खबर पर मचा हंगामा- बरेली में लापता जवानों की संख्या भरपाई के लिये बाहर से बुलाये गये 34 होमगार्ड
कार्यालय सुरक्षा में तैनात होमगार्ड,क्वार्टर गार्ड और हमराह को लाकर गायब जवानों की संख्या पूरी की गयी
मुख्यालय पर बैठे एक अफसर के इशारे पर 100 की संख्या पूरा कराने का रचा गया षडय़ंत्र…
सैंकड़ा पूरा करने के लिये मंगाये गये होमगार्डों की लखनऊ बुलाकर करायी जाये ‘जांच’ और ‘परेड’
डीजी की बड़ी भूल- वाराणसी में कमाई का रिकार्ड तोडऩें वाले कमांडेंट राजमणि सिंह को नहीं देनी चाहिये जांच- रामेंद्र यादव
जांच अधिकारी से सवाल :
1- क्रय समिति में सिर्फ 3 होमगार्ड खरीददारी करने जाते हैं,आपने पूछा 34 क्यों गये थे ?
2 – जब होमगार्डों की संख्या कम थी तो आपने वहां के क्वार्टर गार्ड, हमराह और सुरक्षा में तैनात होमगार्डों को क्यों शामिल कराया ?
3 – क्या आपने टोली के होमगार्डों को जीडी नंबर के आधार पर बुलवाकर जांच की ?
4- निरीक्षण में जीडी से होमगार्डों का नाम लेकर मिलान किया जाता है। आपने क्यों नहीं की ?

संजय श्रीवास्तव
Home Guard Department fraud: बरेली ट्रेनिंग सेंटर से गायब 40 होमगार्डों की खबर के बाद हंगामा मच गया। डीजी,होमगार्ड एम.के.बशाल ने आईजी संतोष सुचारी को जांच कराने का निर्देश दिया। श्री सुचारी ने बरेली के जिला कमांडेंट राजमणि सिंह को मौके पर जाकर जांच कर रिपोर्ट पेश करने का फरमान सुनाया। 3.30 बजे कमांडेंट राजमणि सिंह ट्रेनिंग सेंटर पहुंचे। उसके बाद मौके पर तीन टोली बनायी गयी, पहली टोली में 24, दूसरी टोली में 24 और तीसरी टोली में 18 होमगार्ड मिले। शेष 34 गायब थे…। मंडलीय कमांडेंट ने तर्क दिया कि सभी होमगार्ड खरीददारी करने गये हैं। सवाल ये उठता है कि आखिर परेड के समय 34 होमगार्डों को खरीददारी करने के लिये किसने भेजा ? नियमावली है कि ट्रेनिंग में आने वाले 3 होमगार्डों की ‘क्रय समिति’ बनायी जाती है और यही तीन लोग खरीददारी करने जा सकते हैं। वैसे भी ट्रेनिंग में आने वाले जवानों के लिये राशन-पानी की खरीददारी सुबह परेड के बाद करायी जाती है…फिर साढ़े तीन बजे परेड के समय 34 होमगार्ड क्या खरीदने गये? बस यहीं से मंडलीय कमांडेंट संदीप कुमार सिंह ने एक ‘बड़े झूठ’ को छिपाने के लिये ‘डर्टी गेम’ खेलना शुरु किया। सबसे पहले उन्होंने डीजी द्वारा नामित जांच अधिकारी कमांडेंट को अपने पक्ष में लिया। इनलोगों के सामने बड़ी समस्या ये थी कि आखिर होमगार्डों की संख्या 100 कैसे दिखायी जाये ? इसके लिये मंडलीय कमांडेंट संदीप कुमार सिंह और कमांडेेेंट राजमणि सिंह ने बाहर से 34 होमगार्ड बुलाकर संख्या पूरी की। हिम्मत की दाद देनी होगी कि डीजी द्वारा नामित जांच अधिकारी बनने के बाद भी राजमणि सिंह ने उनके साथ ‘गद्दारी’ की। ‘द संडे व्यूज़’ खुलासा करता है और डंके की चोट पर बताना चाहेगा कि संख्या पूरी करने के लिये मंडलीय कमांडेेेंट संदीप कुमार सिंह और कमांडेेंट ने बरेली में ही तैनात कार्यालय सुरक्षा ड्यूटी में तैनात हरिओम मिश्रा और भगवान दास को ट्रेनिंग पर आये ग्रामीण होमगार्ड बनाकर लाइन में खड़ा कर दिया। इसी तरह,क्वार्टर गार्ड शिवदयाल, रामेन्दर सिंह और हमराह अशफाक को भी संख्या पूरी करने के लिये ग्रामीण होमगार्ड बनाकर खड़ा कर दिया गया। डीजी साहेब,पूरा का पूरा कुंआ ही भांग से पटा है…। आखिर आप क्या कर पायेंगे…। इस खेल को अंजाम मुख्यालय पर बैठा वो अधिकारी दे रहा है,जिसने अपने लाभ के लिये कमांडेंट को भी फर्जी रिपोर्ट भेजकर आपको ‘गुमराह’ करने का ‘मंत्र’ दिया है।

‘द संडे व्यूज़’ की खोजी पत्रकारिता पूरी दमदारी के साथ किया जाता है। तभी तो सूबे के किसी शहर में बैठे जवान या अधिकारी बेखौफ होकर अपनी पीड़ा ‘द संडे व्यूज़’ तक पहुंचाते हैं। सभी को मालूम है कि सच का साथ पूरी ‘दमदारी’ और ‘निष्पक्षता’ के साथ ‘द संडे व्यूज़’ और ‘इंडिया एक्सप्रेस न्यूज़’ दे सकता है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि ‘अनुशासन’ और ‘नियम-कानून’ के लिये ‘सख्त’ माने जाने वाले डीजी,होमगार्ड एम.के बशाल को भी इस विभाग में बैठे अफसर गुमराह करते चले आ रहे हैं। बरेली का मामला तो छोटा है क्योंकि यहां पर तो करोड़ों का फर्जीवाड़ा होता रहा है लेकिन सारी पत्रावलियां मुख्यालय के अलमारियों में धूल फांक रही है।

खैर, बात मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र,बरेली की हो रही है। यहां तैनात मंडलीय कमांडेंट अपने कारनामों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहे। इनकी अगली कहानी अगले अंक में होगी लेकिन ग्रामीण होमगार्डों की ट्रेनिंग में ही साहेब कंबल ओढ़कर लाखों रुपये पी गये। उन्हें अंदेशा होगा कि बात दबी रहेगी लेकिन पीडि़त होमगार्डों ने सारे साक्ष्य पेश किये,जिसके बाद खबर प्रसासित की गयी। सवाल ये है कि अब जांच किस पर होगी ? मंडलीय कमांडेंट संदीप कुमार सिंह पर या जांच अधिकारी बनकर गये और फर्जी रिपोर्ट बनवाने में शामिल जिला कमांडेंट, बरेली राजमणि सिंह के खिलाफ ?आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राजमणि सिंह ने अपनी रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेज दी है। कल डीजी के सामने फर्जी रिपोर्ट रखी जायेगी।
इस संबंध में सीटीआई कमांडेंट अजय पाण्डेय से बात किया गया,जो प्रदेश के सभी ट्रेनिंग सेंटर के भी नियंत्रक अधिकारी हैं- अजय पाण्डेय ने बताया कि कुछ सप्ताह पूर्व ही जब मंत्री जी ने सीटीआई पर आकस्मिक निरीक्षण किया था तो उन्होंने कहा था कि प्रदेश के कुछ डीटीसी पर ‘छोड़ने’ का खेल हो रहा है। उसपर अंकुश लगना चाहिए।

इसके लिए जहां ट्रेनिंग चल रही थी, उन डीटीसी के अधिकारियों की मेरे द्वारा बैठक बुलाकर सचेत भी किया गया था कि प्रतिदिन की संख्या, परेड की वीडियो और भोजन की वीडियो सभी लोग भेजें, लेकिन एक दो लोगों को छोड़कर किसी ने अनुपालन नहीं किया। बरेली प्रशिक्षण केंद्र के मंडलीय कमांडेंट तो बैठक में भी नहीं आए थे, अवकाश मांगे थे, बाद में भी होमगार्ड्स दिवस पर आने पर भी वे नियंत्रक अधिकारी से मिलना उचित नहीं समझे। यद्यपि कल यानी 10 तारीख को मैंने उनसे बात भी की थी, तब भी उन्होंने कोई बात नहीं बताई।