अयोध्या। मयंक श्रीवास्तव: रामनगरी अयोध्या में तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने अपने जन्मदिवस पर राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांग की है। मांग पूरी न होने की दशा में इच्छामृत्यु की अनुमति भी राष्ट्रपति से मांगी है। परमहंस दास ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री और जिला अधिकारी अयोध्या को भी यह पत्र भेजा है। आपको बता दें कि तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास का कहना है कि राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए हमने 7 सूत्रीय मांग पत्र राष्ट्रपति महोदय को भेजा है।
सर्वप्रथम जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाए, समान नागरिक संहिता लाई जाए। भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। सभी बच्चियों की प्राथमिक से उच्च स्तरीय शिक्षा मुफ्त हो। रामचरित्र मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कर विविध पाठ्यक्रमों में अनिवार्य किया जाए, गौ वंश को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर ग्रामीण स्तर पर इनका संरक्षण हो और जितने भी बेरोजगार हैं उनको उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी देकर भारत को बेरोजगारी मुक्त किया जाए।
उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रपति महोदय से यह भी मांग की है कि यदि हमारी मांगें पूरी ना हो सके तो हमें इच्छा मृत्यु का आदेश दिया जाए। वही महंत परमहंस दास ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर के इच्छामृत्यु की मांग की है। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में महंत परमहंस दास ने लिखा है कि राष्ट्र को विभाजन से बचाने के लिए राष्ट्र हित में जनहित में सात सूत्रीय मांग की है।
जिसमें जनसंख्या नियंत्रण कानून, समान नागरिक संहिता, भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए, बेटियों की शिक्षा मुफ्त हो, गोवंश को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए एवं ग्राम स्तर पर गौ सेवा प्रधान के द्वारा हो। रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए और इसे विभिन्न पाठ्यक्रमों में अनिवार्य किया जाए। योग्यता के आधार पर बेरोजगारों को नौकरी दी जाए और राष्ट्र को बेरोजगारी से मुक्त किया जाए। परमहंस दास ने पत्र में लिखा है कि यदि इन मांगों को पूरा नहीं किया जाता तो फिर इच्छामृत्यु का आदेश दिया जाए।