डॉ. प्रियंका मौर्य के नेतृत्व में जन आक्रोश रैली : स्वच्छ साइबर भारत की मांग
प्रियंका ने जन आक्रोश रैली में राह से भटक रहे युवा पीढ़ी को चेताया
संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। राजधानी मे आज चिलचिलाती दुपहरिया में एक महिला जन आक्रोश रैली को संबोधित कर रही थी। उनके चेहरे के भाव-भंगिमा पर आक्रोश के भाव आ-जा रहे थे। इनका मानना है कि हमारी युवा पीढ़ी अपने लक्ष्यों से भटक रही है और उसे भटकाने वाला कोई और नहीं,बल्कि वही सोशल मीडिया है,जिस पर सुबह से लेकर रात तक नौजवानों की ऊंगलियां चलती रहती है…तमाम ओटीटी प्लेटफार्म हैं, जो अश्लीलता परोस रही हैं और बेगुनाह युवा वर्ग अपनी राह से भटकता जा रहा है लेकिन…इस पर रोक लगानी होगी…। ये सोच किसी और कुछ करने की ललक लेकर सड़कों पर उतरने वाली महिला हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की राज्य महिला आयोग की सदस्या डॉ. प्रियंका मौर्य की है। लखनऊ में एक विशाल जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया,जिसमें भारी संख्या में नागरिकों, विशेषकर युवाओं और महिलाओं ने भाग लिया। सभी ने सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर परोसी जा रही अश्लील और विकृत सामग्री के खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया।

रैली को संबोधित करते हुए डॉ. प्रियंका मौर्य ने कहा कि आज सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म का एक बड़ा हिस्सा बेलगाम हो गया है और हमारे घरों में अश्लीलता और गंदी सामग्री परोस रहा है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी रात-रात भर इस गंदगी में डूबी रहती है, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। यह हमारे देश की संस्कृति और संस्कारों के विरुद्ध है और हमारे सामाजिक ताने-बाने को नष्ट कर रहा है।

डॉ. मौर्य ने ‘युवा जागरण मंच के स्वच्छ साइबर भारत के लिए डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक करने हेतु विनम्र निवेदन’ का समर्थन करते हुए कहा कि अब इस विकृति के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का समय आ गया है। उन्होंने सरकार से निम्नलिखित मांगों को तत्काल लागू करने का आह्वान किया:
1. सभी डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर एक समान कार्यक्रम संहिता लागू की जाए, ताकि नैतिकता और शालीनता के समान मानकों का पालन सुनिश्चित हो सके और उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
2. महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, 1986 को डिजिटल युग के अनुरूप और सशक्त बनाया जाए, जिससे डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर अश्लील और विकृत सामग्री को प्रतिबंधित किया जा सके और दोषियों को कड़ी सजा मिले।
3. डिजिटल कंटेंट की निगरानी, विनियमन और नियंत्रण के लिए अर्ध-न्यायिक अधिकारों के साथ “डिजिटल काउंसिल ऑफ भारत” का गठन किया जाए, जो आपत्तिजनक कंटेंट को तुरंत हटाने का आदेश दे सके और अनुपालन न करने पर कठोर दंड दे सके।
4.“ऑपरेशन डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक” शुरू किया जाए, जिसके तहत ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों से हानिकारक सामग्री को सक्रिय रूप से हटाया जाए।
5. मोनेटाइजेशन से पहले कंटेंट सर्टिफिकेशन अनिवार्य किया जाए और हानिकारक कंटेंट को हटाने में विफल रहने वाले प्लेटफॉर्मों पर भारी जुर्माना लगाया जाए।
डॉ. मौर्य ने कहा कि यह रैली सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन है जो तब तक जारी रहेगा जब तक कि हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता और एक स्वच्छ साइबर भारत का निर्माण नहीं हो जाता। उन्होंने युवाओं और अभिभावकों से इस लड़ाई में एकजुट होने और सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी से व्यवहार करने की अपील की। रैली में उपस्थित नागरिकों ने भी सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर अनियंत्रित कंटेंट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और “स्वच्छ साइबर भारत” के निर्माण के लिए हर संभव सहयोग देने का संकल्प लिया।
