दिल्ली की सीमाएं हुई सील, हरियाणा और पंजाब से दिल्ली आ रहे हजारों किसानों पर सरकार की सख्ती


कृषि आन्दोलन

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों में संशोधन पर हरियाणा और पंजाब में किसानों का गुस्सा फिर भड़क गया। बुधवार को दिल्ली आ रहे किसानों को दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर रोकने के लिए कुरुक्षेत्र के त्योड़ा थेह के पास पुलिस-प्रशासन ने पानी की बौछार का इस्तेमाल किया।  इससे गुस्साये किसान पुलिस से भिड़ गए। शाहाबाद तक प्रशासन और किसानों के बीच तीन घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला। किसानों ने आज दिल्ली में प्रदर्शन करने का एलान किया है। 

नए कृषि कानूनों के विरोध में कई राज्यों के किसानों के 26 और 27 नवंबर को दिल्ली चलो मार्च को देखते हुए पुलिस ने सीमा पर सख्ती तेज कर दी है। किसानों को राजधानी में प्रवेश रोकने के लिए सभी बॉर्डर पर मंगलवार रात से ही चेकिंग शुरू कर दी गई है। दिल्ली पुलिस के साथ-साथ अर्द्धसैनिक बल के जवानों की भी तैनाती की गई है।  दिल्ली की सीमा से सटे प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि  किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी गई है। ऐसे में किसान दिल्ली न आएं।

हरियाणा सरकार ने भी प्रदेश की सीमाएं सील की हुई हैं। उधर, अमृतसर-दिल्ली हाईवे पर किसानों के हंगामे की वजह से तीन घंटे जान कि स्थिति रही। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चदूनी के नेतृत्व में दोपहर में भारी संख्या में किसानों ने मोहड़ा मंडी से दिल्ली की ओर कूच किया। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए सर्दी में ठंडे पानी की बौछारें की, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। हरियाणा के किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के अंबाला और कुरुक्षेत्र पुलिस के बंदोबस्त फेल हो गए। 

इससे पहले अंबाला में किसानों को रोकने के दौरान कई पुलिस जवान भी बाल-बाल बचे। मोहड़ी के पास फिर किसानों को रोकने की असफल कोशिश हुई। पुलिस का आरोप है कि किसानों की ओर पथराव भी किया गया था लेकिन इनमें किसी को चोट नहीं आई। वाटर  कैनन की बौछार से पड़ाव थाने में तैनात एसपीओ पवन कुमार जख्मी हो गए। उन्हें  नागरिक अस्पताल में दाखिल करवा गया है। अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर हुई इस कार्रवाई के दौरान करीब तीन घंटे तक जाम की स्थिति रही।

किसान आंदोलन को देखते हुए जिले में धारा-144 लगा दी गई है। किसानों को रोकने के लिए 19 ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं। किसान जीटी रोड पर राजीव गांधी  एजुकेशन सिटी में एकत्र होंगे, जहां से जबरन दिल्ली जाने पर किसानों को गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके लिए सेवली गांव में अस्थायी जेल बनाई गई है। वहीं, दिल्ली  जाने वाले वाहनों की सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने चेकिंग शुरू कर दी, जिससे नेशनल  हाईवे 44 पर दो किमी लंबा जाम लग गया। प्रशासन का मानना है कि 26 व 27 नवंबर  को नेशनल हाईवे पर हालात ज्यादा खराब हो सकते हैं, इसलिए रूट डायवर्ट किया गया  है। दिल्ली से चंडीगढ़ जाने से लेकर सोनीपत से दिल्ली जाने के लिए अलग से रूट तय  किया गया है।

पंजाब बॉर्डर सील, टोहाना के रास्ते हरियाणा में घुसे पंजाब के किसान
तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर दिल्ली कूच के लिए जा  रहे पंजाब के आठ जिलों के किसानों ने मूनक के रास्ते हरियाणा में प्रवेश किया। मगर  टोहाना में बॉर्डर पर ही पुलिस बल ने किसानों को रोक लिया। वहीं, रतिया पुलिस ने  देहाती मजदूर सभा के राज्य महासचिव तेजिंदर सिंह थिंद को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें  एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 27 नवंबर तक हिरासत में भेज दिया  गया। 

कृषि बिल के विरोध में दिल्ली कूच कर रहीं सोशल एक्टिविस्ट मेधा पाटकर को आगरा-धौलपुर बॉर्डर पर रोक लिया गया। वह कार्यकर्ताओं के साथ कार से रात नौ बजे पहुंची थीं। मेधा के आने से पहले ही सैंया थाना पुलिस को बॉर्डर पर तैनात कर दिया गया था। उन्होंने आगरा की सीमा में घुसने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने आने नहीं दिया। वह  शिवपुरी से ग्वालियर होते हुई पहुंची थीं। 11 जनवरी को छिंदवाड़ा से शुरू हुई जनाधिकार यात्रा का मेधा पाटकर नेतृत्व कर रही हैं। आगरा होते हुए उन्हें दिल्ली कूच करना था।  वहां जंतर मंतर पर प्रदर्शन करना है। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि उनके आने की सूचना पर ही पुलिस तैनात कर दी थी। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें रोका गया है।


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