बुलंदशहर: राम लला के लिए महालिंगेश्वर सिद्धपीठ मंदिर से विशेष रुद्राक्ष की माला पहुंची अयोध्या


बुलंदशहर। अयोध्या श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण पूरे भारत की आस्था का विषय है। देश के कोने-कोने से प्रसिद्ध और पौराणिक स्थलों के जल और मिट्टी का प्रयोग राम मंदिर ने किया जाएगा। रामलला के लिए कल बुलंदशहर के श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ मंदिर से विशेष रुद्राक्ष की माला आई है। इसके साथ ही अन्य 11 ज्योतिर्लिंगों के स्थल और शक्तिपीठों की मिट्टी, जल, चांदी के सिक्के और वास्तु दोष यंत्र लेकर श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ मंदिर के आचार्य के प्रतिनिधि अयोध्या पहुंचे हैं।

बुलंदशहर के श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ मंदिर से रामलला के लिए विशेष रूद्राक्ष की माला दिव्य 12 ज्योतिर्जिंगों के स्थल और शक्ति पीठों की रज, जल, 11 चांदी के सिक्के, चांदी के नाग नगिन के जोड़े और रूद्राक्ष की माला समेत वास्तु दोष यंत्र श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ के आचार्य धर्मदत्त के प्रतिनिधियों ने महंत नृत्य गोपाल दास को सौंपी है।

श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ के प्रतिनिधि मोहित गोमत का कहना है कि महापीठ के आचार्य धर्म दत्त पिछले करीब 11 वर्षों से अधिक समय से दिव्य मंत्रों के द्वारा एक रुद्राक्ष की माला अभिमंत्रित कर रहे थे। उन्होंने इसे रामलला को समर्पित करने का संकल्प लिया था। यह माला आज राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को सौंपी गई है।

इस माला के साथ राम मंदिर में प्रयोग के लिए 12 ज्योतिर्लिंगों के स्थल और शक्तिपीठों के जल, 11 चांदी के सिक्के, चांदी के नाग नागिन के जोड़े और वास्तु दोष यंत्र ट्रस्ट को सौंपा गया है। यह सभी वस्तुएं ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास को सौंपी गई हैं। बुलंदशहर के लोगों ने राम मंदिर का निर्माण शीघ्र पूरा होने की कामना है। उन्होंने कहा कि द्वादश ज्योतिर्लिंगेश्वर महापीठ से आया वास्तुदोष यंत्र मंदिर निर्माण की समस्याओं को समाप्त करेगा।


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