अयोध्या। मथुरा के नंदगांव के नंद बाबा मंदिर में मुस्लिम युवकों के द्वारा नमाज़ पढ़े जाने पर अयोध्या के संतों में आक्रोश है। जिसको लेकर संतों ने केंद्र और प्रदेश की सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि यदि कठोर कार्रवाई नहीं होगी तो संत लामबन्द होगा और हथियार भी उठाएगा। वही तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि नंद बाबा मंदिर में नमाज पढ़ने का मामला यह बहुसंख्यक समाज की आस्था पर कुठाराघात है इस्लाम में मूर्ति पूजा है तो फिर मंदिर में जहां पर भगवान का पूजा पाठ होता है।
वहां जाकर नमाज पढ़ना सनातन संस्कृति के खिलाफ है। मंदिरों में भगवान की सेवा और पूजा पाठ विधि विधान से होती है। परमहंस दास ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार से मांग किया है कि इस तरीके के कार्य को करने वाले जिहादी मानसिकता के लोगों के ऊपर कठोर कार्रवाई की मांग कर रहा हूं। चेतावनी देते हुए परमहंस दास ने कहा कि यदि भारतीय संस्कृति के खिलाफ यह लोग इस तरीके का कुचक्र रच रहे हैं और अगर बहुसंख्यक समाज लामबन्द हुआ तो समस्या खड़ी हो जाएगी।
हम लोग मुस्लिम समाज को हमेशा सम्मान रखते हैं नंद बाबा मंदिर पर नमाज अदा कर के वीडियो और फोटो वायरल कर के सनातन समाज की संस्कृति पर कुठाराघात किया गया है। इनके खिलाफ गंभीर धाराओं में कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विपरीत मानसिकता रखने वालों के खिलाफ अगर कठोर कार्रवाई नहीं होती है तो फिर हम लोग लामबंद होंगे। परमहंस दास ने कहा कि लव जिहाद फैला करके हमारी बहन बेटियों की गोली मारकर हत्या की जा रही है। अब हमारी मंदिरों पर नमाज पढ़ने का प्रयास है अब यह मामला बहुत बढ़ चुका है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यह अपील है इस मामले को गंभीरता पूर्वक ले नहीं तो साधु संत रोड पर उतरेंगे और सनातन संस्कृति को बचाने के लिए हथियार उठाएंगे।
वही हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि मथुरा के नंद बाबा मंदिर में मुस्लिम युवकों के द्वारा नमाज पढ़ा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और उससे भी ज्यादा कष्टकारी है कि उनके साथ दो हिंदू युवक भी थे। सरकार से यह मेरी मांग है कि आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास से हिंदू धर्म गुरुओं से आवाहन किया है कि जिस तरह से लव जिहाद का कुचक्र रचा जा रहा है। उसी तरीके से अब मंदिरों में नमाज अदा करने का प्रकरण है। दूसरे धर्म के लोगों के द्वारा मंदिर में घुसकर के नमाज पढ़ना यह नमाज जिहाद की श्रेणी में आता है यह दुर्भाग्यपूर्ण है इसकी निंदा करते हैं।