. लगता है अब हमारी चार धाम यात्रा पूरी हो गई, यही थी हमारी और कंचन की आस कि ‘इनोवेटिव पाठशाला’- अनूप तोलानी
.वायरल फीवर से पीड़ित होने के बावजूद कंचन का यात्रा पर दर्शन के लिए चलना आश्चर्यजनक
.बीटिंग रिट्रीट बच्चों की ड्रेस और उत्साहित देख कर बीएसएफ कमांडर ने प्रदर्शन के लिए कहा
. बच्चों का प्रदर्शन देख वहां के लाखों-लाख दर्शनार्थी विदेशी लोग फोटोशूट करने लगे
अनूप तोलानी
लखनऊ। (आईएफसी) के बच्चों को अमृतसर श्री दरबार साहिब के दर्शन के लिए बच्चों के साथ-साथ जाना जो कि पिछ्ले चार वर्ष की प्रॉमिस थी और किसी न किसी कारणवश नहीं जा पा रहे थे। अब लगता है कि बच्चों के साथ यह यात्रा जैसे हमलोग चार धाम की यात्रा कर आये हैं। (आईएफसी) टीम के बहुत ही होनहार उत्साही टीम लीडर हमारे प्रिय हर्षित सिंह, विशाल कनोजिया का बहुत बहुत धन्यावाद जिन्होंने बच्चों को बेहतर ढंग से साथ लाना, ले जाना और अमृतसर साहिब में बच्चों के साथ साथ अपनी प्रिय कंचन आंटी को व्हील चेयर के साथ संभालना। वायरल फीवर से पीड़ित होने के बावजूद हमारी पत्नी कंचन का यात्रा पर दर्शन के लिए चलना यह भी एक आश्चर्यजनक बात हुई। हमारे होनहार बच्चे बाघा बार्डर पर बहुत ही महत्वपूर्ण और मशहूर बीटिंग रिट्रीट देखने गये तो वहां बच्चों की ड्रेस और उत्साहित देख कर बीएसएफ कमांडर ने performance करने के लिए कहा देखकर बहुत आश्चर्य चकित रह गए वहां के लाखों-लाख दर्शनार्थी विदेशी लोग फोटोशूट करने लगे और हम सब वाह वाह करने लगे।
हमारे साथ बड़े भाई बलराम जी बडी भाभी और पूनम जी हमारे सुख दुख के प्रिय भाई समान साथी रमन मसंद जी ज्योति मसंद जी इन चारो ने भी कंचन की बखूबी देखभाल करी,धन्यवाद भाई लोगों का। धन्यवाद प्रिय हर्षित और प्रिय विशाल का वाहेगुर मेहर करें सभी पर हमारे (आईएफसी) के प्रिय बच्चों का भी धन्यवाद जिन्होंने श्री अमृतसर साहिब पग पग पर आंटी का ध्यान रखा।
धन्यवाद हमारे महंत सेवापंथी श्री गोल्डी जी का जिनके कारण हमें दरबार साहिब के निकट ही होटल मिला, होटल सितारा जिनके मैनेजर और कर्मचारी भी अच्छे थे। दरबार साहिब के लंगर का क्या कहना अमृत समान लंगर श्रद्धापूर्वक खाना यह एक अलौकिक दृश्य होता था।
अंत भला तो सब भला हमारे होनहार बच्चे बाघा बार्डर पर बहुत ही महत्वपूर्ण और मशहूर बीटिंग रिट्रीट देखने गये तो वहां बच्चों की ड्रेस और उत्साहित देख कर बीएसएफ कमांडर ने performance करने के लिए कहा देखकर बहुत आश्चर्य चकित रह गए वहां के लाखों-लाख दर्शनार्थी विदेशी लोग फोटोशूट करने लगे और हम सब वाह वाह करने लगे। बहुत ही मशहूर दुरगियाणा मंदिर कैंपस तो गये परन्तु मंदिर के पट बंद हो चुके थे।वह फिर कभी….जब मां दुर्गा बुलाये..