लखनऊ।भाजपा उत्तर प्रदेश में अपने हिस्से की बची 12 सीटों पर 10 अप्रैल से पहले उम्मीदवारों का ऐलान कर देगी। प्रदेश इकाई ने इन सीटों से संबंधित रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को सौंप दी है। कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी जगह बेटे या पत्नी को चुनाव लड़ाने संबंधी प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और वह खुद चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं।
अब केंद्रीय नेतृत्व इस संबंध में अंतिम फैसला लेगा। इन 12 में से नौ सीटों पर बीते चुनाव में भाजपा को जीत हासिल हुई थी। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व की ओर से बृजभूषण को खुद की जगह अपने पसंदीदा व्यक्ति को चुनाव लड़ाने की पेशकश की गई थी। कई दौर की बातचीत के बाद भी सिंह कैसरगंज से खुद चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं। पार्टी नेतृत्व को आशंका है कि महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे सिंह के मैदान में उतरने से विपक्ष को पार्टी पर हमला करने के लिए बड़ा हथियार मिल जाएगा। अब राज्य इकाई ने सिंह के अड़े रहने के निर्णय से पार्टी नेतृत्व को अवगत करा दिया है।
जिन नौ सीटों पर पार्टी को जीत हासिल हुई है, उनमें से ज्यादातर सांसद टिकट से वंचित हो सकते हैं। बलिया के सांसद बीरेंद्र सिंह मस्त की सीट बदली जा सकती है। पार्टी की योजना भदोही सीट पर ओबीसी चेहरा तो गाजीपुर और बलिया में अलग-अलग ब्राह्मण-राजपूत चेहरा उतारने की है। प्रयागराज, कौशांबी, फिरोजाबाद, देवरिया में नए चेहरे को उतारा जाना तय है। रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी जा चुकी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि दस अप्रैल से पहले इन सीटों पर पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा मंथन कर अंतिम फैसला लेंगे।