अयोध्या। मयंक श्रीवास्तव: अयोध्या भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग को लेकर पिछले 15 दिन से आमरण अनशन पर बैठे अयोध्या की प्राचीन तपस्वी की छावनी के महंत परमहंस दास ने अपना अनशन स्थगित कर दिया है। उन्होंने यह निर्णय गृह मंत्री अमित शाह के निजी सचिव से फोन पर बात करने के बाद लिया परमहंस दास ने कहा कि वर्ष 2023 तक अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया जाता है तो वह फिर से अपना अनशन शुरू करेंगे। राम नगरी की प्राचीन पीठ तपस्वी जी की छावनी के महंत परमहंस दास लगातार भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की अपनी मांग उठाते रहे हैं। 12 अक्टूबर की सुबह 5:00 बजे से उन्होंने अपनी इस मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया था।
अनशन के नौवें दिन उनकी शरीर के वजन में 9 किलोग्राम की कमी दर्ज की गई थी जिसके बाद चिंतित प्रशासन ने उन्हें तपस्वी जी की छावनी से जबरन उठाकर अस्पताल में भर्ती करा दिया था। प्रशासनिक अधिकारियों के कई बार अनुरोध करने के बावजूद परमहंस दास अपने निर्णय पर अडिग रहे और उन्होंने अस्पताल में भी अपना अनशन जारी रखा। उन्होंने अन्य जल ना लेने का निर्णय लिया। परमहंस दास का घटता वजन और उनकी स्वास्थ्य की चिंता को लेकर नगर विधायक ने उनकी बात गृह मंत्री अमित शाह के निजी सचिव से करवाई। उन्हें 2 महीने बाद गृह मंत्री से मीटिंग कर अपनी बात रखने का आश्वासन मिला। इसके बाद उन्होंने अनशन स्थगित करने का निर्णय लिया। अनशन समाप्त करने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान परमहंस दास ने स्पष्ट किया कि उनकी मांग अभी पूरी नहीं हुई है।
गृह मंत्री के साथ मीटिंग करने का आश्वासन मिला है लिहाजा उन्होंने अपना अनशन स्थगित किया है अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती तो अक्टूबर 2023 में एक बार फिर से वह अन्य जल त्याग कर अनशन पर बैठेंगे। वही गृह मंत्री से निजी सचिव से बातचीत के बाद परमहंस दास ने कहा कि 2 महीने के भीतर गृह मंत्री के निजी सचिव से बात करने के बाद उन्होंने अपना अनशन स्थगित किया है। हिंदू राष्ट्र की स्थापना जन जागरण अभियान के तौर पर मानते हैं। ऐसा होने से भारत की सनातन संस्कृत की सुरक्षा हो सकेगी। परमहंस दास ने कहा कि मुझे विश्वास है कि वर्ष 2023 तक भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाएगा अगर ऐसा नहीं होता तो वर्ष 2023 के अक्टूबर महीने में एक बार फिर से वह आमरण अनशन शुरू करेंगे
परमहंस दास ने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर आना उनके जीवन का लक्ष्य बन गया है। गृहमंत्री के निजी सचिव ने बताया कि अमित शाह के संज्ञान में उनकी मांग आई है, जिससे वह खुद इस विषय में उन से चर्चा करना चाहते थे।