अवैतनिक होमगार्डों के बजाए एक होमगार्ड को बनाया ट्रैफिक इंचार्ज
होमगार्ड देवेंद्र चौधरी के बोल : कमांडेंट साहब का ऑर्डर है 2000- 3000 दो तो देंगे ड्यूटी
होमगार्ड देवेंद्र चौधरी 100 रुपया में बेच रहा है चौराहा
पिंटू सिंह
गाजियाबाद। होमगार्ड विभाग के अफसर इतने शातिर हैं की वे अवैध कमाई या यूं कहें जवानों की मेहनत, खून-पसीने की कमाई को एक ही झटके में हड़प लेना जानते हैं। इनका साफ तुर्रा है, भाड़ में जाए शासन का निर्देश या हवा में उड़े डीजी का ऑर्डर। साहब, को तो चाहिए बस हराम की कमाई। बात कर रहे हैं, गाजियाबाद के कमांडेंट अमित वर्मा की।
अमित जी ने गाजियाबाद में ट्रैफिक की जिम्मेदारी होमगार्ड देवेंद्र चौधरी,195, कंपनी नंबर 1 को सौप दी है।शासनादेश है कि जहां होमगार्डों की तैनाती होती है, वहा पर एक अवैतनिक अधिकारी को तैनाती अनिवार्य है, लेकिन कमांडेंट साहब ने ट्रैफिक में 36 होमगार्डों को एक होमगार्ड देवेंद्र चौधरी के हवाले कर दिया है। बताया जाता है की सारा खेल कमांडेंट ने लगभग 1 लाख 25 हजार रुपया की वसूली के चक्कर में किया है।
गाजियाबाद के जवानों ने बताया कि यहां पर ट्रैफिक में 36 होमगार्डों की ड्यूटी लगती है। कमांडेंट ने किसी अवैतनिक अधिकारियों का नही लगाया है। उन्होंने अपने खास चम्मच कंपनी 1 में 195 नंबर होमगार्ड देवेंद्र चौधरी को तैनात किया है। देवेंद्र सभी जवानों से ड्यूटी लगाने के नाम पर 2000 रूपये से लेकर 3000 रुपए ये कहते हुए वसूल रहा है कि कमांडेंट साहब का ऑर्डर है। इसके अलावा सभी चौराहा 100 रुपए में बेच रहा है।
देखा जाए तो 36 जवानों से सवा लाख रुपए की वसूली हो रही है। बताया जाता है कि कमांडेंट की जेब में सारा पैसा जा रहा है, जिसमे से कुछ हिस्सा ऊपर भी जाता हैं। कुल मिला कर कहा जा सकता है कि इस विभाग के 80 प्रतिशत कमांडेंट लूट मचाए पड़े हैं और मुख्यालय पर बैठे इनके आका संरक्षण दिए हुए हैं।
अगले अंक में— हवा में उड़ रहे हैं कई होमगार्ड ?