देहरादून। प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने की राज्य सरकार की घोषणा आने वाले समय में बन सकती है बडी परेशानी का कारण। अभी तक अकेले उपनल में 50 हजार से ज्यादा प्रवासी रोजगार के लिए पंजीकरण करवा चुके हैं। वहीं, 10 हजार से ज्यादा पूर्व सैनिक और सैन्य आश्रित भी रोजगार मिलने का इंतजार कर रहे हैं। जबकि उपनल के पास कुल रिक्तियों की संख्या 20 से भी कम है। आंकड़ों के अनुसार एक पद के लिए तकरीबन ढाई हजार बेरोजगार लाइन में हैं।
कोरोना के मामले बढ़ने के बाद बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में रहकर काम कर रहे प्रवासी वापस लौटे हैं। राज्य सरकार ने कुछ समय पहले सभी प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। सरकार ने कहा कि उपनल के माध्यम से प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।
इसके बाद बड़ी संख्या में प्रवासियों ने रोजगार के लिए पंजीकरण करवाएं हैं। अकेले उपनल में अब तक 50 हजार से अधिक प्रवासी रोजगार के लिए आवेदन कर चुके हैं। इसके अलावा सेवायोजन कार्यालय में भी कई लोगों ने पंजीकरण कराए। जबकि इसके सापेक्ष उपनल के पास रिक्तियां बेहद कम है। उपनल में कुल पदों और पंजीकरण का आंकड़ा देखें तो स्थिति की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है। कुल 20 पदों के लिए 50 हजार से अधिक लोग हैं। यानी एक पद के लिए ढाई हजार से ज्यादा लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। इसके अलावा 10 हजार से अधिक पूर्व सैनिक और सैन्य आश्रित भी हैं, जिन्होंने रोजगार के लिए पंजीकरण कराया है।
राज्य सरकार ने प्रवासियों को रोजगार देने की घोषणा तो कर दी लेकिन अब लगातार बढ़ती संख्या भविष्य में सरकार की परेशानी बढ़ा सकती है। उपनल के पास जितने भर्तियों के प्रस्ताव हैं, उनको देखते हुए सभी प्रवासियों को समायोजित करने की बात बेईमानी सी लगती है। राज्य सरकार के लिए सिर्फ उपनल के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करा पाना बेहद मुश्किल हो सकता है।
इन दिनों ज्यादातर भर्तियां स्वास्थ्य विभाग में ही हो रही हैं। कोविड-19 के चलते अस्पतालों में कर्मियों को रखा जा रहा है। हालांकि इनमें से ज्यादातर अस्थाई नौकरियां हैं। स्वास्थ्य विभाग में 10 से 15 भर्तियां आ रही है। वहीं, अन्य विभागों में रिक्तियों की संख्या महज पांच से 10 के बीच है। इस तरह उपनल के पास अभी 20 से 25 पद ही भर्ती के लिए उपलब्ध हैं।