डॉ. राजेश्वर सिंह ने सीएम को लिखा पत्र- 100 करोड़ उत्तर प्रदेश राज्य पत्रकार कल्याण कोष,और स्किल डेवलपमेंट सेंटर की मांग रखी
.सीमित संसाधनों में काम करने वाले पत्रकारों को संस्थागत सुरक्षा मिलनी चाहिये ?
. डिजिटल स्किल सेंटर से मजबूत होगा लोकतंत्र का चौथा स्तंभ
. एआई युग की चुनौतियों से निपटने को होगा स्किल डेवलपमेंट सेंटर’ मुख्यमंत्री को विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने लिखा पत्र

संजय श्रीवास्तव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सभी जर्नलिस्टों के लिये इस बार की दीपावली ‘खुशियों’ भरी होगी। क्योंकि, कलमकार सिपाहियों के लिये, जिन्होंने अपना जीवन अखबारी दुनिया में खपा दिया या यूं कहें कि जो जिंदा है, वे आज भी सुबह से लेकर रात तक सच्चे कलमकारों की तरह अखबार में काम कर, अखबार निकालते हुये कई बीमारियों, आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, उनके लिये योगी सरकार के एक विधायक ने ‘उम्मीद’ की ‘लौ’ जगा दी है। ये पहली बार देख रहा हूं कि एक विधायक जिसने कलमकारों के ‘दर्द’ को अपने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाने का ‘जिगरा’ तो रखा…। उस विधायक को क्या पड़ी थी, जर्नलिस्ट मरे-खपे, क्या लेना-देना…। लेकिन, विधायक ने 15 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर 100 करोड़ का ‘उत्तर प्रदेश राज्य पत्रकार कल्याण कोष’ और ‘स्किल डेवलपमेंट सेंटर’ की मांग रखी है। इतना ही नहीं, ‘दुर्घटना, गंभीर बीमारी या आकस्मिक मृत्यु’ की स्थिति में आर्थिक मदद देने सहित, पत्रकारों के बच्चों को ‘उच्च शिक्षा के लिये छात्रवृत्ति’ देने एवं ‘आपदा’ एवं ‘संकट’ की स्थिति में तत्काल ‘राहत सहायता’ उपलब्ध कराने की बात को भी अपने पत्र में लिखा है। ‘द संडे व्यूज़’ अपनी टीम अपने सभी जर्नलिस्टों की तरह से सरोजनीनगर के विधायक डॅा.राजेश्वर सिंह को सलाम करता है।

सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने प्रदेश के पत्रकारों के हित में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर ‘उत्तर प्रदेश राज्य पत्रकार कल्याण कोष’ और ‘उत्तर प्रदेश पत्रकार कौशल विकास केंद्र’ की स्थापना का अनुरोध किया है। डॉ. सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि पत्रकार समाज का वह वर्ग है जो शासन और जनता के बीच सेतु का कार्य करता है। वे सरकारी योजनाओं, सामाजिक मुद्दों जन आकांक्षाओं और नागरिक पीड़ा को स्वर देने का कठिनतम दायित्व निभाते हैं। विशेष कर जि़ला, तहसील एवं ग्रामीण स्तर पर सीमित संसाधनों के बावजूद दिन- रात जनहित में सक्रिय रहते हैं। उन्होंने कहा कि अनेक पत्रकार आर्थिक, स्वास्थ्य और सामाजिक असुरक्षा की स्थिति में कार्य करते हैं और कई बार दुर्घटनाओं या गंभीर बीमारियों के समय उन्हें कोई संस्थागत सहायता नहीं मिल पाती। ऐसी परिस्थिति में एक स्थायी एवं सुदृढ़ तंत्र की आवश्यकता है, जो उनके जीवन और परिवार को सुरक्षा प्रदान कर सके।

100 करोड़ उत्तर प्रदेश राज्य पत्रकार कल्याण कोष का प्रस्ताव- डॉ. सिंह ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार के नेतृत्व में 100 करोड़ का ‘उत्तर प्रदेश राज्य पत्रकार कल्याण कोष’ (स्टेट जर्नलिस्ट वेलफेयर फंड) स्थापित किया जाए, जिसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधान किए जाएँ- ‘दुर्घटनाए गंभीर बीमारी अथवा आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में आर्थिक सहायता।’ वरिष्ठ अथवा दिव्यांग पत्रकारों को मासिक मानवीय भत्ता ‘ पत्रकारों के बच्चों को उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति। ‘ आपदा या संकट की स्थिति में तात्कालिक राहत सहायता।
पत्रकार कौशल विकास केंद्र की स्थापना का सुझाव
डॉ. सिंह ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि डिजिटल युग में पत्रकारिता का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। आज al journalism, data driven reporting.digital safety, cyber ethics और fact checking जैसे नए क्षेत्रों में दक्षता आवश्यक है। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश पत्रकार कौशल विकास केंद्र (up journalist skill development centre) , की स्थापना की जाये जहां पत्रकारों को निम्न विषयों में प्रशिक्षण दिया जा सके –
.डिजिटल मीडिया और डेटा एनालिटिक्स आर्टिफि़शियल इंटेलिजेंस एवं
.साइबर सुरक्षा सोशल मीडिया प्रबंधन और
.फैक्ट-मीडिया विद्यार्थियों हेतु अल्पकालिक प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम ‘विश्वविद्यालयों प्रेस क्लबों एवं मीडिया संस्थानों के सहयोग से सतत कार्यशालाएं।

डॉ. सिंह ने कहा कि यह पहल पत्रकारिता की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और सुरक्षा को नई दिशा देगी तथा उत्तर प्रदेश को मीडिया नवाचार और पत्रकार सशक्तिकरण के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनायेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इस प्रस्ताव पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुये संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा- निर्देश प्रदान किये जायें, जिससे शीघ्र इस दिशा में एक ठोस और ऐतिहासिक पहल की जा सके।