने वाले महाभ्रष्ट क्लर्कों को कुर्सी पर बैैठने का कोई हक नहीं है। खुलासा करेंगे कि वो कौन क्लर्क है … उसने अपने लडऩे को फर्जी तरीके से कहां पर तैनात कराया है और कहां पर कितने करोड़ की कोठी है क्योंकि द संडे व्यूज़ के पास सारे दस्तावेज मौजूद है… वेट एण्ड वॉच