बलिया: प्रमोटी कमांडेंट मनोज बघेल, दारूबाज होमगार्ड को ड्यूटी देने वाले पीसी अशोक राहुल को बचाने में जुटे !


बलिया: प्रमोटी कमांडेंट मनोज बघेल ने 8 दिनों बाद भी शराबी होमगार्ड के खिलाफ नहीं की कार्रवाई ?

क्या पैसा लेकर शराबी होमगार्ड को डीएम कार्यालय में ड्यूटी देने वाला पीसी अशोक राहुल नहीं है जिम्मेदार ?

जब जवानों को बयान लेने बलिया पहुंचे कमांडेंट,फिर 8 दिन बाद भी क्यों नहीं की गयी कार्रवाई ?

डीएम कार्यालय पर तैनात होमगार्ड का वीडियो फुटेज, फोटो और जवानों का बयान वायरल हो रहा है

सवाल :पीसी को बचाने में कितने में प्रमोटी कर रहा है सौदेबाजी ?

पिन्टू सिंह

बलिया ‘बलिया कलेक्ट्रेट की सुरक्षा दारूबाज होमगार्ड के हवाले’ शीर्षक से ‘द संडे व्यूज़’ ने खबर प्रकाशित कर खुलासा किया था कि डीएम कार्यालय की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर होमगार्ड विभाग के अफसर कितने लापरवाह हैं। शराबी जवान की तैनाती कर दी जाती है। इस बात की जानकारी बलिया में तैनात पीसी, प्लाटून कमांडर अशोक राहुल को होती है लेकिन जिसने ज्यादा पैसा दिया, उसे मनचाही डयूटी लगाने में माहिर होने की वजह से वे ये भूल जाते हैं कि वे सरकारी राजस्व के साथ बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं। कलेक्ट्रेट, यातायात सहित सरकारी विभागों में तैनाती के लिये होमगार्डों से मनचाही वसूली कराने वाले पीसी हिस्से की बड़ी रकम कमांडेंट की जेब में डालते हैं। यही वजह है कि खबर प्रकाशित होने के 8 दिनों बाद भी अभी तक शराबी होमगार्ड रविन्द्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी। जवानों ने बताया कि शराबी जवान रविन्द्र कुमार की ड्यूटी लगाने वाले पीसी को बचाने की कवायद में प्रमोटी कमांडेंट मनेाज बघेल लग गये हैं। देखा जाये तो पूरी जिम्मेदारी पीसी की ही है,जिसने पैसा लेकर शराबी के हवाले डीएम कार्यालय की जिम्मेदारी सौंप दी। जवानों ने बताया कि शराबी रविन्द्र कुमार गलत नहीं कर रहा है क्योंकि जब पीसी अशोक राहुल हराम का पैसा लेंगे तो किस बात की जिम्मेदारी,किस बात की ड्यूटी ? कुछ इसी तरह का मामला आजमगढ़ के डीएम आवास पर भी हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि प्रमोटी कमांडेंट मनोज बघेल के कार्यकाल में डीएम आवास पर वहां के स्टॅाफ ने शराब पीकर एक जवान ड्यूटी करते पकड़ा था। होमगार्डों ने बताया कि पीसी की ही देन है कि कलेक्ट्रेट,डीएम आवास, डीएम कार्यालय सहित यातायात में ऐसे दर्जनों होमगार्ड तैनात हैें जो पैसे के दम पर लंबे समय से तैनात हैं।

बता दें कि द संडेे व्यूज, इंडिया एक्सप्रेस न्यूज डॉटकॉम ने 2 नवंबर को प्रमोटी कमांडेंट मनोज बघेल लापता, बलिया के डीएम कार्यालय की सुरक्षा दारूबाज होमगार्ड के हवाले शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर का सार कुछ इस प्रकार है… 

बलिया के जिला कलेक्ट्रेट परिसर की जिम्मेदारी कमांडेंट ने पियक्कड़ होमगार्ड के हवाले कर दिया है। कलेक्ट्रेट परिसर जो संवेदनशील होता है और जहां पर जिले की सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जखीरा पड़ा होता हैएवहां पर रात्रिपाली में सुरक्षा चौकस होनी चाहिये लेकिन होमगार्ड विभाग के कमांडेंट ने मजाक बना रखा है। बता दें कि बलिया में कोई कमांडेंट नहीं है और अतिरिक्त जिम्मेदारी मनोज बघेल को दिया गया है। ये वही बघेल हैंएजिनके खिलाफ सरकार के तमाम राज्य मंत्री, विधायक व प्रतिनिधियों ने शिकायत की लेेकिन मुख्यालय पर बैठे अफसरों की सेटिंग से बचते चले आ रहे हैं। बात जो भी हो, अब डीएम साहेब के कार्यालय की सुरक्षा के लिये कमांडेंट के खास कारिंदे शराबी होमगार्डों के हवाले कर दिया है। शर्मनाक, शर्मनाक, शर्मनाक।

बलिया में कलेक्ट्रेट में लंबे समय से दर्जनों होमगार्ड अपनी पहुंच के दम पर ड्यूटी कर रहे हैं। कहने को साफ्टवेयर से ड्यूटी लगती है लेकिन साम. दाम के दम पर जवान अपनी मनचाही ड्यूटी लगवा लेेते हैं। संवेदनशील डयूटी में शुक्रवार को रात्रिपाली में शाम चार बजे से 12 बजे तक होमगार्ड रविन्द्र कुमार की ड्यूटी लगी थी। रात आठ बजे ही रविन्द्र कुमार ने परिसर में शराब पी और सो गया। इस पर जब वहां मौजूद तीन अन्य जवानों ने जागने को कहा तो सभी को गालियां बकने लगा। सूचना मिलने पर रात 11 बजे बलिया के ही न्यूज पोर्टल के संवाददाता भी पहुंच गये तो उन्हें भी होमगार्ड पाठ पढ़ाने लगा। पूछा गया कि डयूटी पर शराब पी रखे हो तो जवाब मिला हां । हमेशा शराब पीते हो तो जवाब मिला हां, तो ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड कन्हैया लाल और राकेश ने बताया कि एक माह से इसकी डयूटी चल रही है और हर दिन डयूटी के समय शराब पी लेता है। मना करो तो गालियां बकने लगता है। अपनी नौकरी बचानी है इसलिये हमलोग किसी से शिकायत नहीं करते हैं। बात जो भी हो, ये तय करना कमांडेंट और उनके मातहतों का काम है कि रात्रिपाली ड्यूटी करने वाले जवानों का औचक निरीक्षण करें और इस तरह के गैर जिम्मेदाराना हरकत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। लेकिन यहां मामला उलट है, जब कमांडेंट ही नियम के खिलाफ जिम्मेदारी संभाल रहे हैं तो वे जवानों पर क्या अंकुश लगा पायेंगे।

ये भी पता चला है कि द संडे व्यूज की खबर प्रसारित होने के बाद प्रमोटी कमांडेंट मनोज सिंह बघेल मुख्यालय पर जाकर अपने खास अफसरों के सामने काफी रोया.गिड़गिड़ाया थाएजिस पर दयावान अफसरों ने आशीर्वाद का हाथ रख उसे बख्श दिया। कमांडेंट का तर्क था कि जिस होमगार्ड ने मेरे ऊपर आरोप लगाया हैएउससे काम करने को कहते थे तो वो मना कर देता था। सेाचने की बात है कि एक अदना सा जवान मुश्किल से मिलने वाली डयूटी के लिये कमांडेंट को मना क्यों करेगा घ् कुल मिलाकर सारे होमगार्ड बदमाश हैं और प्रमोटी कमांडेंट मनोज सिंह बघेल मासूम हैं। होमगार्डों ने बताया कि वसूली की रकम लेने के समय प्रमोटी साहेब एक दम डायरेक्ट कमांडेंट की तरह कड़क आवाज में बोलने लगते हैं। बहरहालएबलिया के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार का कार्यालय पियक्कड़ होमगार्ड के हवाले है।


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